माता पिता पर निबंध

Essay on Parents in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम माता पिता पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में माता पिता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

इस निबंध में हमारे जीवन में माता-पिता की क्या भूमिका है, माता पिता हमारे लिए क्या-क्या करते हैं, हमारा माता पिता के प्रति क्या कर्तव्य होता है, माता और पिता को धरती पर भगवान का दर्जा क्यो दिया गया है, माता-पिता से ही हमारी पहचान क्यो होती है, इन सभी बातों के बारे में आज हम इस निबंध में आपको जानकारी प्रदान करेंगे।

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माता पिता पर निबंध | Essay on Parents in Hindi

माता पिता पर निबंध (250 शब्द).

हमारी जिंदगी में माता पिता अनमोल उपहार की तरह होते हैं। जिसकी कोई कीमत नहीं होती है। माता पिता के बिना हमारे जीवन का कोई अर्थ नही होता, अगर भगवान के बाद दूसरा स्थान किसी को दिया जाता है तो वह हमारे माता-पिता को दिया जाता है।  माता-पिता के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते । हमको इस दुनिया में लाने वाले हमारे माता-पिता ही होते हैं। माता पिता द्वारा हमारे जीवन का कोई मोल हो ही नहीं सकता।

हमारे जीवन में बचपन से लेकर बड़े होने तक माता पिता बहुत भूमिकाएं निभाते हैं। वह हमें बहुत प्यार करते हैं, भले ही हम कितने भी बड़े हो जाए लेकिन उनकी नजर में हमेशा बच्चे ही रहते हैं। दुनिया की हर रिश्ते में आपको झूठ बेईमानी देखने को मिल सकती है, पर मां-बाप का रिश्ता निस्वार्थ होता है। हमेशा अपने बच्चों की भलाई में ही उनकी पूरी जिंदगी लग जाती है।

मां-बाप हमारे लिए बहुत से कार्य करते हैं हमारे जीवन में हर आने वाली मुसीबतों को वह अपने ऊपर ले लेते हैं। जीवन की किसी भी बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को हम अपने मां-बाप के फायदा से आसानी से पार कर लेते हैं। मां-बाप हमें बहुत अच्छे संस्कार प्रदान करते हैं, और जीवन में हमेशा आगे बढ़ने की सही राह दिखाते हैं। सही शब्दों में वह हमारे अच्छे और सच्चे मार्गदर्शक भी होते हैं।

माता पिता पर निबंध ( 1200 शब्द)

हमारे जीवन में माता पिता का महत्व बहुत अनमोल है। माता पिता अपने बच्चों के लिए अपने जीवन में बहुत ऐसे कार्य करते हैं,जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता। मां बाप अपने बच्चों की खुशी के लिए उनकी जरूरत से ज्यादा बच्चों की सभी खुशियों की पूर्ति करते हैं। मां बाप को भगवान से भी ऊंचा दर्जा प्रदान किया गया है, लेकिन फिर भी आज हमारे देश में मां बाप के बुजुर्ग होने के बाद उनकी बहुत दयनीय स्थिति देखने को मिलती है। लोग बड़े होने के बाद में अपने मां बाप को अकेले सड़क पर छोड़ देते हैं, या फिर उनको वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया जाता है। यह हम सभी के लिए बहुत ही गंभीर समस्या बनी हुई है।

माता पिता का निस्वार्थ प्यार

माता पिता का प्यार इस दुनिया में बिना किसी स्वार्थ का प्यार होता है वह अपने बच्चों से कभी भी किसी मतलब की है प्यार नहीं करते सबसे पवित्र माता-पिता का ही प्यार होता है। मां बाप की उपस्थिति हमें इस दुनिया में सबसे ज्यादा भाग्यशाली बनाती है। माता पिता के द्वारा दिए गए प्यार उनके त्याग सम्मान को किसी को भी अपने जीवन में नहीं भूलना चाहिए जब भी आप अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं तो उनके द्वारा दिए गए संस्कार और सीख हमेशा अपने जीवन में याद रखनी चाहिए क्योंकि हमारा नाम हमारे मां-बाप की वजह से ही आगे बढ़ता है हमें एक पहचान अपने मां-बाप के द्वारा ही मिलती है इसीलिए उनके प्यार को कभी नहीं भूलना चाहिए।

मां बाप की बच्चों के विकास में भूमिका

मां बाप अपने बच्चे के जन्म से ही उसके जीवन को सुयोग बनाने की पूरी कोशिश करते हैं वह उनके जन्म के बाद भी उनकी छोटी-छोटी खुशियों और जरूरतों को प्यार के साथ पूरा करते हैं। माता पिता के द्वारा ही बच्चों के विकास में हमारे समाज में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है बच्चे की पहली गुरु उसकी मां होती है और दृढ़ विश्वास और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा उसके पापा की वजह से आती है।

बहुत से बच्चों के माता-पिता ऐसे होते हैं जो उनके बच्चों के जीवन की खुशियों को पूरा नहीं कर सकते लेकिन फिर भी वह बहुत अधिक प्रयास करते हैं अपने बच्चों को सारी खुशियां दे सकें उन सभी माता-पिता ओं के पास में पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव होता है लेकिन फिर भी अपने बच्चों को बढ़ने में वह बहुत प्रयास करते हैं और उनको हमेशा खुश रखते हैं

करते हैं कड़ी मेहनत अपने बच्चों के लिए

सभी माता-पिता अपने बच्चों को जीवन में आगे बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं। इसके लिए वह हर संभव प्रयास करते हैं, जिससे उनको जीवन में आगे बढ़ाया जा सके। सभी मां बाप यह चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में तथा हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर उनका नाम रोशन कर रहे। इसके लिए वह सभी उनकी जो जरूरत की चीजें होती है उन सभी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, और बहुत अधिक प्रयास करते हैं कि वह अपने लक्ष्य को पा सके। माता पिता अपने बच्चों के सही मार्गदर्शक और शिक्षक के रूप में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।

माता पिता के लिए बच्चों के कर्तव्य

सभी बच्चों को अपने मां बाप को हमेशा खुश रखने का प्रयास करना चाहिए। हम अपने बचपन में जब छोटे थे, तो हमारे प्रिय माता-पिता ने हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में जीवन की छोटी से छोटी बड़ी से बड़ी खुशी के लिए अपने जीवन को हमारे लिए ही पूरा समर्पित कर दिया। जब हमारे माता-पिता बुजुर्ग होते हैं तो उनका हमें बहुत अच्छे से ख्याल रखना चाहिए, और यह बात कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमको जीवन के जिस मुकाम पर पहुंचाया है वह हमारे माता-पिता ही है। हमको माता पिता की सेवा, त्याग, परिश्रम, को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। माता पिता को उनके वृद्धावस्था में बहुत प्यार प्रेम के साथ में रखना चाहिए। यह नहीं कि बड़े होने के बाद आप उनकी सभी बातों को भूल जाओ और किसी वृद्धआश्रम में छोड़ दो, ऐसा करना आप सभी के लिए बहुत गलत होगा।

माता पिता की वृद्धावस्था

आज के समय में हमें जब माता-पिता बूढ़े हो जाते हैं तो लोग अक्सर उनको वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। उनके द्वारा हमारे जीवन में किए गए कार्य प्यार सम्मान मेहनत परिश्रम कुछ भी बच्चों को दिखाई नहीं देता। ऐसे लोगों को अपनी जिंदगी में धिक्कार है, जो अपने माता-पिता को इस तरह वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं, क्योंकि वह उनके महत्व को भूल जाते हैं कि उनके लिए उनके जीवन में माता-पिता ने क्या-क्या किया था। सभी बच्चों को वृद्धावस्था में अपने मां-बाप को बहुत खुश रखना चाहिए। आपके द्वारा की गई सेवा से उनका कर्ज उतारने का यह एक अच्छा तरीका है। हमेशा अपने मां-बाप का सम्मान करना चाहिए, और अपनी सेवा के द्वारा उनको हमेशा प्रसन्न रखना चाहिए ।

मां-बाप का कर्ज हमारे जीवन में

हम सभी को इस दुनिया में लाने में मां-बाप का ही योगदान होता है। भगवान को भी मां ने ही जन्म दिया था।सबसे बड़ा हमारे जीवन का यही कर्ज है जो हम कभी चाह कर भी नहीं उतार सकते। हमारे माता-पिता हमको इस दुनिया में लेकर आए। हमारे लिए यह सबसे बड़ी सौभाग्य की बात रही है। इस पूरी धरती पर बहुत से ऐसे लोग भी हैं। जिनको मां-बाप का सुख भी नसीब नहीं हुआ उन व्यक्तियों से पूछो कि उनके जीवन में मां बाप की क्या अहमियत रही होगी। इसीलिए सभी लोगों को बुढ़ापे में अपने मां-बाप की सेवा करनी चाहिए।

सभी लोगों को अपने माता पिता का महत्व अपने जीवन में कभी नहीं भूलना चाहिए। माता पिता भगवान के समान ही पूजनीय होते हैं। हमारे देश में पहले भी श्रवण कुमार जैसे बेटे ने अपने माता-पिता की सेवा करते ही अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था, तो सभी को चाहिए की मां बाप की उनके बुढ़ापे में सेवा करके उनको सम्मान पहुंचाएं।  हमेशा उन को खुश रखने के प्रयास करे। उन्होंने आपके जीवन में जो कार्य किया है, उसके लिए हमेशा अपने माता-पिता का आभारी उनके ही रहना चाहिए।

आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया माता पिता पर निबंध (Essay on Parents in Hindi) पसंद आया होगा। अगर आपको इस से जुड़ी हुई किसी अन्य जानकारी के लिए जाना है तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते हैं।

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माता-पिता की जिम्मेदारियाँ

माता-पिता की ज़िम्मेदारीयाँ: Responsibilities of Good Parents Essay in Hindi

माता-पिता सभी के लिए सबसे प्रिय होते हैं और सभी बच्चे भी अपने माँ-बाप की आँखों के तारे होते हैं। इस दुनिया में हमारा अस्तित्व ही उनकी वजह से है, और माता-पिता अपने बच्चों से निःस्वार्थ प्रेम करते हैं। सभी माँ-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे खुश रहें, वे तरक्की करें और बेहतर जीवन बिताएँ। और इसके लिए बच्चों को सही परवरिश देना बहुत ज़रूरी है। तो आइए जानते हैं कि माता-पिता की नैतिक जिम्मेदारियाँ क्या हैं?

Responsibilities of Parents in Hindi

सभी माता-पिता को यह जानना ज़रूरी है कि बचपन में हम अपने बच्चों को जो सिखाते हैं, वो जीवन-भर उसके साथ रहता है। कम उम्र में ही अगर बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार सिखा दिए जाएँ, तो बड़े होकर वो एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बन सकते हैं। इसलिए हर माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि बचपन से ही बच्चों को अच्छी सिख दें।

माता-पिता की ज़िम्मेदारीयाँ

  • हर उम्र का बच्चा माता-पिता के बर्ताव की नकल करता है, इसलिए उसके सामने सही बर्ताव करें।
  • अगर अभिभावक कहते हैं कि झूठ बोलना ग़लत है तो खुद भी झूठ न बोलें।
  • घर के माहौल का बच्चे पर बहुत असर होता है।
  • घर में लड़ाई-झगड़ा हो, तो बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। माता-पिता के बीच विवाद हो तो बच्चे के सामने न उलझें, अकेले में सुलझाएँ।
  • बच्चे पर बार-बार हाथ उठाया जाए, तो उसे बेइज़्ज़ती महसूस होती है। इससे बच्चा या तो दब्बू या ढीठ बन जाता है।
  • बच्चे को सख़्त सजा देना भी अच्छा नहीं है।
  • बच्चा कुछ अच्छा करे, तो उसकी तारीफ़ करना और इनाम देना चाहिए। इनाम के तौर पर उसे कहानी सुनाएँ, घुमाने ले जाएँ, आदि।
  • बच्चे के जन्म से ही उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरुरी है।
  • बीमारियों से बचाने के लिए नियमित रूप से टीके लगवाने चाहिए। बच्चा बीमार पड़े, तो उसका उचित इलाज जरुरी है।
  • बच्चे को उम्र के अनुसार सही भोजन देना चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि उसका सही विकास हो रहा है या नहीं।
  • बच्चों को उनकी पसंद के कपड़े और खिलौने दें।
  • लड़का हो या लड़की- दोनों को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए।
  • खेलने-खाने की उम्र में उनसे मज़दूरी नहीं करानी चाहिए।
  • उन्हें बोलने और उनके विचार रखने की आजादी देनी चाहिए। घर के फ़ैसलों में उनकी भी राय लेनी चाहिए।
  • उन्हें अच्छे संस्कार देने चाहिए और अच्छी बातें सीखनी चाहिए। जैसे- सच बोलना, चोरी न करना, बड़ों और महिलाओं का आदर करना, अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों को समझना आदि।
  • बच्चा शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर हो तो माँ-बाप की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है।
  • ऐसे बच्चे के माता-पिता को मान लेना चाहिए कि बच्चे में कोई कमी है। ऐसा करने से समस्याएँ कम हो जाती हैं।
  • डॉक्टर की सलाह से बच्चे की परेशानियों को कम करने के उपाय किए जा सकते हैं। उन्हें काबिल बनाया जा सकता है।

परिवार की ख़ुशहाली के लिए अच्छे संबंध आवश्यक हैं। पारिवारिक संबंध मज़बूत हों, तो परिवार सुखी और सुरक्षित रहता है। माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि उनका बच्चा स्वस्थ, शिक्षित, होनहार, संस्कारी और ज़िम्मेदार व्यक्ति बने।

इसे भी पढ़ें: छोटा-परिवार, सुखी-परिवार का महत्व

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Essay on parents in hindi माता पिता पर निबंध.

Read essay on Parents in Hindi. माता पिता पर निबंध। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए माता पिता पर निबंध हिंदी में।

Essay on Parents in Hindi – माता पिता पर निबंध

hindiinhindi Essay on Parents in Hindi

Essay on Parents in Hindi 150 Words

मुझे अपने माता-पिता से बहुत प्यार है। वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मै उनसे एक दिन भी अलग नही रह सकता हूँ। मैं हमेशा खुश रहता हूँ, जब मेरे माता-पिता मेरे साथ होते है। मेरे पिता जी अध्यापक है। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। मेरे पिताजी बहुत मेहनती इंसान है। मेरे पिता जी बडी ही खूबसूरती से गिटार बजाते है और वह शतरंज के भी बहुत अच्छे खिलाडी है।

मेरे पिताजी हमेशा गरीबो की मदद करते है। मेरी मॉ बहुत सुन्दर और वह बहुत अच्छा खाना बनाती है। मेरे मॉ भी दिल्ली से ही है। वह एक गृहिणी है। रात को मेरी माँ मेरे को बहुत सुन्दर कहानी सुनाती है। मेरे माता पिता मेरी पढ़ाई में मदद करते है। वह हमेशा मुझे सिखाते है कि झूठ न बोलो। हर हफते वह हमें कही न कही घुमाने ले जाते है। मुझे अपने माता पर गर्व है।

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माता-पिता के प्रति हमारे कर्तव्य

हमें जन्म देने और इस संसार में लाने वाले हमारे माता-पिता ही होते हैं। वे हमारे जीवनदाता होते हैं। हमें मात्र जीवन प्रदान करते हैं, ऐसा नहीं है; बल्कि हमें इस जीवन को सुखपूर्वक और आनन्द के साथ जीने के काबिल भी बनाते हैं। वे हमारी देखभाल ही नहीं करते हैं अपितु स्थिति के अनुकूल अथवा प्रतिकूल होने पर भी वो हमारी शिक्षा आदि की अपनी क्षमता से अधिक प्रभावशाली व्यवस्था भी करते हैं; ताकि हम न केवल मानवीय-सामाजिक जीवन व्यवहार के लायक बन सकें, अपितु अपने व्यक्तिगत जीवन को भी सुन्दर और सुखद बना सकें।

हमारे जीवन में हमारे माता-पिता की अविस्मरणीय भूमिका होती है। हम अपने जीवन में जो स्थान या पद प्राप्त करते हैं उसमें हमारी मेहनत और परिश्रम की जितनी भूमिका होती है, उससे कहीं अधिक हमारे आदरणीय माता-पिता का योगदान होता है। सच पूछा जाए तो माता-पिता की मजबूत हथेलियाँ उस सुदृढ़ नींव का काम करती हैं जिस पर हमारे भविष्य की सुन्दर इमारत खड़ी होती है।

किन्तु आज-कल स्थिति अत्यंत सोचनीय होती जा रही है। इधर कुछ वर्षों से हमारे सामाजिक-पारिवारिक संबंधों में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं, जिनका हमारे भावी समय पर अत्यंत गंभीर प्रभाव पड़ने वाला है। हमारे सामाजिक-पारिवारिक संबंध आज कमजोर और शिथिल पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। अगर हमारा समाज अपने संबंध, चेतना और परम्परा को लेकर इसी भांति उदासीन और विमुख होता गया तो निश्चित है कि हमारा आदर्शात्मक अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

वस्तुत: संबंध का आधार होता है समर्पण और कर्तव्य-पालन की भावना ही है। जिस समय और जिस संबंध में से यह चेतना समाप्त अथवा गौण हो जाती है उस संबंध की आयु तेजी से क्षीण होती चली जाती है। अत: हमें सदैव इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि अपने संबंधों के प्रति पूर्णतः समर्पित और कर्तव्य-परायण बने रहें । इसी से हमारे संबंध चिरायु हो सकेंगे।

हमारा सबसे ज्यादा करीबी और मन के पास का संबंध हमारे माता-पिता से ही होता है। यह संबध और लगाव हमें हमारे जन्म के साथ ही प्राप्त होता है और फिर कभी भी वह संबंध समाप्त नहीं होता। सदैव, हमारे साथ भी हमारे बाद भी वह संबंध बना रहता है।

आज इस अत्यंत महत्वपूर्ण और करीबी संबंध की सर्वाधिक उपेक्षा हो रही है। आज भौतिकवाद का प्रभाव आम आदमी पर इतना ज्यादा चढ़ चुका है कि उसमें मूल्य-हीनता का सा वातावरण व्याप्त है। घर के बुजुर्ग, जो आज शारीरिक रूप से शिथिल हो चुके हैं और स्वयं अपने प्रयास से ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते, उन्हें हम समुचित आदर और सम्मान बिलकुल भी नहीं देते। हम उन्हें घर में पड़ी अन्य पुरानी वस्तुओं से ज्यादा कुछ भी नहीं समझते। और जल्द से जल्द उनसे छुटकारा पाने की चेष्टा रखते हैं।

आज वह समय आ गया है, जब बुजुर्ग लोग रिक्शा चलाते, बोझा ढोते अथवा अत्यंत जीर्ण अवस्था में भीख मांगते हमें सहज ही दिख जाते हैं। ऐसा नहीं है कि वे दुनिया में अकेले होते हैं। सोचने की बात है कि उनका पूरा परिवार उसी शहर में आराम की जिंदगी जी रहा होता है, जिसमें वह बुर्जुग हमें भीख मांगता दिखाई देता है।

हम भारतीयों को अपने उन कर्तव्यों का स्मरण आज अनिवार्य रूप से करना ही होगा जिन्हें हम छोड़ चुके हैं। जो माता-पिता जिन्दगी भर हमें सुख-सुविधाओं की प्राप्ति कराते रहते हैं। उन्हें हम उनके बुढ़ापे में आराम न दे सकें, यह हमारी और हमारे समाज की अमानवीयता ही कहलाएगी।

आज समय आ गया है जब हमें अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी और सहजता के साथ अनिवार्यत: करना होगा। अन्यथा यह समाज कब ढह जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

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विद्यार्थी जीवन में माता-पिता की भूमिका पर निबंध | Essay On Role Of Parents And Teachers In Students Life In Hindi

नमस्कार साथियों आपका स्वागत हैं, आज हम विद्यार्थी जीवन में माता-पिता की भूमिका पर निबंध | Essay On Role Of Parents And Teachers In Students Life In Hindi   का निबंध लेकर आए है.

आज के निबंध, भाषण, अनुच्छेद, स्पीच में यह जानने का प्रयत्न करेगे कि स्टूडेंट लाइफ (विद्यार्थी जीवन) में बच्चों के प्रति माता- पिता पेरेंट्स अथवा शिक्षक (टीचर्स) का क्या दायित्व कर्तव्य योगदान महत्व और उनकी भूमिका हैं.

विद्यार्थी जीवन में माता-पिता की भूमिका पर निबंध

वैसे तो हमारे सम्पूर्ण जीवन में अपने माता- पिता का अहम किरदार हैं, मगर जब बात विशेष रूप से छात्र जीवन की करी जाए तो उनकी जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ जाती हैं.

यकीनन एक बालक के जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कोई अवधि होती हैं तो वह स्टूडेंट लाइफ ही हैं. बालक के सम्पूर्ण भावी जीवन की नीव भी विद्यार्थी जीवन अथवा बाल्यावस्था या किशोरावस्था ही होती हैं.

एक नाजुक उम्रः के दौर में बच्चों को स्वयं के भले बुरे की समझ नहीं होती हैं. वे अपने कर्तव्यों को पूरा करने की बजाय अपने मन को अधिक सुख देने वाले कार्य में अधिक भाग लेते हैं जैसे खेलना आदि.

एक सफल विद्यार्थी बनने के लिए यह नितांत जरूरी हैं कि माता पिता एवं शिक्षक बच्चें का पूरा ख्याल करें. उनके सहयोग और मार्गदर्शन से ही छात्र जीवन को सफल बनाया जा सकता हैं.

विद्यार्थी जीवन में पेरेंट्स का बच्चों को भरपूर सहयोग एवं मार्गदर्शन नहीं मिलता हैं तो वह समुचित रूप से शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकेगा. बालक की अनौपचारिक शिक्षा से उसके परिवार से ही शुरू होती हैं, वह बोलना चीजों को समझना अपने परिवार से ही शुरू करता हैं.

इसी कारण माँ को बच्चे की प्रथम गुरु कहा जाता हैं. जब छात्र माँ बाप की छाया से निकलकर स्कूल जाता हैं तो अध्यापक उसे प्रशिक्षित करते हैं तथा घर आने पर माता पिता ही उसे गाइड करते हैं समस्त शैक्षिक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाता हैं.

छात्र अपने बाल्यकाल में दो तरह की शिक्षा प्राप्त करता हैं पहली सैद्धांतिक जो उसे विद्यालय में गुरु द्वारा दी जाती हैं, जबकि माता- पिता द्वारा उसे व्यवहारिक शिक्षा दी जाती हैं. जैसे उसे किनके साथ कैसा व्यवहार करना हैं.

समाज के साथ जीवन कैसे जिया जाता हैं, मानवीय मूल्यों एवं संस्कारों को नीव परिवार में ही रखी जाती हैं. अच्छा छात्र बनने में सारी मेहनत बालक स्वयं करता है मगर उसे सही दिशा तो पेरेंट्स और टीचर ही दिखाते हैं.

छात्र जीवन में माता पिता की क्या भूमिका हैं इसे सही ढंग से परिभाषित करने के लिए यह कहे कि बच्चों के जीवन को आकार देने वाले सांचे की भूमिका माँ बाप और अध्यापक की होती हैं. बच्चों को जन्म से प्यार दुलार और उनकी देखभाल की जाती हैं.

उन्हें संस्कार सिखाए जाते हैं तथा भावी जीवन के लिए तैयार किया जाता हैं. उम्रः की दो महत्वपूर्ण अवस्थाएं बाल्यावस्था और किशोरावस्था मूल रूप से विद्यार्थी जीवन के दौरान ही होती हैं.

खासकर किशोरावस्था में बालक एक कठिन दौर से होकर गुजरता हैं, अमूमन बच्चें यहाँ सही मार्गदर्शन न पाकर राह भटक जाते हैं. इस उम्रः में लड़के लड़की पर माता-पिता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पडती हैं.

अन्यथा गलत दोस्तों की राह पर चलकर अपने भविष्य को अन्धकार में भी धकेल सकते हैं. माता- पिता को बालक के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए.

पेरेंट्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विद्यार्थी काल में उन्हें अपने तरीके से पढ़ने, उनकी रूचि के मुताबिक़ विषय चयन का अवसर दिया जाना चाहिए.

कई बार अधिक अपेक्षाओं और अपने निर्णयों को बच्चों पर थोपने के कारण वे उस बोझ तले दब जाते हैं इस कारण उनकी प्रतिभा निखरने की बजाय खत्म हो जाती हैं. माँ बाप को अपने जीवन के सच्चे अनुभव भी बच्चों के साथ साझा करना चाहिए जो उनके लिए उपयोगी हो.

हम ऐसे पेरेंट्स से भी मिलते हैं जो बच्चों को बस अपनी मर्जी के मुताबिक़ चलाना चाहते हैं. उनकी इच्छा रहती हैं कि किसी तरह उसका बच्चा हर क्षेत्र में प्रथम आए जिससे समाज में उनका स्टेट्स बढ़ सके. भले ही इस झूठी शानो शौकत में बच्चे का बचपन भी खत्म हो जाए.

जब बच्चा प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहा होता हैं तो माता पिता उनके लिए अच्छे आईआईटी या मेडिकल कॉलेज को खोज में लग जाते हैं. यह मानसिकता बच्चों के न केवल विद्यार्थी काल को बर्बाद कर देगी बल्कि उसे एक मानसिक रोगी भी बना देगी, इसलिए उन्हें निर्बाध रूप से रूचि के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर दीजिए.

उक्त विवरण से स्पष्ट है विद्यार्थी जीवन में माता पिता का उच्च स्थान हैं. वहीँ बच्चों के भी कुछ दायित्व हैं. माता- पिता हमारे लिए ईश्वर से बढ़कर पूजनीय हैं उनका स्थान सबसे ऊंचा हैं, हमारे लिए वे ही सृष्टि के रचयिता हैं.

हमें सदैव उनका सम्मान देना चाहिए तथा उनके आशीर्वाद से जीवन में कामयाबी प्राप्त करनी चाहिए. हमारा अच्छा शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास केवल माता-पिता के सानिध्य उनके प्रेम में ही सम्भव हैं.

हम एक अच्छे सफल मनुष्य बन सके, इसके लिए वे अपना पूरा जीवन दांव पर लगा देते हैं. हमें अपने पेरेंट्स और टीचर्स को सम्मान देना चाहिए क्योंकि वे इसके अधिकारी हैं तथा हमारा यह कर्तव्य भी हैं.

एक संदेश माता पिता पेरेंट्स के लिए भी हैं, वे बड़े होकर अपने पुत्र पुत्री को डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट, सी.ए. जैसे किसी पद पर बैठा हुआ देखना चाहते हैं, अपने इस सपने को साकार करने के लिए उन्हें महंगी शिक्षा दिलाते हैं ट्यूशन भी करवाते हैं.

मगर उन्हें चरित्रवान, संस्कारी बनाने की तरफ ध्यान किसी का नहीं जाता हैं. आज के छात्रों में इन नैतिक मूल्यों की कमी देखने को मिलती हैं. इसके साथ ही बच्चों को खेलों से बिलकुल अलग थलग कर दिया हैं जो कि शिक्षा और समुचित विकास का एक अंग हैं,

बच्चों को इनडोर गेम्स के साथ ही साथ बाहर के खेल खेलने का अवसर देवे, उनके साथ समय बिताएं, उन्हें छोटी छोटी कामयाबियों पर प्रोत्साहन देने, अपने बच्चें को सुने उनके विचारों को सम्मान देवे.

इससे फायदा यह होगा कि बालक भी अपने माता- पिता को सम्मान देगे. विद्यार्थी जीवन में यदि पेरेंट्स और बच्चों के मधुर और नजदीकी सम्बन्ध रहते हैं तो शेष जीवन में भी उसकी छाप दिखाई देती हैं.

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Essay on My Family in Hindi – मेरा परिवार पर निबंध

Essay on My Family in Hindi: दोस्तो आज हमने  मेरा परिवार पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500+ Words Essay on My Family in Hindi

परिवार किसी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास एक छोटा या बड़ा परिवार है, जब तक आपके पास एक है। एक परिवार बच्चे के लिए पहला स्कूल होता है, जहाँ व्यक्ति विभिन्न चीजों के बारे में सीखता है। किसी की संस्कृति और पहचान के बारे में बुनियादी ज्ञान उनके परिवार से ही आता है। दूसरे शब्दों में, आप अपने परिवार का प्रतिबिंब हैं। सभी अच्छी आदतों और शिष्टाचारों को शामिल किया गया है जो केवल उनके परिवार से हैं। मैं एक परिवार में पैदा होने के लिए बहुत भाग्यशाली महसूस करता हूं जिसने मुझे एक बेहतर इंसान बनाया है। मेरी राय में, परिवार किसी के होने का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। अपने परिवार पर इस निबंध में, मैं आपको बताऊंगा कि परिवार महत्वपूर्ण क्यों है।

Essay on My Family in Hindi

परिवार महत्वपूर्ण क्यों हैं?

परिवार एक आशीर्वाद हैं जो हर किसी के लिए भाग्यशाली नहीं होते हैं। हालांकि, जो लोग करते हैं, कभी-कभी इस आशीर्वाद को महत्व नहीं देते हैं। कुछ लोग स्वतंत्र होने के लिए परिवार से दूर समय बिताते हैं।

हालांकि, उन्हें इसके महत्व का एहसास नहीं है। परिवार आवश्यक हैं क्योंकि वे हमारी वृद्धि में मदद करते हैं। वे हमें एक व्यक्तिगत पहचान के साथ एक पूर्ण व्यक्ति बनने में विकसित करते हैं। इसके अलावा, वे हमें सुरक्षा और एक सुरक्षित वातावरण में पनपने का एहसास दिलाते हैं।

हम केवल अपने परिवारों के माध्यम से समाजीकरण करना सीखते हैं और अपनी बुद्धि का विकास करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं, वे अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं। वे मुसीबत के समय आपकी चट्टान की तरह काम करते हैं।

परिवार ही वे होते हैं जो आप पर विश्वास करते हैं जब पूरी दुनिया आप पर संदेह करती है। इसी तरह, जब आप नीचे और बाहर होते हैं, तो वे आपको खुश करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं। निश्चित रूप से, आपकी तरफ से एक सकारात्मक परिवार होना एक सच्चा आशीर्वाद है।

शक्ति के स्तंभ

मेरा परिवार हमेशा उतार-चढ़ाव में मेरी तरफ से रहा है। उन्होंने मुझे सिखाया है कि बेहतर इंसान कैसे बनें। मेरे परिवार में चार भाई-बहन और मेरे माता-पिता शामिल हैं। हमारे पास एक पालतू कुत्ता भी है जो हमारे परिवार से कम नहीं है।

प्रत्येक परिवार के सदस्य के भीतर, मेरी ताकत निहित है। मेरी माँ मेरी ताकत है क्योंकि मैं हमेशा उस पर भरोसा कर सकती हूं जब मुझे रोने के लिए कंधे की जरूरत होती है। वह किसी भी अन्य व्यक्ति से अधिक मुझ पर विश्वास करती है। वह हमारे परिवार की रीढ़ हैं। मेरे पिता वह हैं जो हमेशा अपने परिवार की खातिर अपनी परेशानियों को छिपाते हैं।

उन्होंने मुझे ताकत का असली मतलब सिखाया है। मेरे भाई-बहन मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं जिन पर मैं हमेशा फ़िदा हो सकता हूँ। यहां तक ​​कि मेरे पालतू कुत्ते ने भी मुझे वफादारी का मतलब सिखाया है। जब भी मुझे अच्छा नहीं लगता वह हमेशा मुझे खुश करता है। मेरा परिवार मेरी शक्ति है जो मुझे नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

संक्षेप में, मैं हमेशा अपने परिवार के लिए ऋणी रहूंगी जो उन्होंने मेरे लिए किया है। मैं उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता। वे मेरे पहले शिक्षक और मेरे पहले दोस्त हैं।

वे घर पर मेरे लिए एक सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। मैं अपने परिवार के साथ सब कुछ साझा कर सकता हूं क्योंकि वे कभी एक दूसरे का न्याय नहीं करते हैं। हम हर चीज से ऊपर प्रेम की शक्ति में विश्वास करते हैं और यही हमें एक दूसरे को बेहतर इंसान बनाने में मदद करने के लिए प्रेरित करती है।

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Essays - निबंध

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मेरा परिवार पर निबंध (My Family Essay in Hindi)

मेरा परिवार

एक छत के नीचे जहां व्यक्तियों का समुह निवास करता है, तथा उनके मध्य खून का संबंध होता है उसे परिवार की संज्ञा से संदर्भित करते हैं। इसके अतिरिक्त शादी का तथा गोंद लेने पर भी यह परिवार के संज्ञा में शामिल हो जाते हैं। मूल तथा संयुक्त यह परिवार के स्वरूप हैं। छोटे परिवार को एकल परिवार या मूल परिवार कहते हैं, इसमें दम्पत्ति के साथ उनके दो बच्चे परिवार के रूप में निवास करते हैं। इसके विपरीत बड़ा परिवार जिसे संयुक्त परिवार के नाम से भी जाना जाता है, इसमें एक पीड़ी से अधिक लोग निवास करते हैं, जैसे दादा-दादी, नाना-नानी, चाचा-चाची आदि।

मेरा परिवार पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Family in Hindi, Mera Pariwar par Nibandh Hindi mein)

मेरा परिवार पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

सामान्यतः कुछ व्यक्तियों का समूह जिनमे रक्त सम्बन्ध, विवाह सम्बन्ध आदि होते है, उन्हें परिवार कहा जाता है। वास्तविक परिवार वह होता है जो जरुरत के समय एक दूसरे के लिए सदैव उपस्थित रहता है। मेरा परिवार संयुक्त परिवार की श्रेणी में आता है, जिसमें माता-पिता तथा हम तीन भाई बहनों के अलावां दादा दादी भी रहते हैं।

मेरे परिवार की विशेषता

मेरे परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे को अच्छे से समझते है। हम सभी एक दूसरे की कार्य करने में सहायता करते है। वर्तमान समय के, व्यस्तता भरे जीवन में संयुक्त परिवार का प्रचलन कम होता जा रहा है। अब ज्यादा-तर मूल परिवार ही समाज में देखने को मिलते हैं। जीवन के भागा-दौड़ में, संयुक्त परिवार विभक्त होकर जहां मूल परिवार के रूप में परिवर्तित हो गए है, वहीं मूल परिवार का आकार भी अब छोटा होने लगा है। हम सभी एक साथ खुशी से रहते है।

मेरे परिवार की जीवनचर्या

व्यक्ति के सही व्यक्तित्व का निर्माण परिवार द्वारा ही सम्भव है। मेरे परिवार में रहने वाले दादा जी तथा दादी माँ, बेशक मुझे रोज़ कहानीयाँ नहीं सुनाते पर अपने समय की बाते बताते रहते है, जिसे सुनना अपने आप में एक आनंद है। इसके साथ ही जीवन को सही ढ़ंग से जीने की प्रेरणा मिलती है।

व्यक्ति के जीवन में शारीरिक, आर्थिक तथा बौद्धिक विकास के लिए पूर्ण रूप से एक परिवार ज़िम्मेदार होता है। सम्भवतः इसलिए व्यक्ति के अच्छे-बूरे कर्मों के लिए समाज सदैव परिवार की सराहना या अवहेलना करता हैं।

मेरे परिवार पर निबंध – 2 (400 शब्द)

मेरा परिवार एक मूल तथा खुशहाल परिवार है, जिसमें माता पिता के साथ मैं और मेरा छोटा भाई रहते है तथा हम मध्यम वर्गीय परिवार के श्रेणी में आते हैं। व्यक्ति के आवश्यकताओं की पूर्ति परिवार, बिना किसी स्वार्थ के करता है। इसलिए हम सब के जीवन में परिवार का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। समाज के इकाई के रूप में भी परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि परिवारों के समुह से समुदाय तथा समुदायों को मिलाने से समाज का निर्माण होता है अतः सही समाज के लिए, आदर्श परिवार का होना अतिआवश्यक है।

व्यक्ति के जीवन में परिवार के स्नेह का महत्व

यह आवश्यक है की, परिवार के मध्य बड़े हो रहे बच्चों को स्नेह दिया जाए तथा सही तरह से उनकी देख-भाल की जाए, समाज में हो रहे अपराधों में ज्यादातर ऐसे अपराधी हैं जो कम उर्म के हैं तथा उन्होंने पहली बार यह अपराध किया होता है। व्यक्ति के साथ परिवार का सही व्यवहार न होने के वजह से व्यक्ति का बौद्धिक विकास नहीं हो पाता तथा वह मानसिक रूप से कई यातनाओं को बर्दाश्त कर रहा होता है। हम अपने भावनाओं को परिवार के साथ बांटते है पर जब परिवार ही हमारे साथ सही व्यवहार न करें तो हमारे व्यक्तित्व में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाता है तथा यह व्यक्ति तो अपराध की ओर अग्रसर करते हैं।

व्यक्ति पर परिवार के नेतृत्व का समाज पर प्रभाव

ऐसे अनेक केस समाज के सामने आये हैं, जिसका शोध करने पर यह पाया गया है की अपराधी का परिवारिक पृष्टभूमि (Family Background) समान्य नहीं है, उसमें तनाव पाया गया गया है। बचपन में अपने पारिवारिक अशांति के वजह से बच्चे के मन मस्तिष्क में गुस्सा बना रहता है जो आगे चल कर परिवार तथा समाज के लिए अफशोस का सबब बनता है। सिर्फ बच्चे के प्रति नैतिक ज़िम्मेदारी पूरी करने से वह सही व्यक्ति नहीं बनता अपितु उसके लिए परिवार में सही वातावरण का होना भी उतना ही आवश्यक है। इससे विपरीप समाज में ऐसे अनेकों उदाहरण मिल जायेगे जिसका परिवार दो वक्त के भोजन के लिए कठिन परिश्रम करता था पर उस परिवार में पले बच्चें आज समाज के महत्वपूर्ण पदों आसीन हैं तथा समाज को विकास की ओर अग्रसर कर रहें हैं।

बच्चा भविष्य में क्या बनेगा यह पूर्ण रूप से बच्चे के परिवार पर निर्भर करता है। सही मार्ग दर्शन के मदद से पढ़ाई में कमजोर बच्चा भी भविष्य में सफलता के नये आयाम को चुमता है इसके विपरीत मेधावी छात्र गलत मार्ग दर्शन के वजह से अपना लक्ष्य भूल जाता है तथा जीवन के दौड़ में कहीं पीछे छुट जाता है।

मेरे परिवार पर निबंध– 3 (500 शब्द)

वह समुह जहां एक दम्पत्ति के साथ दो बच्चे रहते हैं, उसे छोटा मूल परिवार कहा जाता है। एक दम्पत्ति के साथ जहां दो से अधिक बच्चे निवास करते हैं उसे बड़ा मूल परिवार के नाम से जाना जाता है। तथा जहां माता-पिता व बच्चों के अलावां दादा-दादी, चाचा-चाची आदि सदस्य रहते हैं उसे संयुक्त परिवार कहा जाता हैं। मेरा परिवार छोटा संयुक्त परिवार है। जिसमें हम भाई बहनों और माता-पिता के अलावां दादा-दादी भी हमारे साथ रहते हैं।

“वसुधैव कटुम्बकम्” (यह पूरा विश्व हमारा परिवार है)

किसी भी विकसित देश के निर्माण में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवार के विकास से देश विकास की सीढ़ीयां चढ़ता है। परिवार से राष्ट्र का निर्माण होता है तथा राष्ट्रों से विश्व का निर्माण होता है। इसलिए कहा गया है, “वसुधैव कटुम्बकम्” अर्थात यह पूरा विश्व हमारा परिवार है। तथा प्राचीन भारत में इसका बहुत महत्व था जो अब समय के साथ धीरे-धीरे विलुप्त होता जा रहा है। इसका एक प्रमुख कारण संयुक्त परिवार का मूल परिवार में बदल जाना भी है।

मेरे जीवन में परिवार का महत्व

मेरा परिवार, संयुक्त परिवार होने के बाद भी सुखी परिवार है। तथा मैं खुश हुँ की मेरा जन्म इस संयुक्त परिवार में हुआ। जिसमें परिवार के माध्यम से ही हम हमारे बचपच में जीवन के उन महत्वपूर्ण बातों को सीख पाए जिन्हें हम किताबों के माध्यम से शायद ही कभी सीख पाते। मेरे माता-पिता दोनों ही विद्यालय में अद्यापन का कार्य करते हैं। उनके घर पर न रहने के दौरान दादा-दादी के साथ अनेक विषयों पर मेरी और मेरे भाई बहनों की चर्चा होती है, जो काफी रोचक होता है। इसके अलावां हमारे पास हमारा एक कुत्ता भी है, जो हमारे परिवार का ही हिस्सा लगता है।

सुरक्षा क़वच के रूप में परिवार

परिवार व्यक्ति को बाहरी बुराईयों तथा खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है, अर्थात व्यक्ति परिवार में सभी प्रकार के बाहरी आपदाओं से सुरक्षित होता है साथ ही व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास परिवार की ही देन हैं। परिवार बच्चे के लिए एक खुशहाल तथा सुरक्षित वातावरण का निर्माण करता है तथा हमारी सारी अपेक्षाएं, ज़रुरतें परिवार के माध्यम से ही पूरी होती हैं। मेरा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है, पर उसके बाद भी मेरे माता-पिता मुझे और मेरे भाई बहनों की हर आवश्यकता को पूरा करने का पूरा प्रयास करते हैं। परिवार से मिलता स्नेह और मेरे प्रति उनकी चिंता मुझे मेरे परिवार के और समीप ले जाता है। तथा मेरे परिवार के प्रति मेरी ज़िम्मेदारीयों का एहसास कराता है। व्यक्ति अपने ज़िम्मेदारीयों को वहन करने के आदत से समाज का भी ज़िम्मेदार नागरिक बनता है। परिवार के सारे लोग मुसीबत के समय एक साथ मिल कर मुसीबत का सामना करते हैं।

अपना परिवार व्यक्ति के लिए अपना संसार होता है, उससे वह संस्कार, अनुशासन, स्वच्छता, संस्कृति तथा परंपरा व इसी प्रकार के अनेक आचरण सीखता है। अपने जीवनकाल में व्यक्ति क्या प्राप्त करता है यह उसके परिवार पर काफी हद तक निर्भर करता है। तथा इसी प्रकार से देश के निर्माण में भी परिवार एक आधारभूत भूमिका निभाता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

व्यक्ति अपने जन्म से जहां निवास करता है वह उसका परिवार होता है। इसके अतिरिक्त विवाह के पश्चात् बनने वाले कुछ प्रमुख संबंध परिवार के अन्तर्गत आते हैं। यह आवश्यक नहीं की व्यक्ति के मध्य खून या विवाह का संबंध हो तभी वह समुह परिवार कहलायेगा। इन सब के अतिरिक्त यदि परिवार द्वारा किसी बच्चे को गोंद लिया जाता है, अपनाया जाता है, तो वह बच्चा भी परिवार का हिस्सा होगा। परिवार व्यक्ति के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण ज़रुरत है।

परिवार में बड़े-बुजुर्गों का महत्व

संयुक्त परिवार जिसमें हमारे बड़े-बुजुर्ग (दादा-दादी, नाना-नानी) हमारे साथ रहते हैं, जो ज्ञान और अनुभव की कुंजी होते है। अब वह मूल परिवार का हिस्सा नहीं होते जिससे की बच्चे कई महत्वपूर्ण आदर्शों, संस्कारों को जानने से वंच्छित रह जाते हैं। पहले बच्चे खेलने के समय पर खेलते तथा दादा-दादी की कहानीयां भी सुनते जिससे उनको ज्ञान मिलता था पर वर्तमान समय के बच्चे खेलने के लिए अपने बाल्यावस्था से ही मोबाइल का प्रयोग करते हैं। मूल परिवार ने कहीं न कहीं बच्चों का बचपन भी छीना है।

जैसा की हम सभी जानते हैं, समाज में, दो प्रकार के परिवार पाए जाते हैं, एकल (मूल), तथा संयुक्त परिवार। जिस प्रकार हर सिक्के के दो पेहलु होते हैं ठीक उसी प्रकार परिवार के दोनों स्वरूपों से जुड़े कुछ लाभ तथा हानियां हैं। जिसमें से कुछ निम्नवत् हैं-

संयुक्त परिवार के लाभ तथा मूल परिवार की हानियां-

  • संयुक्त परिवार में माता-पिता के घर में न रहने पर भी बच्चे दादा दादी या अन्य बड़ों के निगरानी में रहते हैं, जिससे वह अकेला महसूस नहीं करते हैं। जबकि मूल परिवार में माता-पिता के घर पर न होने के दौरान बच्चे अकेले हो जाते हैं।
  • संयुक्त परिवार के उपस्थिति में बच्चों को घर में ही खेलने योग्य वातावरण मिल जाता है, जिसमें वह अपने बड़ो के साथ खेल सकता हैं। इसके विपरीत मूल परिवार में बच्चों को यदि खेलना है तो सदैव उन्हें बाहर के लोगों के साथ मिल कर खेलना होता है।
  • अगर घर के एक-दो सदस्यों से व्यक्ति की अन-बन भी हो गई फिर भी, परिवार में ज्यादा लोगों की संख्या के फलस्वरूप व्यक्ति कभी अकेला महसूस नहीं करता। जबकि मूल परिवार में परिवार के सदस्यों की एक-दूसरे से अन-बन होने पर व्यक्ति अकेला पड़ जाता है।
  • व्यक्ति के वृद्ध हो जाने पर उन्हें अपने बच्चों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है, अतः संयुक्त परिवार के अवधारणा से व्यक्ति सकुशल अपने परिवार के देख-रेख में रहता है। इसके विपरीत मूल परिवार में बच्चों के दादा-दादी अपने पुराने मकान में निवास करते हैं जो उनके लिए सही नहीं है।

संयुक्त परिवार से संबंधित हानियां तथा मूल परिवार के लाभ-

  • संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होने के वजह से, आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। जबकि मूल परिवार संयुक्त परिवार के अपेक्षा आर्थिक रूप से मजबूत होता है।
  • परिवार में ज्यादा लोगों के एक साथ रहने से आपसी मत-भेद की ज्यादा संम्भावनाएं रहती हैं। इससे विपरीत मूल परिवार में लड़ाई-झगड़े कम होते हैं।
  • संयुक्त परिवार में कभी-कभी एक-दूसरे की तुलना में कम आमदनी प्राप्त करने के वजह से लोग खुद को छोटा महसूस करने लगते हैं तथा ज्यादा आमदनी प्राप्त करने के लिए, गलत मार्ग का चयन कर लेते हैं। और मूल परिवार में व्यक्ति खूद की तुलना अन्य से नहीं करता है।
  • व्यक्ति अपनी आमदनी में जीतना सुख-सुविधा मूल परिवार में अपने बच्चों को दे सकता है, उतना वह संयुक्त परिवार में अपने बच्चे को नहीं दे पाता। और मूल परिवार में व्यक्ति कम पैसे में ही अपने परिवार का पालन-पोषण सही प्रकार से कर पाता है।

व्यक्ति के जीवन में, मूल परिवार तथा संयुक्त परिवार के लाभ और हानि दोनों ही होते हैं, व्यक्ति परिवार के किस रूप (मूल, संयुक्त) में रहता है यह आवश्यक नहीं, व्यक्ति का परिवार में रहना आवश्यक है। अर्थात व्यक्ति के लिए परिवार का होना आवश्यक है।

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माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
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मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

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Essay on Parents in Hindi | माता पिता पर निबंध

By: Amit Singh

मैं अपने माता-पिता से प्यार करता हूँ

हमारे जीवन में माँ और पिता की भूमिका, hindi essay my parents // निबंध माता पिता पर // mata pita par nibandh hindi mein, essay on parents in hindi – faq.

दोस्तो माता – पिता पर निबंध लिखने के लिए हम जितने भी शब्द लिखें वह कम ही होंगे, क्योकिं माता – पिता के प्यार को शब्दों मे नही बांधा जा सकता। लेकिन क्योंकि यह एक निंबध के रूप मे लिखा जाना है इसलिए इसे कुछ शब्दों में लिखने का प्रयास किया गया है।

यहाँ पढ़ें: 10 Lines on Parents in Hindi

हमे धरती पर लाने वाले हमारे माता-पिता हमारे नायक हैं। हम अपने जीवन में माता-पिता की भूमिका और मूल्य से कभी इनकार नहीं कर सकते हैं। निम्नलिखित निबंध बच्चों के लिए माता-पिता के महत्व, भूमिका, प्यार और बलिदान पर चर्चा करता है।

यहाँ पढ़ें: 10 lines on my favourite book in hindi यहाँ पढ़ें: Essay On My Favorite Book in Hindi

माता-पिता के बिना जीवन अब तक का सबसे खराब जीवन है। माता-पिता हमारे लिए समर्थन और छाया हैं। हमारे जीवन में माता-पिता के मूल्य को कभी भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। वे हमारे जीवन में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। वे हमारी रक्षा करते हैं और हमें खुश और प्रसन्न करने के लिए हर बलिदान देते हैं। माता-पिता हमारे सच्चे संरक्षक हैं। इस दुनिया में हमारी सफलता और खुशी के वास्तविक कारण हैं।

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मैं अपने माता-पिता से प्यार करता हूं । वे मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरे साथ खड़े हैं। मेरा हीरो मेरी मां है। वह सुबह जल्दी उठती है। वह सुबह से शाम तक हमारे परिवार के लिए काम करती है। वह सबसे अच्छा हाउस मैनेजर है। वह हमारे घर की हर चीज का ख्याल रखती है।

जैसे ही वह जागती है, वह सबके बारे में सोचना शुरू कर देती है। सुबह- सुबह ही वह रसोई की ओर भागती है। वह हमारे लिए स्वादिष्ट नाश्ता तैयार करती है। मां का नाश्ता हमेशा स्वादिष्ट होता है। वह हमारी पसंद का खाना बनाने में बहुत ध्यान रखती है। हमारा स्वादिष्ट नाश्ता बनाने के बाद, मेरी माँ जल्दी से स्वादिष्ट भोजन के साथ हमारे लंच बॉक्स को भर देती है।

वह हमेशा अतिरिक्त स्वादिष्ट भोजन के साथ हमारे दोपहर के भोजन के बक्से को भरती है ताकि हम अपने दोस्तों को भी खिला सकें। मैं वास्तव में अपने माता-पिता और विशेष रूप से मेरी मां की सराहना करता हूं।

यहाँ पढ़ें: 10 Lines On Myself In Hindi यहाँ पढ़ें: Essay on Myself in Hindi

माँ का प्यार अतुलनीय है । स्कूल खत्म होने के तुरंत बाद हम घर आते हैं, हम हमेशा अपनी मां को हमारे घर के गेट पर खड़े पाते हैं। हम बहुत खुश महसूस करते हैं और मेरी मां हम सभी को गले लगाती है।

वह हमारे स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखती है। वह नियमित रूप से हमारे परिवार के डॉक्टर से परामर्श करती है ताकि हम स्वस्थ और मजबूत रहें। घर के काम के अलावा, मेरी मां भी हमारे स्कूल के होमवर्क में हमारी मदद करती है। वह ड्राइंग में सबसे अच्छी है। वह फैंसी चित्रों, कार्टून और ड्राइंग में बहुत अच्छी हैं हम सभी उनके ड्राइंग कौशल में अद्भुत महसूस करते हैं।

मेरे हीरो मेरे पिता हैं। पिता को हमेशा एक गुमनाम नायक के रूप में माना जाता है। लेकिन यह तथ्य नहीं है। मां के अलावा, पिता का मूल्य, भूमिका और जिम्मेदारी हमेशा गर्व की बात होती है। हम सभी अपने पिता से बहुत प्यार करते हैं। मेरे पिता एक इंजीनियर हैं। हालांकि वह हमेशा अपने शेड्यूल में व्यस्त रहते हैं फिर भी वह हम सभी का अच्छा ख्याल रखते हैं।

हम सभी परिवार के सदस्य साप्ताहिक रात के खाने और बाहर दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर जाते हैं। इसके अलावा, हमारी गर्मियों की छुट्टियों के दौरान हम सभी परिवार के सदस्य देश की यात्रा पर जाते हैं। हम सभी वहां बहुत आनंद लेते हैं। मेरे पिता हमेशा हमारे बारे में हर चीज के लिए चिंतित रहते हैं। हालांकि वह अपने काम में व्यस्त है, फिर भी वह हमेशा हमारे बारे में सब कुछ याद रखते हैं।

अपने बच्चों के लिए माता-पिता का प्यार बहुत मूल्यवान है। अगर माता-पिता का समर्थन नहीं होता तो हम यहां नहीं होते। हम मुस्कुराए नहीं, हंसते नहीं और सफल नहीं होते अगर माता-पिता नही होते। इसलिए, हमें इतने सारे कारणों से अपने माता-पिता की सराहना करनी चाहिए।

आप अपने माता-पिता के निबंध के बारे में क्या सोचते हैं?

मेरे माता-पिता मेरी ताकत हैं जो जीवन के हर मोड़ पर मेरा साथ देते हैं । मैं उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता। मेरे माता-पिता एक मार्गदर्शक प्रकाश की तरह हैं जो मुझे खो जाने पर सही रास्ते पर ले जाते हैं।

माता पिता हमारे लिए क्या क्या करते हैं?

माता पिता हमारे लिए वह सब करते हैं? जिसमे हमारी भलाई होती है मां-बाप हमारे लिए बहुत से कार्य करते हैं हमारे जीवन में हर आने वाली मुसीबतों को वह अपने ऊपर ले लेते हैं। जीवन की किसी भी बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को हम अपने मां-बाप के फायदा से आसानी से पार कर लेते हैं।

माता पिता का सम्मान कैसे करें?

भगवान आपको अपने माता-पिता का सम्मान करने की आज्ञा देते हैं। आप जिस भी धर्म का पालन करते हैं और जिस भी भगवान की पूजा करते हैं, वे सभी आपको अपने माता-पिता का सम्मान करना सिखाते हैं

हमें अपने माता-पिता की हर इच्छा को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि उनकी इच्छा मे भी हमारे सफल होने की ही इच्छा शामिल होती है। हमे कभी भी अपने माता – पिता का दिल नही दुखाना चाहिए । हमें अपने माता-पिता के समर्थन, मार्गदर्शन और सुरक्षा के साथ हमें आशीर्वाद देने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए। हमारे माता-पिता लंबे समय तक खुशी और शांति से जी सके।

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मेरा परिवार पर निबंध / Essay on My Family in Hindi

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मेरा परिवार पर निबंध / Essay on My Family in Hindi!

मेरा परिवार संयुक्त और बड़ा परिवार है । शहर में रहते हुए भी परिवार के सभी सदस्य साथ-साथ रहते हैं । मेरे परिवार में दादा-दादी, माँ-पिताजी, चाचा-चाची और हम पाँच भाई-बहन हैं । इस तरह कुल मिलाकर मेरे परिवार में ग्यारह सदस्य हैं । परिवार के सभी सदस्य आपस में मैत्रीभाव से रहते हैं । हमारा परिवार एक आदर्श और खुशहाल परिवार है ।

दादा-दादी परिवार के बुजुर्ग एवं सम्मानित सदस्य हैं । परिवार के अन्य सदस्य उनका बहुत आदर करते हैं । उनकी सलाह मानना सभी अपना कर्त्तव्य समझते हैं । दादा जी पहले शिक्षक थे, अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं । वे हम भाई-बहनों को नियमित रूप से पढ़ाते हैं । दादी जी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला हैं तथा उनका अधिकांश समय पूजा-पाठ और ईश्वर- भजन में व्यतीत होता है । फिर भी कुछ समय वे परिवार के लिए भी निकालती हैं । वे माँ और चाची को गृहकार्य में यथासंभव सहयोग देती हैं । माँ और चाची को वे परिवार की बहू नहीं बल्कि अपनी बेटी मानती हैं ।

मेरे पिताजी पेशे से होम्योपैथिक डॉक्टर हैं । शहर में उनका अपना क्लीनिक है जहाँ वे नियमित रूप से जाते हैं । उनकी दवा से मरीजों को बहुत लाभ होता है । मेरे

चाचा जी बिजली विभाग में इंजीनियर हैं । इस तरह मेरे परिवार को अच्छी मासिक आय हो जाती है तथा परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति सरलता से होती है । मेरी माँ और चाची घर का काम-काज सँभालती हैं । हम पाँचों भाई-बहन दो भिन्न विद्‌यालयों में अध्ययन कर रहे हैं । हम घर पर साथ-साथ पढ़ते और खेलते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

मेरे परिवार में अनुशासन और शिष्टाचार को पर्याप्त महत्त्व दिया जाता है । छोटे बड़ों का आदर करते हैं और बड़े छोटों को अपना प्यार और स्नेह देते हैं । परिवार के सभी काम प्राय: समय पर होते हैं । खाने, पढ़ने, खेलने और सोने का समय निश्चित है । यदि कोई बीमार पड़ जाए तो अन्य लोग उसकी सेवा में लग जाते हैं । यदि कोई मुसीबत आ जाए तो परिवार एकजुट होकर उस मुसीबत का सामना करता है ।

मेरा परिवार पड़ोसियों के साथ मिल-जुल कर रहता है । हम लोग पड़ोसियों के दु:ख-दर्द में हमेशा सहयोगी बनते हैं । पिताजी पड़ोसियों का मुफ्त इलाज करते हैं । दादा जी पड़ोस के बच्चों को एकत्रित कर उन्हें शिक्षा देते हैं । सामाजिक कार्यों में मेरा परिवार बढ़-चढ़कर भागीदारी करता है । इन गुणों के कारण पड़ोस में मेरे परिवार को उचित आदर प्राप्त होता है । पड़ोसी अपने यहाँ हमारी एकजुटता की मिसाल दिया करते हैं जो हमारे लिए गौरव की बात है ।

हमारे परिवार में अतिथियों का यथोचित सम्मान किया जाता है । बड़ा परिवार होने के कारण मित्र एवं अतिथि अक्सर आते रहते हैं । उन्हें अतिथि कक्ष में सम्मानपूर्वक बिठाया जाता है । उनकी सुख-सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाता है । हम लोग ‘ अतिथि देवो भव ‘ की प्राचीन भारतीय अवधारणा को पर्याप्त महत्त्व देते हैं ।

मेरे परिवार में आपसी झगड़े नहीं होते । पड़ोसी परिवार आपस में लड़ता है तो हमें हैरानी होती है । मेरे परिवार में यदि कभी आपसी मतभेद होता भी है तो उसे शांतिपूर्वक सुलझा लिया जाता है । बच्चे किसी बात पर आपस में झगड़ते हैं तो बड़े उनके मतभेद दूर कर दत है । इस तरह आपसी सामंजस्य तथा प्यार से छोटी-छोटी बाधाएँ समाप्त हो जाती त्रेंऐए ।

इस तरह मेरा परिवार एक खुशहाल परिवार है । इस खुशहाली का रहस्य अनुशासन पारिवारिक स्नेह और मर्यादा का पालन है । एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति की भावना परिवार को एक ठोस नींव पर खड़ा किए हुए है । ऐसे परिवार में ही सुख-शांति का निवास संभव है जहाँ एकता की भावना हो । एकता के बल पर मेरे परिवार को कुदृष्टि से देखने का साहस कोई भी नहीं कर सकता ।

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500 Words Essay On My Parents

We entered this world because of our parents. It is our parents who have given us life and we must learn to be pleased with it. I am grateful to my parents for everything they do for me. Through my parents essay, I wish to convey how valuable they are to me and how much I respect and admire them.

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My Strength My Parents Essay

My parents are my strength who support me at every stage of life. I cannot imagine my life without them. My parents are like a guiding light who take me to the right path whenever I get lost.

My mother is a homemaker and she is the strongest woman I know. She helps me with my work and feeds me delicious foods . She was a teacher but left the job to take care of her children.

My mother makes many sacrifices for us that we are not even aware of. She always takes care of us and puts us before herself. She never wakes up late. Moreover, she is like a glue that binds us together as a family.

Parents are the strength and support system of their children. They carry with them so many responsibilities yet they never show it. We must be thankful to have parents in our lives as not everyone is lucky to have them.

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While my mother is always working at home, my father is the one who works outside. He is a kind human who always helps out my mother whenever he can. He is a loving man who helps out the needy too.

My father is a social person who interacts with our neighbours too. Moreover, he is an expert at maintaining his relationship with our relatives. My father works as a businessman and does a lot of hard work.

Even though he is a busy man, he always finds time for us. We spend our off days going to picnics or dinners. I admire my father for doing so much for us without any complaints.

He is a popular man in society as he is always there to help others. Whoever asks for his help, my father always helps them out. Therefore, he is a well-known man and a loving father whom I look up to.

Conclusion of My Parents Essay

I love both my parents with all my heart. They are kind people who have taught their children to be the same. Moreover, even when they have arguments, they always make up without letting it affect us. I aspire to become like my parents and achieve success in life with their blessings.

FAQ of My Parents Essay

Question 1: Why parents are important in our life?

Answer 1: Parents are the most precious gifts anyone can get. However, as not everyone has them, we must consider ourselves lucky if we do. They are the strength and support system of children and help them out always. Moreover, the parents train the children to overcome challenges and make the best decision for us.

Question 2: What do parents mean to us?

Answer 2: Parents mean different things to different people. To most of us, they are our source of happiness and protection. They are the ones who are the closest to us and understand our needs without having to say them out loud. Similarly, they love us unconditionally for who we are without any ifs and buts.

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में माँ पर निबंध

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Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आई हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढते है तो बहुत सी कविता, कहानियां माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत कैसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं। इस ब्लॉग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Mother in Hindi के बारे में जान पाएंगे।

This Blog Includes:

माँ पर निबंध 100 शब्दों में, माँ पर निबंध 200 शब्दों में, माँ में है जीवन का महत्व, जीवन की पहली टीचर माँ , सुपरवुमन होती है माँ , निष्कर्ष , मेरी माँ पर 10 लाइन .

100 शब्दों में Essay on Mother in Hindi का सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

एक माँ केवल एक बच्चों को जन्म नहीं देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है। हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध, यहाँ देखें सैंपल

Essay on Mother in Hindi

200 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है। मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं। मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी।

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं।  

यह भी पढ़ें :  विश्व हिंदी दिवस पर निबंध

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को हमेशा वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

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उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay on Mother in Hindi के बारे में विस्तृत जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य  ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स   पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

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Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

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जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

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मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

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Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

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Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

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Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

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COMMENTS

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