HindiKiDuniyacom

मैं एक पुलिस अधिकारी क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध (Why I Want to Become a Police Officer Essay in Hindi)

पुलिस का काम एक बहुत ही दिलचस्प पेशा है और हमारे भारतीय सिनेमा में हमारे हीरों या नायक ने फिल्मों में पुलिस की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य किया है। पुलिस हमारी सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, और हमारे लिए दिन-रात काम करती रहती है। हमने यहां पुलिस पर कुछ छोटे और बड़े निबंध और समाज में उनके महत्व के बारे में चर्चा की है, आशा है कि यह आपको अवश्य पसंद आएगा।

मैं एक पुलिस अधिकारी क्यों बनना चाहता हूँ पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Why I Want to Become a Police Officer, Mai Ek Police Adhikari kyo banana chahata hu par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द) – मैं पुलिस क्यों बनना चाहता हूँ.

हमारे सामाज के लोगों को जैसे इलाज के लिए डॉक्टर की जरुरत होती है, इमारतों के निर्माण के लिए एक इंजीनियर की जरुरत होती है, उसी तरह अपने आस-पास के इलाकों में शांति और सौहार्द के बनाए रखने के लिए एक पुलिस की आवश्यकता होती है। हमारे सामाज में विभिन्न तरह के लोग एक साथ रहते है और एक साथ रहना भी उनके लिए आपसी संघर्ष को भी बढ़ा सकता है। इसलिए समाज में शांति बनाए रखने और किसी भी तरह के अपराध की घटना को रोकने के लिए ही हमारी पुलिस दिन-रात कार्य करती है।

पुलिस के कुछ प्रमुख गुण

पुलिस सामाज का सबसे भरोसेमंद अधिकारी होता है। वो अपने जीवन की परवाह किये बिना दूसरों की मदद करते है। हमारी मदद करते हुए उन्हे विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वो इन सब चीजों से कभी नही झिझकते है, और उनकी यही बाते मुझे पुलिस अधिकारी बनने का हौसला देती है। पुलिस के कुछ प्रमुख गुण है –

  • अमिर हो या गरीब वे सभी की मदद करते है। वो कभी भी पैसों के लिए लोगों में भेदभाव नहीं करते है।
  • उनके पास अपराधियों को पकड़ने की पावर (शक्ति) होती है और ये समाज में एक सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण विकसित करते है, क्योंकि कुछ लोगों को उनके गलत होने या अवैध होने पर पकड़े जाने का डर होता है।
  • वे कभी भी किसी मामले को सम्भालते हुए घबराते या संकोच नहीं करते है क्योंकि वे बहादुर और साहसी होते है।
  • जबकि लोगों की मदद करना उनका कर्तव्य है, फिर भी कभी-कभी वो अपना और अपने परिवार के बारे में कुछ सोचे बिना लोगों के लिए ओवरटाइम काम करते है।

मैं वास्तव में एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता हूँ और मैं अपने राष्ट्र के लिए मदद करना चाहता हूँ। मैं भी मजबूत हूँ और किसी भी चोर या अपराधी को बाहर घुमने नही देना चाहता हूँ। इससे हमारी माताएं और बहने सड़कों पर खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी और अपराध की दर में भी कमी आएगी। मैं वास्तव में अपने समाज के साथ-साथ राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहता हूँ, और एक पुलिस अधिकारी बनकर दूसरों की मदद करना सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

निबंध 2 (400 शब्द) – पुलिस अधिकारी कैसे हमारी मदद करता है

हर देश के अपने ही नियम और कानून होते है और ये नियम ही देश के सोहार्द (सद्भाव) को कायम रखने के लिए बनाए जाते है। कभी-कभी लोग इन नियमों को नकारते है, और कुछ अवांछित चीज करते है और दूसरों को परेशान करते है। इसलिए समाज पर नजर रखने के लिए सरकार ने पुलिस को बनाया है। पुलिस समाज में शांति बनाए रखने वाली एक सरकारी संस्था है। ये अलग-अलग तरीकों से लोगों की मदद करती है और लोगों को कभी भी परेशानी का सामना नही करने देती है।

पुलिस लोगों की मदद कैसे करती है

मुझे नही लगता है कि मैं एक छोटे से निबंध को लिखते हुए, उनके सभी कर्तव्यों का उल्लेख कर सकूंगा। लेकिन यहां मैं पुलिस की जिम्मेदारियों को दिखाने की पूरी कोशिश करूंगा।

  • हर इलाके का अपना एक अलग थाना होता है, और वो हमेशा आपकी परेशानियों को सुनने के लिए ही होता है। कभी-कभी हम कुछ परेशानियों का सामना करते है, जैसे कि पड़ोसियों से हुई परेशानी, किसी तरह की चोरी, जमीन विवाद, इत्यादि। ऐसी परिस्थिति में हम अपने नजदीकी पुलिस थाने में पुलिस के पास जाते है, और वो आपकी मदद करते है।
  • वो आपके लिए 24×7 काम करते है और ये सुनिश्चित करते है कि आप चाहे सड़क पर हो या घर में आप सुरक्षित रहें।
  • वो कई अनसुलझें मामलों को भी हल करते है और वास्तविक चोर को पकड़ कर कानून की मदद से जेल में डालते है।
  • पुलिस आपको जानकारियां भी प्राप्त करवाती है, उदाहरण के लिए कोरोना महामारी में मैनें पुलिस को कई विभिन्न सूचनाओं की घोषणा करते देखा है।
  • वे हमेशा आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आपकी रक्षा करते है। हालांकि यह उनका कर्तव्य है कि वो अपने परिवार की तरह आपके साथ व्यवहार करें।
  • वे पूरे राष्ट्र की सुरक्षा करना अपना कर्तव्य समझते है और वो यह भूमिका पूरी ईमानदारी के साथ अच्छे से निभाते है।
  • वे इसके साथ-साथ बहुत चतुर भी होते है और अपनी सामाजिक शक्ति और अपने दिमाग का इस्तेमाल करके किसी भी समस्या को आसानी से हल कर सकते है।

पुलिस : एक असली हीरो

ऐसे कई मामले है जिसके कारण स्पष्ट रुप से यह दिखता है कि हमारी पुलिस कितनी बहादुर है। यहां कई फिल्में ऐसी है जो कि योद्धाओं के वास्तविक जीवन पर बनाई गयी है। वास्तव में पुलिस पेशे का चयन करने के लिए बहुत ही साहस की जरुरत होती है। कौन किसी मामले को सुलझाने के लिए कई दिनों तक अपने परिवार से दूर रहना चाहता है? वो हमे प्रेरित करते है और वो हमारे समाज के साथ-साथ हमारे राष्ट्र के वास्तविक नायक है।

ये हमारे सामाज के लिए एक सकारात्मक छवि बनाते है और हम में से अधिकांश लोग उनके जैसा बनना चाहते है। वे किसी भी अपराधी या चोर को कभी नहीं छोड़ते है। वो हमेशा यह सुनिश्चत करते है कि हम सभी सुरक्षित है। उन्होंने इस कोरोना महामारी में एक योद्धा की तरह काम किया है। वास्तव में हमें उनकी और उनके कामों का सम्मान और उनकी सराहना करनी चाहिए।

यदि आप मुसीबत में हो और उसी समय सौभाग्य से आपको पुलिस के सायरन की आवाज सुनाई दें, तो सचमुच में यह घटना आपके आंखों में आंसू ला सकती है। यह सायरन ही सुनिश्चित कर देता है कि वो आपकी मदद के लिए आ रहे है। पुलिस हमें सुरक्षित महसुस कराती है और सुरक्षा ही एक ऐसी चीज है जिसको लेकर आप दुसरों पर भरोसा नहीं कर सकते है। आप कभी भी यह सुनिश्चित नहीं कर पाते है कि आपका नौकर आपके प्रति हमेशा वफादार रहेगा, लेकिन आप पुलिस के बारे में सुनिश्चित हो सकते है। मैं भी एक पुलिस आफिसर बनना चाहता हूँ और लोगों की सहायता करना चाहता हूँ।

निबंध 3 (600 शब्द) – समाज के लिए पुलिस अधिकारी का महत्व

पुलिस एक सरकारी संस्थान है जो हमारे शहरों और समाज का निर्माण करते है, ताकि अपराध के दरों को कम कर सके। वे अपना कर्तव्य निभाते है और यह जांचते है कि क्या उनके इलाके में सबकुछ ठीक है। वे विभिन्न प्रकार के होते है, उनमें से कुछ अपराधियों को संभालते है, वही कुछ लाइसेंस की जांच करते है। आपने कुछ पुलिस अधिकारीयों को सड़क के किनारे ड्राइविंग लाइसेंस और कुछ महत्वपूर्ण चीजों की जांच करते हुए देखा ही होगा। वही दूसरी तरफ आपने कुछ पुलिस अधिकारियों को एक मामले की जांच कर सुलझाने और चोर या अपराधी को जेल ले जाते हुए भी देखा होगा। सभी एक साथ मिलकर हमारे देश के सामंजस्य को बनाए रखते है।

एक पुलिस अधिकारी का महत्व

एक पुलिस अधिकारी की कई जिम्मेदारियां होती है, एक तरफ जहां उन्हें समाज में शांति बनाए रखनी होती है और वही दूसरी ओर उन्हें अपराधियों को भी पकड़ना होता है। यदि किसी भी इलाके का अपराधिक दर बढ़ता है तो उन्हें अपने उच्च अधिकारीयों को उसका जवाब देना होता है। पुलिस वह नहीं होती है जो कि पुलिस थाने में बैठती है और रिपोर्ट लिखती है। ये कई मामलों को सुलझाते है और कुछ अनसुलझे हत्या के रहस्य को भी सुलझाते है।

वे बहुत स्मार्ट, बहादुर, चालाक होने के साथ ही साथ बहुत चौकन्ने भी होते है, क्योंकि एक भी गलती मामले को अनसुलझा ही रख सकती है। वास्तव में ये ही एक वास्तविक नायक होते है। बहुत से लोगों का कहना है कि इनके काम के कारण ही हमारे सामाज में सौहार्द है और अपराधिक दरों में भी कमी होती है। लेकिन मेरे विचार से हर एक को कोशिश करनी चाहिए कि हम पुलिस अधिकारीयों के कार्य में अपना सहयोग दें। क्योंकि हम सभी इसी समाज में रहते है और घर से बाहर रहने पर हर किसी को अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए।

पुलिस का सहयोग कैसे करें

  • जब आप घर से बाहर निकलते है तो हमेशा सावधान रहे। कभी-कभी चेन-स्नेचर या पर्स-स्नेचर आप पर हमला कर सकते हैं। इसलिए पुलिस को कोसने के बजाय आप सड़क पर खुद ही चौकन्ने रहें। क्योंकि पुलिस हर जगह मौजूद नही रह सकती है, यहां भारत में 135 करोड़ से ज्यादा लोग रहते है और यहां हर एक को सुरक्षा मुहैया करवाना बहुत ही मुश्किल है।
  • कभी-कभी पुलिस आपको रोकती है और कुछ सवाल करती है, इसलिए उनके काम में कभी बाधा न बने और उनका सहयोग करे, क्योंकि कभी-कभी किसी मामले की छानबिन में कुछ विवरण बहुत आवश्यक होता है। इसलिए उनके साथ कभी दुर्व्यवहार या बहस न करें, उनका सम्मान करें और उनके सवालों का उत्तर दें।
  • सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह है कि आप नियमों का पालन करें, यदि सरकार ने कुछ नियम बनाए है तो आपको उन नियमों का पालन करना चाहिए। आप यह नहीं जानते है कि पुलिस के लिए कितना मुश्किल और कष्टप्रद है, हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपने हेलमेट पहना है या नहीं। यह सब केवल आपकी सुरक्षा के लिए है, वो तो बस यह सुनिश्चित करते है कि बनाए गए नियमों का आप पालन करे।
  • आप एक सच्चे नागरिक बने। मान लीजिए कि आप किसी को कुछ गलत करते हुए देखते है तो आप उन्हें रोके। देश के एक नागरिक होने के नाते आपके पास किसी भी गलत कार्य के खिलाफ आवाज उठाने का पूरा हक़ है। आजकल लोग पुलिस का इंतजार करते है और विडियों बनाने लगते है। विडियों को बनाने और सोशल मिडिया पर पोस्ट करने के बजाय आप अपने स्तर पर उसकी मदद करने की कोशिश करें।

हम में से कई लोग एक छोटी सी घटना के लिए भी बस पुलिस को ही कोसते है, किसी मानसिक और शारीरिक दबाव को सोचे बिना वो रोज अपना कार्य करते है। यह संभव है कि हम कभी-कभी तनाव लेते है लेकिन आपको पता भी नहीं होगा कि वह रोजाना कितने तनाव को संभालते होंगे। उनको सम्मान दे और उनके कार्यों की सराहना करें। कोरोना महामारी में अस्पताल के कर्मचारियों के अलावा अन्य योद्धाओं में पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने अपने जीवन के बारे में सोचे बिना 24×7 काम किया और इसके लिए वास्तव में दिल से सलामी और ढ़ेर सारी शुभकामनाओं के पात्र है। उन्होंने हम में से कई लोगों को प्रेरित भी किया है और मैं उनमें से एक हूँ। मैं एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता हूँ और अपने देश की रक्षा करना चाहता हूँ, यह मेरे लिए काफी गर्व की बात होगी।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Leave a comment.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi

पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi

क्या आप पुलिस पर पर निबंध (Essay on Police in Hindi) पढ़ना चाहते हैं? अगर हां तो यह लेख आपके लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में पुलिस क्या है तथा उसके प्रकार और कार्य को बेहद सरल रूप से समझाया गया है। निबंध केंद्र में पुलिस पर 10 बेहतरीन लाइनें इस लेख को और भी आकर्षक बनाती हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi)

किसी भी देश की शासन प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए वहां पर न्याय व्यवस्था की आवश्यकता पड़ती है। जिसके लिए पुलिस और अन्य प्रशासन आयोग का गठन किया जाता है।

न्याय व्यवस्था को बनाए रखने और लोगों को सुरक्षित के लिए पुलिस का गठन किया जाता है। जिन्हें हर नगर, शहर, जिलों में व्यवस्थित रूप से तैनात किया जाता है।

किसी भी देश में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के लोगों की मौजूदगी होती है। अच्छे लोगों के हकों को सुरक्षित रखकर बुरे लोगों को नियम कानून के अंतर्गत व बलपूर्वक रोकने की जिम्मेदारी पुलिस पर ही होती है।

देश को बाहर से सुरक्षित रखने के लिए सेना का उपयोग किया जाता है तथा अंदर से सुव्यवस्थित रुप से सुरक्षित रखने के लिए पुलिस आयोग की मदद ली जाती है।

भारत जैसे विशाल देश में पुलिस की आवश्यकता और भी ज्यादा होती है क्योंकि यहां पर आए दिन बदमाश और अन्यायी लोग अपना उल्लू सीधा करने की फिराक में रहते हैं।

लेकिन आज अधिकतर लोगों के मस्तिष्क में पुलिस के रूप में एक भयकारक छवि बन चुकी है जिसके कारण कुछ स्वार्थी और अभिमानी लोग पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को सर्वेसर्वा मानने लगते हैं।

पुलिस क्या है? What is Police in Hindi?

पुलिस एक फ्रेंच और अंग्रेजी शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है “आरक्षक”। सरल शब्दों में अपराधी गतिविधियों को रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए स्थापित किए गए एक विभाग को पुलिस कहते हैं।

शाब्दिक अर्थ के रूप में पुलिस 6 शब्दों का एक समूह है जिसके अलग अलग मायने निकलते हैं। 

पी+ओ+एल+आइ+सी+ई = पुलिस

  • पी : पोलाइट (विनम्र)
  • ओ : ओबिडियंट (आज्ञाकारी)
  • एल : लायल (वफादार)
  • आई : इंटेलीजेंट (बुद्धिमान)
  • सी : कॉन्फीडेंट (विश्वास से भरा)
  • ई : इनरजेटिक (ऊर्जावान)

आम लोगों में से चुनकर और ट्रेनिंग देकर ऐसे लोगों को तैयार किया जाता है जिनके अंदर चपलता, बुद्धि और कुशलता भी हो।

इन्हें एक खास तरह की पोशाक दी जाती है जिससे इनके काम में भी अड़चन न हो और पोशाक के कारण इन्हें अपनी पहचान बताने की जरूरत भी न पड़े।

पुलिस के प्रकार Types of Police in Hindi

जिस प्रकार किसी भी देश का सर्वोच्च नागरिक एक राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री होता है तथा उसके अंतर्गत उसका मंत्रिमंडल होता है ठीक इसी प्रकार पुलिस आयोग में भी तरह-तरह के पद होते हैं। कुशलता के आधार पर लोगों को यह पद सौंपे जाते हैं।

पुलिस के मुख्यतः 12 प्रकार होते हैं और पहचान के लिए इन्हें कंधे पर अलग तरह के बैजेस दिए जाते हैं जो इनके काम के आधार पर घटते और बढ़ते रहते हैं।

  • पुलिस कांस्टेबल
  • हेट कांस्टेबल
  • असिसटेंट सब इंसपेक्टर (ASI)-
  • सब इंस्पेक्टर (SI) –
  • इंस्पेक्टर (TI)
  • डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP)
  • एडीशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP)
  • सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) 
  • सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) 
  • डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DIG) 
  • इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP)
  • डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (DGP)

उपरोक्त पुलिस के प्रकार में कॉन्स्टेबल यह सबसे छोटी पोस्ट और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस यह सबसे बड़ी पोस्ट मानी जाती है। किसी भी कार्यक्रम को अंजाम देने के लिए पुलिस वालों को बड़े होने के अधिकारियों से आज्ञा लेनी पड़ती है।

पुलिस के कार्य Works of Police in Hindi

पुलिस के मुख्य कार्यों में अपराध को रोकना और अपराधियों की पहचान करना व उन्हें गिरफ्तार करना शामिल होता है। 

इसके अलावा भी खास अवसरों, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और चुनाव जैसे अवसरों पर इन्हें विशेष तौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।

यातायात नियंत्रण के लिए एक खास पुलिस बल तैनात किया जाता है जिसे ट्रैफिक पुलिस भी कहते हैं। इनकी भूमिका सड़क पर आवागमन करते वाहनों और लोगों को नियम पूर्वक व सुरक्षित रूप से यात्रा करवाना होती है।

साथ ही स्थानीय नागरिकों, संगठनों और रह रहे परिवारों के बारे में जानकारी रखना और उनके साथ प्रेम पूर्ण संबंध रखकर असामाजिक तत्व और घटनाओं के बारे में जानकारी रखना भी पुलिस वालों के मुख्य कामों में से एक है।

इसके अलावा राजनीतिक सूचनाओं के आधार पर राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा करना और उनके आवागमन के बीच तमाम दिक्कतों को अटकाना भी पुलिस बल का ही काम है।

समाज के सभी धर्मों- संप्रदायों और वर्गों के लोगों के बीच सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी प्रयास करना भी पुलिस वालों के कामों में शामिल होता है।

पुलिस वालों के मुख्य कार्य में ऐसे असामाजिक तत्वों को रुकना भी होता है जो मादक द्रव्य विक्रय, कालाबाजारी और प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासतों को नुकसान पहुंचाते हैं।

लोगों की सुरक्षा करना और भारतीय संविधान के अनुसार न्याय प्रणाली बनाए रखना यह दुनिया की सबसे मुश्किल कामों में से एक माना जाता है जिसका पूरा श्रेय सुरक्षाकर्मियों को ही दिया जाना चाहिए।

पुलिस की भूमिका Role of Police in Hindi

किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा में उनके सैनिकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जैसे कि जल में सुरक्षा करने के लिए नौसेना तथा आकाश में सुरक्षा करने के लिए वायु सेना और जमीन पर सुरक्षा करने के लिए थल सेना होती है वैसे ही देश के अंदर शांति कायम करने और सुरक्षा मुहैया करवाने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

अगर कुछ ही घंटों के लिए पुलिस प्रशासन काम करना बंद कर दे तो असामाजिक तत्वों द्वारा उत्पात मचाकर राष्ट्र को आर्थिक और मनोवैज्ञानिक तौर पर नुकसान पहुंचाया जाता है। इसलिए किसी भी देश के लिए वहां की पुलिस की भूमिका बहुत ही ज्यादा होती है।

पुलिस को भारतीय संविधान के द्वारा आम नागरिकों से थोड़े ज्यादा अधिकार दिए जाते हैं ताकि उन अधिकारों का प्रयोग कर न्यायिक अक्षुणता बनाए रखें।

इसलिए कहा जा सकता है की किसी भी देश में वहां की न्याय व्यवस्था और पुलिस की भूमिका एक नींव की तरह होती है जिस पर एक समाज उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। 

पुलिस का इतिहास History of Police in India

प्राचीन समय में राजा महाराजाओं के पास कुशल सैनिक हुआ करते थे जो राज्य में न्याय व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देते थे। अंग्रेजों के समय में पुलिस बल की व्यवस्था ने विकास किया जो आज तक उपयोग में लिया जा रहा है।

भारत के वर्तमान पुलिस शासन के जन्मदाता लॉर्ड कार्नवालिस को माना जाता है। थाने में नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक विशेष दायित्वों का पालन होता है और सन 1861 के पुलिस एक्ट के तहत भारत के हर प्रदेशों में पुलिस को स्थापित किया गया है।

हिंदू ग्रंथों में “दंडधारी” शब्द का प्रयोग आता है। अर्थशास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने भी सुरक्षा बल पर अनेकों कृतियां बनाई है जिसमें इनके प्रयोग और व्यवस्था को सरल रूप से समझाया है।

 पुलिस पर 10 वाक्य Few Lines on Police in Hindi

नीचे पढ़ें पुलिस पर कुछ महत्वपूर्ण 10 वाक्य-

  • न्याय व्यवस्था को बनाए रखने और लोगों को सुरक्षित के लिए पुलिस का गठन किया जाता है।
  • किसी भी राष्ट्र को अंदर से सुरक्षित करने के लिए पुलिस आयोग का गठन किया जाता है।
  • वर्तमान पुलिस की परिभाषा प्राचीन हिंदू धर्म ग्रंथों में देखने को मिलती है जिसे दंडधारी के नाम से जाना जाता था।
  • दुनिया की सबसे बेहतरीन पुलिस प्रणाली स्कॉटलैंड यार्ड की मानी जाती है।
  • मुंबई पुलिस को दुनिया की दूसरी सबसे बेहतरीन पुलिस प्रणाली मानी जाती है।
  • पुलिस के पास आम नागरिकों के मुकाबले कुछ ज्यादा हक और कर्तव्य होते हैं।
  • पुलिस के सबसे निचली पद को कॉन्स्टेबल और सबसे ऊपरी पद को डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस होता है।
  • भारत के वर्तमान पुलिस शासन के जन्मदाता लॉर्ड कार्नवालिस को माना जाता है।
  • सन 1861 के पुलिस एक्ट के तहत भारत के हर प्रदेशों में पुलिस को स्थापित किया गया है।
  • पुलिस प्रणाली मुख्य रूप से भारतीय दंड संहिता के आधार पर गुनहगारों को सजा देती है।

निष्कर्ष Conclusion

 इसलिए इसमें आप ने पुलिस पर निबंध (Essay on Police in Hindi ) पढ़ा। आशा है या निबंध आपको पसंद आया हो। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

पुलिस पर निबंध | Essay on Police in Hindi

पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi : दोस्तों पुलिस की सेवा और कार्यों से हम सभी परिचित हैं यदि आज हमारे समाज, राज्य, शहर में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बहाल है तो इसमें पुलिस प्रशासन की बड़ी भूमिका हैं.

सर्दी गर्मी बरसात सभी मौसम में हमारी हिफाजत करने वाली पुलिस पर हमें गर्व होना चाहिए. भारत के सभी राज्यों की अपनी अपनी पुलिस होती हैं जो राज्य के नियंत्रण में कार्य करती हैं आज हम पुलिस का निबंध पढेगे.

पुलिस पर निबंध | Essay on Police in Hindi

The policeman is an important government servant. every day we saw him at the market, on the road, in circles, in public places, in railway stations, etc.

Essay On Policeman In Hindi and English language provides you with helpful information to write a short paragraph on Policeman, police station, police officer. if you search Essay On Policeman for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 for students and kids,

then you will get here Policeman Essay in short and long length with multiple languages. Read the first Essay On Policeman in English After That Hindi Version Giving Blow.

Short Essay On Policeman In Hindi And English | पुलिस पर निबंध

the policeman is a very useful public servant. he wears the khaki uniform. he was a khaki and red turban. he wears black boots. he is tall and healthy. he looks smart in his uniform.

he has to do many duties. he maintains law and order. he stands at the crossing. he gives signals. he sees that the rules of the road are obeyed.

the work of the policeman is very hard. but he gets v very low pay. he must get higher pay. only then educated men will take the job. the policemen will then be very useful.

पुलिसकर्मी बहुत उपयोगी सरकारी कर्मचारी है। ड्यूटी पर पुलिसवाला खाकी वर्दी पहनता है। वह खाकी और लाल पगड़ी उनकी वर्दी का हिस्सा है। वह काले जूते पहनता है। शरीर में पुलिसवाला लंबा और स्वस्थ होता है। तथा अपनी वर्दी में काफी स्मार्ट दिखता है।

एक पुलिस वाले को कई कर्तव्यों का पालन करना है। वह कानून और व्यवस्था बनाए रखता है। तो कई बार क्रॉसिंग पर खड़ा रहना भी पड़ता है। वह आने जाने वाले वाहनों को सिग्नल देता है। वह देखता है कि सड़क के नियमों का पालन किया जा रहा है अथवा नही.

पुलिसकर्मी का काम बहुत कठिन है। लेकिन उन्हें तनख्वाह के रूप में बहुत कम वेतन मिलता है। उसे एक उच्च वेतन मिलना चाहिए।

तभी सुशिक्षित लोग पुलिस की नौकरी की तरफ आकर्षित होंगे, ऐसी स्थति में हमारी पुलिस और अधिक बेहतर ढंग से कार्य कर सकेगी.

पुलिस पर निबंध

वर्दी का अर्थ दुश्मनों का काल होती हैं चाहे वो बॉर्डर पर भारतीय सेना के रूप में हो अथवा अपने शहर की भारतीय पुलिस हो, राष्ट्र और समाज के विरोधी तत्वों से अपने नागरिकों की रक्षा करना इनका प्रथम कार्य होता हैं.

राज्य के कानून की पालना ठीक ढंग से हो यह जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन के कंधों पर ही होती हैं. बहुत से लोगों को कानून से खेलना पसंद होता है वे समाज व राष्ट्र विरोधी कार्य करते हैं पुलिस उन्हें घर दबोच कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करती हैं.

हमारे देश में पुलिस कई प्रकार की होती हैं विभिन्न श्रेणियों के पुलिस बल के कार्य भी अलग अलग होते हैं. केन्द्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस के अलावा सभी राज्यों की अपनी अलग पुलिस होती हैं.

हमारी पुलिस सेवा में अच्छे पढ़े लिखे बुद्धिमान एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं हष्ट पुष्ट युवकों को भर्ती किया जाता हैं, आम तौर पर पुलिस खाकी वर्दी में होती हैं.

पुलिस लाइन में जवान अक्सर रहा करते हैं जबकि ड्यूटी के दौरान इन्हें पुलिस चौकी, थाना आदि में तैनात रहना होता हैं.

पुलिस का कार्य सर्वाधिक कठिन माना गया हैं. उन्हें नेताओं की रेलियों, सार्वजनिक सम्मेलनों, जुलूसों, हडतालों, बंद तथा ट्रैफिक पुलिस के रूप में व्यवस्था बनाए रखनी होती हैं.

24 घंटे उन्हें नागरिकों, व्यवसायियों, राजनेताओं, महिलाओं तथा उद्योग प्रतिष्ठानों की असामाजिक तत्वों, चोर, डाकू लुटेरों से सुरक्षा करनी पड़ती हैं. इस तरह अपने नागरिकों के जान माल की हिफाजत करना पुलिस का कार्य हैं.

एक पुलिस जवान का जीवन हमेशा खतरों से भरा होता है इस कारण इन्हें खतरों से खेलने वाले खिलाड़ी भी कहा जाता हैं अपराधियों के साथ मुठभेड़ उन्हें पकड़ने के प्रयास में कई बार जान तक चली जाती हैं.

सभी प्रकार के मौसम तथा विपरीत हालातों में उन्हें अपनी ड्यूटी पर जाना होता हैं. उपद्रवियों तथा पत्थरबाजों के पथराव का सामना भी करना होता हैं खूंखार से खूंखार किस्म के अपराधी को पुलिस पकडकर उन्हें न्यायालय के समक्ष हाजिर कर कानून व्यवस्था को बनाए रखती हैं.

आपसी झगड़े, रंजिश, द्विपक्षीय कार्यवाहियां, महिला शोषण, चोरी के माल, अवैध तस्करी की बरामदगी, आपसी सुलह के प्रयास आदि पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

सरकार की ओर से पुलिस के हवलदार से लेकर सब इंस्पेक्टर तक सभी पदाधिकारियों को अच्छी सुविधा भी दी जाती हैं. अन्य नौकरियों की तुलना में पुलिस कर्मचारी को अच्छा वेतन, भत्ते तथा सरकारी आवास जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं.

इन सुविधाओं को देने के साथ ही राज्य की यह अभिलाषा होती हैं कि पुलिस निष्पक्ष, निर्भय एवं ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करे.

प्रत्येक पुलिस चौकी में सभी तरह के वाहनों को भी उपलब्ध करवाया जाता हैं इसके अलावा टेलीफोन, टीवी की सुगम व्यवस्था भी राज्य द्वारा दी जाती हैं. विविध तरह अपराधियों से निपटने के लिए शक्तियाँ व हथियार भी पुलिस को मुहैया करवाएं जाते हैं.

अन्य विभाग के कर्मचारियों की तुलना में पुलिस के कार्य, भूमिकाएं तथा जिम्मेदारियां सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती हैं. हमारे समाज में कानून के राज की स्थापना तथा सुव्यवस्था कायम करने की नैतिक जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर होती हैं.

ऐसा भी कई बार देखने को मिलता है कि जिस पुलिस से समाज में व्यवस्था बनती है वे अधिकारी ही अव्यवस्था कराने लग जाते हैं पीड़ित लोगों के लिए रक्षक की बजाय भक्षक बन जाते हैं अनैतिक धन कमाने के लिए अपनी पद की गरिमा को भूल जाते हैं ऐसा करने वाले लोग पुलिस की छवि को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं.

आमतौर पर देखा जाता है राक्षस प्रवृत्ति के पुलिस अधिकारी अपने पद और अधिकारों का आम लोगों पर रौब जमाते दीखते हैं किसी बेकसूर से जबरदस्ती जुर्म कबूल करवाना, फर्जी एनकाउंटर को अंजाम देना, पुलिस से कुछ पूछ लेने अथवा गलत कर रहे अधिकारी को टोक देने पर उनकी पिटाई करने इस तरह की गतिविधियों से पुलिस के प्रति लोगों के दिलों में अविश्वास पनपता हैं.

अच्छा काम करने वाले एवं कर्तव्य निष्ठ पुलिसकर्मियों को सरकार द्वारा उचित सम्मान भी दिया जाता हैं. विभिन्न पदक एवं स्टार तथा पदोन्नति दी जाती हैं.

राष्ट्रीय दिवसों अथवा पुलिस स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान करते है तथा नागरिकों द्वारा भी उनका अभिनन्दन किया जाता हैं.

पुलिस की भूमिका पर निबंध

पुलिस का सामान्य अर्थ  राज्य द्वारा नियुक्त ऐसे व्यक्तियों के समूह से है जिनको यह दायित्व दिया गया है कि वो राज्य  द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन सुनिश्चित करवाएं तथा समाज में शांति व्यवस्था कायम रखें साथ ही संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व भी पुलिस पर है.

प्रत्येक देश वैश्वीकरण के दौर में अपनी आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा को सदैव तत्पर रहते हैं. आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए साथ ही कानून राज की स्थापना के लिए पुलिस जैसी व्यवस्था का होना अपरिहार्य है.

कोई भी समाज कितना ही सभ्य क्यों ना हो असामाजिक तत्व प्रत्येक स्थिति में विद्यमान रहते हैं ऐसी स्थिति में शांति व्यवस्था कायम करने हेतु  तथा प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने के अवसर प्रदान पुलिस जैसी किसी व्यवस्था के अधीन ही दिए जाने संभव हैं.

पुलिस व्यवस्था एक तरफ अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाती है तो दूसरी तरफ  प्राकृतिक आपदाओं के समय योद्धाओं की तरह व्यवस्था बनाए रखने में अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं.

विश्व के अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था कायम है इन देशों में पुलिस की भूमिका  अधिक अहम हो जाती है नागरिकों के जीवन स्तर के प्रत्येक पहलू पर कहीं ना कहीं पुलिस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है.

लोकतांत्रिक देशों में पुलिस शासन व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग के रूप में तथा लोकतांत्रिक मूल्यों के पालन में पुलिस की भूमिका बढ़ जाती है.

राष्ट्र की उत्तरोत्तर प्रगति में भी पुलिस अहम  भूमिका  निभाती है जमाखोरी तस्करी drug supply स्मगलिंग रिश्वतखोरी कालाबाजारी भ्रष्टाचार जैसे अनेक अपराधों  पर नकेल कसने से ही राष्ट्र का चहुमुखी विकास संभव है.

ट्रैफिक पुलिस की भूमिका भारत जैसे विकासशील देश में महत्वपूर्ण है, ट्रैफिक पुलिस ना केवल जाम लगने से रोकती है बल्कि जाम से उत्पन्न होने वाली अनेकों समस्याओं से निजात भी दिलवाती है.

हमारे देश भारत में पुलिस  राज्य सूची का विषय है इसलिए प्रत्येक राज्य के पास ही अधिकार है कि वह अपने लिए पुलिस बल का गठन कर सके या यूं कहा जा सकता है कि भारत में प्रत्येक राज्य के पास अपनी-अपनी पुलिस है, केंद्र भी राज्यों की सहायता के लिए पुलिस बल का गठन कर सकता है.

आमतौर पर देखा गया है कि पुलिस की सभी हमारे लिए नकारात्मकता का भाव पैदा करती है परिणाम स्वरूप आमजन में विश्वास की बजाय अविश्वास और असंतोष बढ़ जाता है इसके लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं और सबसे बड़ा कारण पुलिस की जवाबदेहीता में खोजा जा सकता है.

लोकतांत्रिक देश में पुलिस को नागरिकों के प्रति जवाबदेह  होना चाहिए इसके द्वारा ही आमजन में विश्वास जगाकर  सुशासन की स्थापना की जा सकती है.

परिवर्तन ही संसार का नियम है और इतिहास गवाह है कि जिस व्यवस्था ने अपने आप को समय के अनुसार प्रतिस्थापित कर लिया वही व्यवस्था अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में अधिक सफल रही है इसलिए पुलिस में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता महसूस की गई है.

सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने ऐतिहासिक निर्णय तथा समय-समय पर गठित पुलिस सुधारों के लिए विभिन्न आयोग व समितियों ने भी व्यापक स्तर पर सुधारों की सिफारिशें दी है.

पिछले कुछ वर्षों  में घटित घटनाओं ने पुलिस व्यवस्था में सुधार तथा पुलिस की अहम भूमिका को बदलते  समय तथा सामाजिक परिवेश के अनुसार ढलने की गुंजाइश को इंगित किया है, समाज के कमजोर तथा पिछड़े वर्गों के प्रति पुलिस  का मित्रता पूर्ण व्यवहार  आवश्यक है.

पुलिस आवश्यक क्यों है?

अगर पुलिस व्यवस्था ना हो तो अराजकता का माहौल पैदा होता या ऐसे  कहें कि पुलिस के बिना कानून व्यवस्था रूपी इमारत आधारहीन हो जाएगी तो गलत नहीं होगा.

जैसे जैसे अपराधों की प्रकृति में परिवर्तन आया है पुलिस की भूमिका भी उसी प्रकार से बदल रही है वर्तमान के सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में साइबर क्राइम तथा नागरिकों की निजता के मामलों में भी पुलिस की भूमिका अहम हो जाती है.

हमारे देश में चुनाव का माहौल हो या फिर कोई प्राकृतिक आपदा हो उस समय पुलिस की भूमिका आवश्यक रूप से जन हितेषी हो जाती है.

अब सवाल ये उठता है कि आखिरकार वे कौन से तत्व जिनकी बदौलत पुलिस की  छवि हमारे समाज में रक्षक की बजाय नकारात्मकता का भाव लिए हुए  है??

और इस मामले में भ्रष्टाचार  नाम सबसे ऊपर है क्या इसके लिए हमारी व्यवस्था जिम्मेदार है या फिर नागरिक इसी तरह के कई सवाल आप सोचते होंगे या सुनते होंगे.

अब जरा गौर करिए  हमारे देश में कानून निर्माण की शक्ति केंद्र में संसद तथा राज्यों में राज्य विधायिका को दी गई है   अतः आवश्यकता है कि पुलिस सुधार से संबंधित कानून बनाया जाए.

आपराधिक गठजोड़ को तोड़ा जाए, और सबसे महत्वपूर्ण बात पुलिस अपनी भूमिका को अच्छी तरह से  निभाए इसके लिए जरूरी  है कि उनको स्वविवेक, स्वतंत्रता , बिना किसी बाहरी  दबाव के काम करने दिया जाए, पर्याप्त वेतन और भत्ते  भी आवश्यक है.

निष्कर्ष ,कहा जा सकता है की पुलिस की भूमिका प्रत्येक राज्य के लिए, rule of law की स्थापना के लिए, शांति व्यवस्था स्थापित करने तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, अपराधियों में भय तथा आमजन में विश्वास के लिए पुलिस काम करती है.

साथ ही राष्ट्र को अंदरूनी समस्याओं से बाहर निकालने के लिए, आपदाओं पर विजय पाने के लिए, सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए, तथा नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के रूप में पुलिस की भूमिका अति महत्वपूर्ण है.

पुलिस का प्रमुख कार्य क्या हैं?

पुलिस विभाग कौन कौनसे पद होते हैं, पुलिस स्टेशन को आम भाषा में क्या कहते हैं.

  • ट्रैफिक पुलिस पर निबंध
  • पुलिस की वर्दी पर शायरी
  • पुलिस स्टेटस शायरी कोट्स
  • राष्ट्रीय सुरक्षा पर निबंध

आशा करता हूँ दोस्तों भारतीय पुलिस पर दिया गया निबंध Essay on Police in Hindi आपकों पसंद आया होगा,

यदि आपकों इस निबंध में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

पुलिस पर निबंध (Police Essay In Hindi)

पुलिस पर निबंध (Essay on Police In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम पुलिस पर निबंध (Essay On Police In Hindi) लिखेंगे। पुलिस पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पुलिस पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Police In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

पुलिस समाज का रक्षक होता है। कानून की रक्षा करना और लोगो से कानून का पालन करवाना पुलिस का कर्त्तव्य होता है। समाज में बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाना पुलिस का धर्म होता है। राजनेताओ की सुरक्षा करना, रास्ते पर लड़को के छेड़खानी को रोकना, जुलूसों का तरीके से ध्यान रखना, देश की संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना पुलिस का काम है।

समाज में अक्सर बेरोजगारी के कारण चोरी और डैकेती होती है। पुलिस ऐसे चोरो को पकड़कर उनको जेल की हवा खिलाती है। आजकल समाज में गुंडागर्दी, भ्र्ष्टाचार और बलात्कार जैसे अपराध बढ़ रहे है। पुलिस को और अधिक सतर्क होने की ज़रूरत है।

समाज में बढ़ते हुए अन्याय को रोकना पुलिस का दायित्व है। पुलिस की ड्यूटी चौब्बिसो घंटे होती है, उन्हें हमेशा सक्रीय रहना पड़ता है। कभी कभी आक्रामक धरनो में लोग पथराव करने पर उतर आते है। ऐसे में पुलिस भीड़ में इन पथराव को रोकते है और सुनिश्चित करते है की किसी को चोट ना लगे।

ऐसे गंभीर स्थिति में उन्हें घायल भी होना पड़ता है। चाहे कोई भी त्यौहार हो पुलिस को हमेशा अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है। भारत में कई बार एक संगठन दूसरे का धर्म, जाति के आधार पर शोषण और दुर्व्यवहार करते है। देश का कानून जो भी व्यक्ति तोड़ता है, पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है।

समाज में आजकल लोग पैसो के लिए अपनों का भी कतल कर देते है, यह एक निंदनीय अपराध है। पुलिस ऐसे दोषियों और शोषकों को पकड़कर सजा दिलवाती है। पुलिस को समाज के लोगो के अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक होने की ज़रूरत है। पुलिस का कर्त्तव्य है कि वह हर नागरिक की मदद करे और उनपर जो भी अत्याचार हुए है, उनकी रिपोर्ट दर्ज करे।

पुलिस कानून की रक्षा के लिए होते है। समाज पुलिस के बिना सुरक्षित नहीं रह सकता है। पुलिस का गठन, नागरिको के रक्षा और नियमो का पालन करवाने की दृष्टि से किया गया है। कभी किसी स्थल पर अचानक आग लग जाए और लोग उस आग में फंस जाए। तो पुलिस वहां जाकर लोगो की जान बचाती है।

जो लोग ऐसे हादसों में घायल हो जाते है, पुलिस उन लोगो को चिकित्सा केंद्र पहुंचाती है। पुलिस का कार्य गर्व भरा होता है। पुलिस सम्पूर्ण ईमानदारी के संग पंचायत और राष्ट्रिय चुनाव करवाती है। उन्हें ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे लोगो का भरोसा उन पर बना रहे।

जब देश में सभी राज्यों में चुनाव होते है, तो पुलिस प्रशासन चुनाव के सुरक्षा की जिम्मेदारी को सठिक तरीके से निभाती है। पुलिस की वर्दी से मुजरिम घबराते है। पुलिस अपराधियों को पकड़कर न्यायलय में पेश करती है। पुलिस को जैसे ही अपराधी दिखते है, वह अपनी जान छुड़वाने के लिए भागते रहते है।

यदि पुलिस समाज की रक्षा ना करती, तो अपराधों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती रहती। समाज में तब कुछ लोग कानून को हाथों में लेकर किसी की भी हत्या कर देते और किसी के भी घर चोरी इत्यादि करते हुए पाए जाते। पुलिस का भय उन्हें इन अपराधों को करने से रोकता है। संविधान में कानून और नियम लोगो की सुरक्षा के लिए बनाये गए है।

लोग अगर आज सुरक्षित है तो उसका श्रेय पुलिस को जाता है। पुलिस अनगिनत सर्च ऑपरेशन में हिस्सा लेते है। ऐसे ऑपरेशन जोखिम भरे होते है। पुलिस ऐसे मिशन को पूरा करने के लिए जान की बाज़ी लगा देते है। कई बार उन्हें चोट भी आती है। अगर अचानक कोई ज़रूरी काम आ गया, तो पुलिस दो या तीन दिनों तक अपने घर नहीं जा पाते है।

वह जब तक ज़रूरी केस को सुलझाते नहीं है, वह तब तक अपनी ड्यूटी करते है। जब कभी भी सड़क दुर्घटना होती है, तो लोग 100 नंबर डायल करके पुलिस को उस स्थान पर बुलाते है। सड़क दुर्घटना में घायल  व्यक्ति को पुलिस तुरंत अस्पताल ले जाती है।

पुलिस हमेशा कोशिश करती है कि सही वक़्त में व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाएं, ताकि उसकी जान ना चली जाए। अगर किसी भी व्यक्ति के साथ कानूनन गलत होता है तो वह पुलिस स्टेशन में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाते है। पुलिस मुजरिम पर कानूनी कार्यवाही करवाती है। आजकल कई जगहों पर कुछ पुलिस कानून के भक्षक बन गए है।

कुछ पुलिस पैसे कमाने के लिए रिश्वत लेते है और अपराधियों का साथ देते है। ऐसे भ्र्ष्ट पुलिस वालों की वजह से समस्त पुलिस प्रशासन का नाम खराब होता है। आजकल लोगो का पुलिस पर से विश्वास उठता चला जा रहा है। लोगो का कानून और पुलिस प्रशासन पर विश्वास बना रहे, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस वालों की है।

सड़क में अक्सर ट्रैफिक जाम होते रहते है। सड़क पर गाड़ियां नियमो का पालन करके चले, यह ट्रैफिक पुलिस सुनिश्चित करता है। वह इशारो के माध्यम से गाड़ियों को दाएं बाएं, नियमो के अनुसार चलने के लिए कहता है। इसी कारण हम समय पर और सुरक्षित तरीके से अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच पाते है।

सड़क पर हेलमेट पहनकर बाइक चलाना अनिवार्य होता है। अगर कोई भी व्यक्ति हेलमेट ना पहने तो उसे जुर्माना भरना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस हमेशा यह कोशिश करता है कि सड़क पर ट्रैफिक जाम ना लगे। ट्रैफिक पुलिस द्वारा दोनों तरफ से आने वाले गाड़ियों को ट्रैफिक सिग्नल के निर्देश के मुताबिक छोड़ा जाता है।

इससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना नहीं होती। ट्रैफिक पुलिस सभी वाहनों की सुचारु रूप से जांच करती है। अगर कोई भी वाहन चोरी की होती है, तो उस पर कार्यवाही की जाती है। यदि कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियमो का ठीक से पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस द्वारा कानूनन कार्यवाही की जाती है।

ट्रैफिक पुलिस सड़क परिवहन का संचालन अच्छे से करती है। राज्यों में कई जगहों पर लूट, चोरी होती रहती है। कई लोगो को बंधक बनाकर चोर सभी चीज़ें लूट कर ले जाते है। घर का जब सारा कीमती और महंगा सामान चोरी हो जाता है, तब आम आदमी को पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवानी होती है।

पुलिस चोर को पकड़ती है और लोगो का सामान वापस मिल जाता है। जब कहीं बड़े स्थानों पर मेला लगता है, तब वहां लाखो की संख्या में भीड़ इक्कट्ठी हो जाती है। ऐसे में स्थानीय पुलिस को वहां पर निगरानी करनी पड़ती है। इतने भीड़ में चोरी होना आम बात है, इसलिए पुलिस ऐसे स्थानों में सुरक्षा प्रदान करती है।

कई बार वेतन बढ़ाने के लिए मज़दूर हड़ताल पर बैठते है। तब लोग कभी कभार आक्रोश में आकर कुछ ऐसा कर देते है, जिससे औरों को तकलीफ हो सकती है। पुलिस ऐसे माहौल को अपने नियंत्रण में रखती है। अगर कोई भी नियमो का उल्लंघन करता है, तो पुलिस उसे हवालात में डाल देती है।

समाज में कई दफा जुलुस निकलता है, वहां कभी भी किसी को भी चोट लग सकती है, धक्का धक्की हो सकती है। इससे लोगो में लड़ाई और मत भेद जैसे हालत पैदा हो जाते है। ऐसे में पुलिस लोगो की सुरक्षा करती है। आम आदमी की सेवा और सुरक्षा करना पुलिस की जिम्मेदारी है।

पुलिस कई जगहों पर बड़े बड़े व्यवसायियों और बड़े नेताओ के सुरक्षा में तैनात रहती है। आम आदमी को कभी कभी पुलिस की सुरक्षा की ज़्यादा ज़रूरत होती है, लेकिन वह सिर्फ अमीर लोगो को सुरक्षा देती हुयी नज़र आती है। देश में व्यापत भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना पुलिस का दायित्व है। लेकिन कुछ पुलिस वाले खुद ऐसे कामो में लिप्त नज़र आते है, जिसके कारण पुलिस वालों का नाम बदनाम होता है। ऐसे भ्रष्ट पुलिस वालों को उचित सजा मिलनी चाहिए।

पुलिस राजनेताओ को सुरक्षा प्रदान करती है जब वे चुनाव के लिए जाते है। जहाँ नेता बड़े जिलों में अपने चुनाव प्रचार के लिए लोगो से वोट मांगने के लिए के जाते है, तब पुलिस नेताओ को हर मुमकिन सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करती है। अब वक़्त आ गया है कि पुलिस देश में निरंतर बढ़ती हुयी अराजकता, हिंसा, स्मगलिंग जैसे अपराधों पर रोक लगाए।

सरकार द्वारा पुलिस को सारे अधिकार दिए जाने चाहिए, जो जनता के हित में हो। पुलिस हर मामले में जनता का सहयोग करे वरना इसके विपरीत जनता आंदोलन कर सकती है।जनता अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को शान्ति से सहन नहीं करेगी। जनता में वह ताकत है कि वह पुलिस और सरकार के विरुद्ध विद्रोह करे।

ऐसे जन शक्ति को रोक पाना असंभव हो जाएगा। ऐसी स्थिति उतपन्न ना हो, इसकी जिम्मेदारी पुलिस वालों की बनती है। पुलिस की वर्दी में बेहद शक्ति होती है और उस वर्दी की लाज बनाये रखना पुलिस वालों का कर्त्तव्य है।

जैसे सीमा पर तैनात फ़ौज हमेशा हमारी सुरक्षा करती है, उसी प्रकार समाज की आंतरिक सुरक्षा का काम पुलिस करती है। पुलिस का कार्य जिम्मेदारी से भरा हुआ होता है। एक भी चूक भारी पड़ सकती है। समाज में नियमित रूप से कानून बनाये रखना पुलिस का परम कर्त्तव्य है।

अगर पुलिस अपना काम सठिक करेगी, तो समाज अपराध मुक्त हो पायेगा। जो पुलिस अधिकारी जीवन पर्यन्त कर्त्तव्य का पालन करते है, राष्ट्रपति जी उन्हें भरी सभा में सम्मानित करते है। यह पुलिसवालों के लिए गौरव की बात है।

लोगो का उन पर विश्वास बना रहे और पुलिस सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपने कर्त्तव्य का पालन करे तो एक शांतिपूर्ण, अपराधमुक्त और भयमुक्त समाज का गठन किया जा सकता है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • सैनिक पर निबंध (Soldier Essay In Hindi)

तो यह था पुलिस पर निबंध, आशा करता हूं कि पुलिस पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Police) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!

Related Posts

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi Language)

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi Language)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi)

पुलिस पर निबंध Essay on police officer in hindi

Essay on police officer in hindi.

पुलिस देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है पुलिस ऑफिसर का कार्य काफी कठिन होता है. पुलिस अफसरों में लंबे, चौड़े, योग्य व्यक्तियों को लिया जाता है जो देश के अच्छे ईमानदार लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं और देश में स्थित चोर, लुटेरों, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्ती से व्यवहार करते हैं वास्तव में देश की सुरक्षा के लिए पुलिस ऑफिसर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रत्येक राज्य में अलग-अलग पुलिस होती है जिनका कार्य अपने राज्य की, अपने देश की सुरक्षा करना होता है पुलिस वाले चौबीसों घंटे खतरों से जूझते रहते हैं उनको लोगों की सेवा करने के लिए या लोगों की सुरक्षा के लिए मोटरबाइक, साइकिल, कार आदि वाहन दिए जाते हैं जिनसे वह चोर, लुटेरों को पकड़ने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सके।

Essay on police officer in hindi

सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम में भी पुलिस वालों को हर समय अपना कर्तव्य निभाना पड़ता है शहरों में जब भी रैलियां, जुलूस आदि निकाले जाते हैं तो पुलिस वालों की उसमें ड्यूटी भी लगाई जाती हैं. कई पुलिस वाले ईमानदार होते हैं जो अपनी ड्यूटी देश की सेवा समझकर करते हैं वह ईमानदार कर्तव्य निष्ठ लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं वहीं कुछ पुलिसवाले ऐसे भी होते हैं जो भ्रष्ट होते हैं जो अच्छे लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं करते।

एक तरफ हम देखें तो वास्तव में पुलिस वालों पर एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी होती है, वह जिम्मेदारी होती है देश की सुरक्षा की, जिस तरह से एक जवान अपने देश की शरहद पर हर एक मौसम में सुरक्षा के लिए खड़ा रहता है वहीं पुलिस वाले अपने नगर की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहता है वास्तव में पुलिस वाले हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पुलिस वाले अपनी ड्यूटी के समय पुलिस स्टेशनों में समय गुजारते हैं, पुलिस स्टेशनों में वह लोगों की फरियाद सुनते हैं और उस रिपोर्ट के मुताबिक वह कार्रवाई करते हैं और चोर, लुटेरों, गलत लोगों को पकड़ते हैं एक पुलिस ऑफिसर बनना थोड़ा रिस्की भी है लेकिन वास्तव में अपने शहर की, अपने देश की सुरक्षा करना एक बहुत ही बड़े गर्व की बात है. पुलिस वालों को रहने के लिए सरकारी आवास भी प्रदान किए जाते हैं। हमें भी जागरूक होकर हमारे प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और पुलिस ऑफिसर से शिकायत करना चाहिए यही हमारा कर्तव्य है।

  • पुलिस स्टेशन पर निबंध Essay on police station in hindi
  • कर्तव्य पर पुलिस पर कविता poem on police on duty in hindi

दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया ये आर्टिकल Essay on police officer in hindi पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले इसे शेयर जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें और हमें कमेंटस के जरिए बताएं कि आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा जिससे नए नए आर्टिकल लिखने प्रति हमें प्रोत्साहन मिल सके और इसी तरह के नए-नए आर्टिकल को सीधे अपने ईमेल पर पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें जिससे हमारे द्वारा लिखी कोई भी पोस्ट आप पढना भूल ना पाए.

Related Posts

essay on police officer in hindi

kamlesh kushwah

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiVyakran

  • नर्सरी निबंध
  • सूक्तिपरक निबंध
  • सामान्य निबंध
  • दीर्घ निबंध
  • संस्कृत निबंध
  • संस्कृत पत्र
  • संस्कृत व्याकरण
  • संस्कृत कविता
  • संस्कृत कहानियाँ
  • संस्कृत शब्दावली
  • पत्र लेखन
  • संवाद लेखन
  • जीवन परिचय
  • डायरी लेखन
  • वृत्तांत लेखन
  • सूचना लेखन
  • रिपोर्ट लेखन
  • विज्ञापन

Header$type=social_icons

  • commentsSystem

पुलिस पर निबंध। Essay on Police in Hindi

पुलिस पर निबंध : प्रत्येक देश तथा समाज के अपने क़ानून होते हैं। इनके बिना कोई समाज नहीं बन सकता। क़ानून व उसका पालन करने से ही समाज की नींव पड़ती है। पुलिसवाले क़ानून के नियमों को तोड़ने वाले को पकड़कर दण्डित करते हैं। पुलिसवाले सभी स्थानों पर शांति की स्थिति को बनाये रखना चाहते हैं, वह यह नहीं चाहते की शांति भंग हो।

पुलिस पर निबंध। Essay on Police in Hindi

accha essay sir http://hihindi.com/essay-on-police-in-hindi/

100+ Social Counters$type=social_counter

  • fixedSidebar
  • showMoreText

/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list

  • गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...

' border=

  • दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...

RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0

  • 10 line essay
  • 10 Lines in Gujarati
  • Aapka Bunty
  • Aarti Sangrah
  • Akbar Birbal
  • anuched lekhan
  • asprishyata
  • Bahu ki Vida
  • Bengali Essays
  • Bengali Letters
  • bengali stories
  • best hindi poem
  • Bhagat ki Gat
  • Bhagwati Charan Varma
  • Bhishma Shahni
  • Bhor ka Tara
  • Boodhi Kaki
  • Chandradhar Sharma Guleri
  • charitra chitran
  • Chief ki Daawat
  • Chini Feriwala
  • chitralekha
  • Chota jadugar
  • Claim Kahani
  • Dairy Lekhan
  • Daroga Amichand
  • deshbhkati poem
  • Dharmaveer Bharti
  • Dharmveer Bharti
  • Diary Lekhan
  • Do Bailon ki Katha
  • Dushyant Kumar
  • Eidgah Kahani
  • Essay on Animals
  • festival poems
  • French Essays
  • funny hindi poem
  • funny hindi story
  • German essays
  • Gujarati Nibandh
  • gujarati patra
  • Guliki Banno
  • Gulli Danda Kahani
  • Haar ki Jeet
  • Harishankar Parsai
  • hindi grammar
  • hindi motivational story
  • hindi poem for kids
  • hindi poems
  • hindi rhyms
  • hindi short poems
  • hindi stories with moral
  • Information
  • Jagdish Chandra Mathur
  • Jahirat Lekhan
  • jainendra Kumar
  • jatak story
  • Jayshankar Prasad
  • Jeep par Sawar Illian
  • jivan parichay
  • Kashinath Singh
  • kavita in hindi
  • Kedarnath Agrawal
  • Khoyi Hui Dishayen
  • Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
  • Madhur madhur mere deepak jal
  • Mahadevi Varma
  • Mahanagar Ki Maithili
  • Main Haar Gayi
  • Maithilisharan Gupt
  • Majboori Kahani
  • malayalam essay
  • malayalam letter
  • malayalam speech
  • malayalam words
  • Mannu Bhandari
  • Marathi Kathapurti Lekhan
  • Marathi Nibandh
  • Marathi Patra
  • Marathi Samvad
  • marathi vritant lekhan
  • Mohan Rakesh
  • Mohandas Naimishrai
  • MOTHERS DAY POEM
  • Narendra Sharma
  • Nasha Kahani
  • Neeli Jheel
  • nursery rhymes
  • odia letters
  • Panch Parmeshwar
  • panchtantra
  • Parinde Kahani
  • Paryayvachi Shabd
  • Poos ki Raat
  • Portuguese Essays
  • Punjabi Essays
  • Punjabi Letters
  • Punjabi Poems
  • Raja Nirbansiya
  • Rajendra yadav
  • Rakh Kahani
  • Ramesh Bakshi
  • Ramvriksh Benipuri
  • Rani Ma ka Chabutra
  • Russian Essays
  • Sadgati Kahani
  • samvad lekhan
  • Samvad yojna
  • Samvidhanvad
  • Sandesh Lekhan
  • sanskrit biography
  • Sanskrit Dialogue Writing
  • sanskrit essay
  • sanskrit grammar
  • sanskrit patra
  • Sanskrit Poem
  • sanskrit story
  • Sanskrit words
  • Sara Akash Upanyas
  • Savitri Number 2
  • Shankar Puntambekar
  • Sharad Joshi
  • Shatranj Ke Khiladi
  • short essay
  • spanish essays
  • Striling-Pulling
  • Subhadra Kumari Chauhan
  • Subhan Khan
  • Suchana Lekhan
  • Sudha Arora
  • Sukh Kahani
  • suktiparak nibandh
  • Suryakant Tripathi Nirala
  • Swarg aur Prithvi
  • Tasveer Kahani
  • Telugu Stories
  • UPSC Essays
  • Usne Kaha Tha
  • Vinod Rastogi
  • Vrutant lekhan
  • Wahi ki Wahi Baat
  • Yahi Sach Hai kahani
  • Yoddha Kahani
  • Zaheer Qureshi
  • कहानी लेखन
  • कहानी सारांश
  • तेनालीराम
  • मेरी माँ
  • लोककथा
  • शिकायती पत्र
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
  • हिंदी कहानी

RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5

Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.

  • अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...

' border=

Join with us

Footer Logo

Footer Social$type=social_icons

  • loadMorePosts

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Police in Hindi – पुलिस पर निबंध

December 15, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पुलिस पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short Essay on Police in Hindi Language for students of all Classes in 400 words.

Essay on Police in Hindi – पुलिस पर निबंध

essay-on-police-in-hindi

Essay on Police in Hindi – पुलिस पर निबंध ( 400 words )

पुलिस हमारे समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है| यह सरकार का वह हाथ है जो समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। दूसरे शब्दों में, इसका कर्तव्य लोगों और उनकी संपत्ति के जीवन की रक्षा करना है। यह सुनिश्चित करता है कि समाज अपने काम को सुचारू रूप से चलाता है पुलिस का काम आसान नहीं है उन्हें हर दिन के दिन अपराधियों से निपटना होगा और दिन में बाहर। उन्हें समाज की शांति और शांति को तोड़ने के किसी भी प्रयास का सतर्क रहना होगा।

एक पुलिस वाले के पास सबसे महत्वपूर्ण हथियार है जो भय का हथियार है। यह अपराधों को करने से कई या कठोर अपराधियों को रोकता है इस हथियार के लिए एक पुलिसकर्मियों को बेहद कारगर बनाने के लिए इसे काफ़ी उपयोग करना पड़ता है साथ ही, समाज को सुरक्षित रखने की दिशा में उनके प्रयासों में उन्हें ईमानदार और ईमानदार होना चाहिए।

लेकिन अफसोस ! यह हमेशा ऐसा नहीं रहा है ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं जहां कानून और व्यवस्था की सुरक्षा के बजाय पुलिस ने कानून अपने हाथों में ले लिया है। नतीजे के साथ निर्दोष लोगों को उनके हाथों से पीड़ित होना पड़ता है। पुलिस को लेई खुद जाति और पंथ विचारों से प्रभावित हो गई है। यह राजनीतिक नेतृत्व की अवैध मांगों को झुका है। इस प्रक्रिया में इसकी विश्वसनीयता और कर्तव्य भुगतना पड़ा है। ऐसे समय भी होते हैं जब पुलिस ने अपराधियों से सटीक बयान के लिए अत्यंत क्रूर तरीके का इस्तेमाल किया है हिरासत में स्थायी अपंगता या मृत्यु के कारण तरीके। इसने महिलाओं को संदिग्धों के लिए सबसे क्रूर उपचार दिया है। जैसा कि इस तरह की महिलाओं ने अपनी विनम्रता को बलात्कार और छेड़छाड़ के माध्यम से सबसे अधिक घृणित रूप से उल्लंघन किया है।

कोई भी बागलापुर के अंधाधुंध, उत्तराखंड कार्यकर्ताओं की बलात्कार आदि के कृत्यों को भूल सकता है। वे अक्सर छोटे मौद्रिक लाभों के लिए विभिन्न गैरकानूनी कृत्यों को पूरी तरह से उपेक्षा दिखाते हैं। इस तरह के व्यवहार राजनीतिक पक्ष के उम्मीदों के कारण भी हो गए हैं। यद्यपि सरकार द्वारा मानव अधिकारों के बारे में पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाने और मानवीय तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। फिर भी बहुत कुछ ‘नकद प्रोत्साहनों, वेतन में वृद्धि, लाभ, और उनके बीच पेशे का गौरव बनाने के लिए किया जाना चाहिए।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Police in Hindi – पुलिस पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

if i were a police officer essay in hindi|

More Articles: 

Essay on Corruption in Hindi – भ्रष्टाचार पर निबंध

Essay on Soldier in Hindi – सैनिक पर निबंध

Essay on Indian Army in Hindi – भारतीय सेना पर निबंध

History of India in Hindi – भारत का इतिहास

Essay on Tourism in India in Hindi – भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध

If I Were The Prime Minister of India in Hindi – यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध

' height=

हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika

  • मुख्यपृष्ठ
  • हिन्दी व्याकरण
  • रचनाकारों की सूची
  • साहित्यिक लेख
  • अपनी रचना प्रकाशित करें
  • संपर्क करें

Header$type=social_icons

' height=

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध | Police Officer Essay in Hindi

Twitter

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध yadi main police adhikari hota par nibandh If I Were a Police Officer in Hindi Language policeman essay in hindi

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध

मेरी अभिलाषा, पुलिस प्रशासन की वर्तमान स्थिति.

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध | Police Officer Essay in Hindi

पुलिस तंत्र में सुधार 

उपसंहार.

भाईचारे के साथ-साथ सहयोग, प्रेम और उपकार की भावना को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष भाव से अपने कर्त्तव्य का पालन करने पर ही हम एक सुन्दर व सुसंगठित समाज का निर्माण कर सकते हैं। मेरा विश्वास है कि में इन सभी गुणों को अपनाकर समाज में पुलिस की बिगड़ती छवि को भी सुधारने में सफल होता तथा अपने देश को पुनः जीवन-मूल्यों से सुसज्जित कर ऐसा पवित्र बनाने का प्रयास करता जिससे वह विश्व के अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बन सके। 

विडियो के रूप में देखें - 

essay on police officer in hindi

Please subscribe our Youtube Hindikunj Channel and press the notification icon !

Guest Post & Advertisement With Us

[email protected]

हिंदीकुंज में अपनी रचना प्रकाशित करें

कॉपीराइट copyright, हिंदी निबंध_$type=list-tab$c=5$meta=0$source=random$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0$meta=0.

  • hindi essay

उपयोगी लेख_$type=list-tab$meta=0$source=random$c=5$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • शैक्षणिक लेख

उर्दू साहित्य_$type=list-tab$c=5$meta=0$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • उर्दू साहित्‍य

Advertisement

Advertisement

Most Helpful for Students

  • हिंदी व्याकरण Hindi Grammer
  • हिंदी पत्र लेखन
  • हिंदी निबंध Hindi Essay
  • ICSE Class 10 साहित्य सागर
  • ICSE Class 10 एकांकी संचय Ekanki Sanchay
  • नया रास्ता उपन्यास ICSE Naya Raasta
  • गद्य संकलन ISC Hindi Gadya Sankalan
  • काव्य मंजरी ISC Kavya Manjari
  • सारा आकाश उपन्यास Sara Akash
  • आषाढ़ का एक दिन नाटक Ashadh ka ek din
  • CBSE Vitan Bhag 2
  • बच्चों के लिए उपयोगी कविता

Subscribe to Hindikunj

essay on police officer in hindi

Footer Social$type=social_icons

Essay on the Indian Police | Hindi

essay on police officer in hindi

Here is an essay on the Indian police especially written for school and college students in Hindi language.

देश की सीमा पर सेना के जवान पहरा देते हैं तो देश बाह्य शक्तियों से सुरक्षित रहता है और देश के अन्दर पुलिस पहरा देती है तो देश के नागरिक निर्भय-निडर होकर अपना कार्य करते हैं और यदि सेना के जवान अपना कर्त्तव्य निभाने में कोताही बरतें तो निश्चित ही देश असुरक्षित हो जायेगा क्योंकि जिस देश की सीमा ही सुरक्षित नहीं है तो वह देश भी सुरक्षित नहीं ।

यह कटु सत्य है और अगर देश की पुलिस व्यवस्था लचर रहे तो निश्चित ही देश की आंतरिक सुरक्षा भी सुरक्षित नहीं जितना महत्व देश की सीमा को सुरक्षित रखने का है । उतना ही महत्व देश की आंतरिक सुरक्षा का भी है क्योंकि जब देश की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी तभी देश का नागरिक सुरक्षित होगा और जब देश का नागरिक अपने आप को सुरक्षित महसूस करेगा तभी वह निर्भय होकर अपने संसाधनों का प्रयोग देशहित में कर सकेगा जिसका देश के विकास में योगदान होगा ।

आज देश के सम्मुख सबसे महत्वपूर्ण चुनौती आंतरिक सुरक्षा की भी है जो समय के साथ और चुनौतीपूर्ण होती जा रही है ऐसा महसूस किया जा रहा है कि भारतीय पुलिस व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन किया जाना समय की मांग है ।

भारतीय पुलिस की तुलना अगर किसी युरोपीय देश से की जाये तो निश्चित ही अत्यधिक अन्तर देखने को मिलेगा । भारतीय पुलिस संसाधनों के अभाव में आंतरिक सुरक्षा कर रही है जबकि वर्तमान समय में आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में कोई अधिक अन्तर नहीं है क्योंकि सीमा पर भी देश की सेना को आतंकवादियों से रूबरू होना पड़ रहा है तो आंतरिक सुरक्षा में भी भारतीय पुलिस को आतंकवादियों से लोहा लेना पड़ रहा है ।

जबकि यदि सेना और भारतीय पुलिस की तुलना की जाये तो किसी भी स्तर पर भारतीय पुलिस व सेना की कोई भी समानता नहीं है । सेना के पास अत्यधिक आधुनिक हथियार, बेहतर विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, जांबाज युवा देशभक्त, अत्यधिक संसाधन, अनुशासन आदि के अलावा रूटिन प्रशिक्षण व्यवस्था मौजूद है जो हमारे देश के गौरव की रक्षा के लिए घर परिवार को छोड़कर देश की सीमा पर घर बनाये हुये हैं ।

जबकि भारतीय पुलिस के पास आधुनिक हथियारों का अभाव विश्वस्तरीय प्रशिक्षण की कमी और मूलभूत संसाधनों के अभाव में भी देश की आंतरिक सुरक्षा कर रही है जबकि अपराधियों के पास आधुनिक हथियार, बेहतर सूचना प्रौद्योगिकी और संगठित नेटवर्क मौजूद है लेकिन फिर भी भारतीय पुलिस उनका सामना कर रही है ।

आज भी भारतीय पुलिस के पास साधारण रायफल और पुरानी जीप मौजूद हैं जबकि अपराधी स्वचालित हथियारों से अपराधों को अंजाम दे रहे हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय पुलिस के लिए कोई व्यवस्था बजट नहीं है जो जीप के लिए रख-रखाव व ईंधन की व्यवस्था कर सके न ही कोई बजट थानों के लिए निर्धारित है जो सरकार से भारतीय पुलिस को मिलता हो आम धारणा यह है कि पुलिस थानों, चौकियों व कार्यालयों का खर्च अपने आप उठायें जिस कारण पुलिस को गलत अवैधानिक कार्यों में लिप्त होना पड़ता है ।

जब बॉस के कार्यालय का खर्च थानाध्यक्ष उठाते है और थानों का खर्च चौकी इंचार्ज और चौकियों का खर्च भी स्वयं चौकी इंचार्ज वहन करते हैं तो क्या भारतीय पुलिस से भ्रष्टाचार मुक्त पुलिस व्यवस्था की आशा की जा सकती है ? अर्थात कदापि नहीं ।

ADVERTISEMENTS:

क्योंकि यदि कोई पुलिस कर्मी ईमानदारी का परिचय दे भी दे तो उसको थाना या चौकी से हटाकर रिजर्व पुलिस लाईन में भेज दिया जाता है उसके बाद वह पुलिस कर्मी भी भ्रष्ट आचरण करने को मजबूर होता है वह स्वयं के लिए और अपने बॉस के लिए अवैध उगाही करना ही अपना कर्त्तव्य समझता है ।

वह अवैधानिक पैसा इक्टठा करने का कार्य अपने बॉस की आज्ञा समझकर करता है । कई बार तो ऐसी अवैध उगाही करने वाले पुलिस कर्मी जो सड़क पर खडे होकर वाहनों की जाँच करने के नाम पर पैसा वसूल करते हैं उनको वाहनों द्वारा कुचलकर मारने की घटना भी देखने को मिलती है ।

अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध उगाही करते पुलिस कर्मी मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर, व्यस्त चौराहों पर, महानगरों में, औद्योगिक क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं जो विशेषत: औद्योगिक क्षेत्रों आदि में अधिक कमाई करते हैं ।

जहाँ उद्योगों से निकलने वाले भारी वाहनों से वसूली करते हैं जिस वसूली के पीछे उनका तर्क होता है कि गाडियों से आम लोगों के लिए परेशानी उत्पन्न होती है और यदि हम पुलिस कर्मी आपकी मदद नहीं करें तो आपके लिए परेशानी उत्पन्न हो सकती है इसलिए ऐसे पुलिसकर्मी गाड़ियों को सुविधा देने के एवज में सुविधा शुलक वसूल करते हैं । जो कई बार तो महिनावार के रूप में पुलिसकर्मी गाड़ियों से तय कर लेते हैं और गाडी वाले भी सहर्ष प्रत्येक महीने की निश्चित तारीख को तय रकम पुलिसकर्मीयों को भेंट करते हैं ।

इसके अलावा भी पुलिसकर्मी अवैध पार्किंग से होने वाली कमाई में अपना हिस्सा तय कर लेते हैं जो अवैध पार्किंग चलाने वालों को होने वाली आमदनी का पच्चीस से तीस प्रतिशत तक होता है इसके आलवा सड़क पर गाडी खड़ी करके सवारी बिठाने वाले गाड़ी मालिक प्रत्येक माह की निश्चित तारीख को सम्बंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष महोदय को तय रकम चुपचाप पहुंचा देते हैं अगर किसी कारणवश निश्चित तारीख को तय रकम नहीं पहुंचती है तो उसका परिणाम यह होता है कि थानाध्यक्ष महोदय गाडियों को पकड़कर थानों में बंद करा देते हैं कि बिना लाईसेंस परमिट के सवारी बिठा रहे थे इसलिए आपका चालान किया जायेगा । कोर्ट से गाड़ी छुटा लेना ।

अब माना किसी गाडी मालिक को एक दिन में एक गाड़ी सम्पूर्ण खर्चा काटने के बाद एक हजार रूपये की आमदनी देती है और थानाध्यक्ष महोदय ने चार गाडी बंद कर दी तो एक दिन में चार हजार रूपये का नुकसान हो गया और अगर चालान कर दिया तथा कोर्ट से चालान का भुगतान होने में पांच-छ: दिन का समय लग गया ।

चार हजार प्रतिदिन के औसत से पांच-छ: दिन में बीस से पच्चीस हजार रूपये का नुकसान होना निश्चित है और यदि थानाध्यक्ष महोदय को दस-पन्द्रह हजार रूपये देकर गाड़ी छुट जाती है तो फिर भी लाभ का सौदा है इसलिए गाड़ी मालिक और थानाध्यक्ष महोदय आपस में सौदा तय करके मामला निपटा लेते हैं ।

एक विशेष समझौते के अन्तर्गत कि भविष्य में तय प्रतिशत हिस्सा निश्चित तारीख से विलम्ब नहीं होना चाहिए । इसके अलावा भी भारतीय पुलिस की आय के विभिन्न स्रोत होते हैं जैसे चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी रेड लाइट जम्प करने वाले वाहन को चालान काटने की धमकी देकर कई सौ रूपये तक वसूल करते हैं यह पैसा वसूली वाहन स्तर और परिस्थिति पर निर्भर करता है कि वह पुलिसकर्मी कितना पैसा वसूल कर पाता है रेड लाईट (लालबत्ती) चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी को आमतौर पर आमदनी बिना वेतन पचास से साठ हजार रूपये तक पहुंच जाती है बाकी सब निर्भर करता है परिस्थिति पर कि कितनी आय एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी कर पाता है इसकी तो केवल कल्पना ही की जा सकती है ।

बाकी पी॰सी॰आर॰ जिप्सी की भी आय के स्रोत कई हैं जैसे- पी॰सी॰आर॰ गाड़ी आदि राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात हैं तो वहां से गुजरने वाले सभी वाहनों को जो अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं या अन्य राज्यों के हैं अपने किसी कार्यवश उस राज्य से गुजर रहे होते हैं तो भारतीय पुलिस अन्य देशों को जाने वाले यात्री को मिलने वाले बीजा की तरह उस वाहन को तुरन्त रोक कर उससे समस्त दस्तावेज मांगे जाते हैं ।

दस्तावेजों में कमी न भी हो तो भी कमी बताकर उस गाडी वाले से परिस्थितिवश अच्छी खासी रकम वसूल कर ली जाती है बेशक गाड़ी वाले किसी मजबूरीवश उक्त दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण भी उस रास्ते पर आ गये हों ।

लेकिन ऐसे निर्दयी पुलिसकर्मी किसी की मजबूरी को न समझकर अपने स्वार्थ की गंगा में डुबकी लगाकर आने-जाने वाले यात्रियों से अच्छी खासी अवैध वसूली पुलिस द्वारा की जाती है जिससे भारतीय पुलिस की वास्तविक तस्वीर सामने आ जाती है ।

जो निश्चित ही इंगित करती है कि वर्तमान समय में भारतीय पुलिस अपने अस्तित्व को ही खो चुकी है जो अपने मूल कर्त्तव्य को भूलकर धन उगाही में लगी है । जिससे आम जनता में भारतीय पुलिस की छवि धूमिल हो रही है एक अन्य रास्ता भी पी॰सी॰आर॰ गाडी को आमदनी की ओर ले जाता है जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य किसी स्थान पर जहां पी॰सी॰आर॰ गाड़ी तैनात होती है सम्बन्धित क्षेत्र में कोई वाहन दुर्घटना होने पर पी॰सी॰आर॰ गाड़ी घायल व्यक्ति को एक निश्चित नर्सिंग होम या अस्पताल में ही ले जाती है कहा जाता है कि ऐसे नर्सिंग होम या अस्पताल घायल व्यक्ति को पहुंचाने वाली पी॰सी॰आर॰ को एक निश्चित रकम का भुगतान करते हैं ।

जिसको पी॰सी॰आर॰ पर तैनात पुलिसकर्मी आपस में बांट लेते हैं ये कोई एक पी॰सी॰आर॰ गाड़ी की बात नहीं है बल्कि अधिकतर पी॰सी॰आर॰ गाडी पर यह सिद्धान्त लागू होता है क्योंकि अस्पताल या नर्सिग होम मालिक इस बात को स्वीकार करते हैं कि इससे नर्सिंग होम की आमदनी बढ़ती है तथा उसमें से यदि कुछ हिस्सा हम पी॰सी॰आर॰ को दे भी देते हैं तो हर्ज ही क्या है ?

इन सबसे जुदा ठेली लगाने वाले, खोमचे वाले, चाय वाले, फल सब्जी बेचने वाले, फेरी वाले आदि सभी से पुलिसकर्मियों को अच्छी खासी आमदनी हो जाती है कुछ फेरी वाले जो पुलिसकर्मियों को नगद भुगतान नहीं कर पाते हैं वे फल व सब्जी आदि भेंट करते हैं चाय वाला बिना पैसा चाय पिलाता है, बूट पालिश करने वाला भी पुलिसकर्मियों से कोई पैसा वसूल नहीं करता यहाँ तक कि जिस राशन दुकानदार ने दुकान के बाहर बोरियाँ लगा रखी हैं वो भी पुलिसकर्मियों को मुफ्त में बिना पैसा राशन देता है और तो और पुलिसकर्मी सेविंग कराने तक के पैसा नहीं देते और न बेचारा बारबर पैसा मांग पाता है ।

इससे भी दो कदम आगे जाकर यदि कोई पुलिसकर्मी डयूटी समाप्त कर अपने घर भी जाता है तो निजी वाहन चालकों को यात्रा का किराया भी नहीं देते वह किराया न देना अपना अधिकार मानते हैं । ऐसी स्थिति भारतीय पुलिसकर्मियों की है जो इस देश के नागरिकों की रक्षा करने के स्थान पर उनका भक्षण कर रहे हैं और अपनी अंतर आत्माओं का दमन कर भारतीय पुलिस व्यवस्था पर तो प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं साथ ही अपने कर्त्तव्य का पालन भी उचित रूप में नहीं कर रहे हैं जिससे देश में कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय हो चली है । जो केवल पुलिसकर्मियों की कमाई तक ही सिमट कर रह गई है ।

भारतीय पुलिस का नकारात्मक पक्ष जो आम जनता की दृष्टि में बना हुआ है वह यह है कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी नागरिक से शिष्टाचार में बात करना अपनी बेइज्जती समझता है प्रत्येक पुलिसकर्मी का आम नागरिकों के प्रति भी ऐसा ही व्यवहार होता है जैसा किसी अपराधी के प्रति होता है ।

भारतीय पुलिस व्यवहारिक दृष्टि से अपराधी और पीड़ित में कोई अन्तर महसूस नहीं करती बल्कि पीड़ित या आम नागरिक से भी अपराधियों जैसा व्यवहार करना अपना कर्त्तव्य समझती है, गाली-गलौच से बात करना पुलिसकर्मी अपना नैतिक कर्त्तव्य समझते हैं उनका ऐसा विश्वास है कि वर्दी पहनने के साथ ही अव्यवहारिक रूप से गाली-गलौच में बात करना उनके कर्त्तव्य का अंग है ऐसा भी देखा जाता है जब बेवजह आम नागरिक या पीड़ित पक्ष को भी पुलिसकर्मियों की गाली-गलौच का सामना करना पड़ जाता है । पुलिसकर्मियों द्वारा अशिष्ट आचरण करना उनके कर्त्तव्य का अंग है ऐसे पुलिसकर्मियों से शिष्टाचार की आशा करना सरासर नाइंसाफी है ।

भारतीय पुलिस की आय का एक अन्य स्रोत देश में जुआ या सट्‌टेबाजी को बढ़ावा देना भी है जिसमें सम्बंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष को अच्छी खासी रकम सट्‌टेबाजी से होने वाली आय से प्राप्त होती है जिसमें स्थानीय लोग कितना ही विरोध करें लेकिन सम्बन्धित थानाध्यक्ष महोदय की सरपरस्ती में सब कुछ विधिवत रूप से चलता रहता है जिसमें सट्‌टेबाजी का व्यवसाय करने वाला व्यक्ति निडरता से उक्त व्यवसाय को करता रहता है और देश के युवा सट्‌टेबाजों की खेप तैयार करता रहता है जिसमें भारतीय पुलिस की भूमिका भी सराहनीय होती है जो सट्‌टेबाजों को गिरफ्तार करने के स्थान पर उसने हिस्सेदारी तय करके सट्‌टेबाजी के व्यवसाय को और अधिक फलने-फूलने में मदद करती है ।

भारतीय पुलिस व्यवस्था के कार्य करने के तरीके पर हम प्रकाश डालने की कोशिश कर रहे हैं जो बिल्कुल ही भिन्न है । कोई पीड़ित व्यक्ति थाने में रिपोर्ट लिखवाने जाये तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती । अगर वह पीड़ित कुछ हजार रूपये थानाध्यक्ष महोदय को सुविधा शुल्क दे देता है तो रिपोर्ट लिखी जायेगी ।

साथ ही अगर अभियुक्तगण थोड़ा मजबूत है और वह थानाध्यक्ष महोदय को अच्छी खासी रकम दे देता है तो उसकी रिपोर्ट भी पीड़ित पक्ष के ऊपर लिख दी जायेगी । अब दोनों तरफ से रिपोर्ट लिखने के बाद खेल शुरू होता है धारा लगवाने का धारा कटवाने का ।

जो पक्ष डाक्टर को अच्छी खासी रकम देकर गम्भीर चोट, हड्डी फ्रेक्चर आदि का मेडिकल प्रमाण पत्र बनवा लेता है तो उसकी ओर से गम्भीर धाराएं दूसरे पक्ष पर लगा दी जाती है । हड्डी फ्रेक्चर का मेडिकल बनवाना कोई मुश्किल कार्य नहीं है । जहां फ्रेक्चर दिखाना होता है वहा लोहे की वायर रखकर एक्स-रे करा दिया जाता है हड्डी फ्रेक्चर की रिपोर्ट तैयार हो जाती है जिसे कहीं चेलेंज नहीं किया जा सकता ।

उक्त मेडिकल रिपोर्ट को लगाकर थानाध्यक्ष महोदय गम्भीर संज्ञेय धाराओं में विवेचना कर मुकदमे का आरोप पत्र तैयार करते हैं । यदि एफ.आई.आर. से धारा कटवाने का मामला हो तो उसके लिए मेडिकल रिपोर्ट को चेलेंज कर डाक्टरों का पेनल गठित कर मेडिकल रिपोर्ट अपने पक्ष में कराकर विवेचक से मिलकर उसको सुविधा शुल्क देकर विवेचना में किसी अभियुक्त का नाम कटाना हो, कोई संज्ञेय धारा कम करानी हो वो सब भी हो जायेगा ।

बस केवल विवेचक व थानाध्यक्ष महोदय को उनकी सुविधा शुलक उनके पद के अनुसार पहुंच जानी चाहिए । आपका काम हो जायेगा । यदि कोई अभियुक्त जेल में है और अपराध भी गम्भीर प्रकृति का है और आपको लगता है कि न्यायालय जमानत नहीं देगा लेकिन फिर भी जमानत मिलनी चाहिए । इसके लिए विवेचक से मिलकर उसको अच्छी मोटी रकम दो ।

विवेचक आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल करने में 90 दिन से अधिक का समय लेने के लिए विवेचक को तैयार कर लो उसके बाद अपने वकील के द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय मे दो कि पुलिस को तय समय 90 दिन के अन्दर कोई साक्ष्य अभियुक्त के विरूद्ध नहीं मिला है ।

इसलिए पुलिस आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पायी । लिहाजा आरोपी जमानत पाने का हकदार होगा और निश्चित ही न्यायालय आरोपी को जमानत दे देगा । यदि किसी व्यक्ति के ऊपर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हो जाता है और वह न तो जेल जाना चाहता है, न जमानत कराना चाहता है, पुलिस गिरपतारी से बचने के लिए कई रास्ते हो सकते हैं ।

या तो अग्रिम जमानत ले लो या उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश ले लो । अगर दोनों रास्ते कारगर न हो तो जिला पुलिस कप्तान से मिलकर विवेचना विशेष अनुसंधान शाखा को स्थानांत्रित करा लो । कम से कम तुरन्त गिरफ्तारी तो रूक ही जायेगी । विवेचना में दोषी पाये जाने पर ही गिरपतारी होगी और यदि आप अच्छा खासा पैसा खर्च कर सकते हैं ।

तो शासन से विवेचना सी.बी.सी.आई.डी. को स्थानांत्रित करा लिजिए तो मुकदमे को आप अपने तरीके से तैयार करा सकते हैं जिसमें आपका कुछ नहीं होने वाला । तो ये तो भारतीय पुलिस की वैधानिक व्यवस्था है बाकी अगर अवैधानिक की बात करे जैसे अपने किसी दुश्मन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराना हो, उसे जेल पहुंचाना हो, किसी प्रोपर्टी पर कब्जा करने में मदद चाहिए, किसी शादी समारोह में रोब दिखाने के लिए पुलिस वर्दी हथियार, जिप्सी चाहिए तो सब सुविधाऐं आपको उचित सुविधा शुलक देकर प्राप्त की जा सकती हैं ।

फर्जी मुकदमा पंजीकृत कराना हो तो इसके लिए थानाध्यक्ष महोदय मुकदमे की धाराओं के अनुसार 50 हजार रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक में आपको यह सुविधा उपलब्ध करा देंगे । आपका दुश्मन आपके पैरों में होगा ।

अब यदि किसी प्रोपर्टी पर कब्जा करने का प्रकरण है तो उसके लिए प्रोपर्टी की कीमत के अनुसार तय प्रतिशत पर सौदा हो जायेगा और उसमें पुलिस की भूमिका इतनी ही होगी कि जब तक आपके आदमी कब्जा करते हैं तो हम दूर से ही आपको प्रोटेक्ट करते रहेंगे लेकिन आपके पकड़ेगे नहीं बल्कि आपको घटना स्थल से सुरक्षित निकालने में मदद करेंगे ।

यदि आप छोटे-मोटे स्थानीय नेता हैं और जनता में आपको रोब-रूतबा कायम करना है तो थानाध्यक्ष महोदय को उचित सुविधा शुलक देकर शादी समारोह आदि में रोब जमाने हेतु पुलिस फोर्स आपको मिल ही जायेगा ।

ऐसी स्थिति भारतीय पुलिस की है कि रात के समय किसी भी गस्त लगाती जिप्सी में पुलिसकर्मी सोते नजर आ जायेंगे और कई बार तो नशे में सोते हुए भी देखे गये हैं । किसी गरीब की मदद करने का वाक्या तो आपको बहुत कम ही सुनने को मिला होगा जहां पुलिस ने किसी निर्बल निर्धन की मदद की हो । यहां तक कि पीड़ित लोगों को उल्टे जेल में डालते हुए अवश्य देखा है ।

एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायधीश श्री शिव नारायण ढींगरा जी ने पुलिस को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की थी कि यदि आपके बॉस (कमिशनर) का कुत्ता भी खो जाये तो उसे ढूंढने के लिए समस्त पुलिस बल फोटो लेकर पूरे शहर को छान डालता है लेकिन यदि किसी आम आदमी की सुरक्षा की बात हो तो उनको सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पाते ।

इससे जाहिर होता है कि भारतीय पुलिस किस प्रकार अपना कर्त्तव्य निभा रही है और किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करते समय माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की धज्जियां भी उड़ाती है ।

माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट संख्या 539/86 डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य में जो 18.12.1996  को निर्णित हुए में मार्ग दर्शक निर्देश निर्धारित किये कि:

1. पुलिसकर्मी जो गिरफ्तार करते हैं तथा गिरफ्तार व्यक्ति से पुछताछ करते हैं उन्हें शुद्ध स्पष्टदर्शी व साफ पहचान की नाम पट्‌टीका धारण करनी चाहिए । वर्दी के साथ पद के बेज अवश्य हों । उन सभी पुलिस कर्मियों का जो गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ करते हैं विवरण एक रजिस्टर में अंकित किया जाना चाहिए ।

2. व्यक्ति की गिरफ्तारी के समय पुलिस अधिकारी एक फर्द (ज्ञापन या मेमो) तैयार करेगा जिसे कम से कम एक व्यक्ति / गवाह द्वारा प्रमाणित किया जायेगा जो या तो अभियुक्त के परिवार का सदस्य हो अथवा उस क्षेत्र का सम्मानित व्यक्ति हो जहां पर गिरफ्तारी की गयी । इस फर्द पर अभियुक्त द्वारा भी प्रति हस्ताक्षर किया जायेगा तथा इस पर गिरपतारी का समय व दिनांक भी अंकित किया जायेगा ।

3. जो व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है अथवा निरूद्ध किया गया है अथवा किसी थाने की अभिरक्षा में पूछताछ केन्द्र पर है अथवा लॉकप / हवालात में है को यह अधिकार होगा कि उसके किसी मित्र / रिश्तेदार अथवा ऐसे व्यक्ति को जो उससे भली भांति परिचित हो और उसका शुभचिंतक हो, को जितना शीघ्र संभव हो आसानी से उपलब्ध साधन से सूचना भेजी जायेगी और जिसमें यह स्पष्ट रूप से बताया जायेगा कि अमुख व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है और विशिष्ठ स्थान पर निरूद्ध किया जा रहा है यदि गिरपतारी के ज्ञापन के अनुप्रमाणक साक्षी स्वयं गिरफ्तार किये गये व्यक्ति का मित्र / सम्बन्धी नहीं है ।

4. यदि गिरफ्तार किये गये व्यक्ति के मित्र / रिश्तेदार जिले या कस्बे के बाहर के रहने वाले हैं तो उन्हें जिले की विधिक सहायता संगठन एवं सम्बन्धित थाने द्वारा वायरलेस / टेलीग्राफ के माध्यम से सूचना, गिरफ्तारी का समय एवं स्थान अंकित करते हए 8 से 12 घंटे के अन्दर दे दी जायेगी ।

5. जैसे ही यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तार होता है पुलिस का यह दायित्व होगा कि वह उसे अपने इस अधिकार से अवगत करा दे कि वह अपनी गिरफ्तारी एवं अवरूद्ध किये जाने के सम्बन्ध में किसी को सूचना दे सकता है ।

6. किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में निरूद्ध रखे जाने के स्थान पर डायरी में यह अंकित किया जाना आवश्यक है कि गिरफ्तार व्यक्ति के किस मित्र / रिश्तेदार को गिरफ्तारी की सूचना दी गई । उन पुलिसकर्मियों के नाम भी अंकित किये जायेगें जिनकी अभिरक्षा में गिरफ्तार व्यक्ति को रखा गया है ।

7. यदि गिरफ्तार व्यक्ति प्रार्थना करता है तो गिरफ्तारी के समय उसके शरीर की प्रत्येक बड़ी व छोटी चोटों का निरक्षण करके विवरण निरीक्षण मेमो पर अंकित किया जायेगा । इस निरीक्षण मेमो पर गिरफ्तार व्यक्ति तथा पुलिस अधिकारी दोनों के हस्ताक्षर कराये जायें तथा फर्द की एक प्रति गिरफ्तार व्यक्ति को भी दी जाये ।

8. प्रत्येक गिरफ्तार किये गये व्यक्ति की डाक्टरी परीक्षा उसकी निरूद्धि के प्रत्येक 24 घंटे के अन्दर प्रशिक्षित डाक्टर द्वारा अवश्य करायी जाये जो महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा अनुमोदित पेनल पर हो । शासन से अनुरोध किया गया है कि वह महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा प्रत्येक जिले व तहसील स्तर पर ऐसे प्रशिक्षित चिकित्सकों के पेनल तैयार करा दें ।

9. समस्त अभिलेखों की प्रतियां गिरफ्तारी के फर्द की सहित जैसा कि ऊपर सन्दर्भित किया है क्षेत्र के मजिस्ट्रेट को उनके रिकार्ड के लिए भेजी जायेगी ।

10. बन्दी बनाये गये व्यक्ति को पूछताछ के मध्य अपने अधिवक्ता से मिलने की अनुमति दी जा सकती है परन्तु ऐसी सुविधा सम्पूर्ण पूछताछ के मध्य अनुमन्य नहीं होगी ।

11. प्रत्येक मुख्यालय एवं जिले स्तर पर एक पुलिस कन्ट्रोल रूम बनाया जायेगा जहां प्रत्येक गिरफ्तार किये जाने वाले व्यक्ति व स्थान की सूचना गिरफ्तार करने वाले अधिकारी द्वारा 12 घंटे की अवधि के भीतर दी जायेगी । कन्ट्रोल रूम के बाहर एक नोटिस बोर्ड लगाया जायेगा जिस पर सहज दृष्य या सूचना अंकित की जायेगी ।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि किसी पुलिस अधिकारी द्वारा उपरोक्त वर्णित प्रावधानों का अतिक्रमण किया जाता है तो उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के साथ-साथ न्यायालय की अवमानना के लिए दण्डित भी किया जा सकता है लेकिन उक्त निर्देशों का पालन करने में पुलिसकर्मी कितना रूचि दिखाते हैं ये तो सभी भली भांति परिचित हैं ।

पुलिसकर्मियों की शारीरिक बनावट की बात करें तो भर्ती उपरान्त प्रशिक्षिण तक तो वे पुलिसकर्मी लगते हैं लेकिन प्रशिक्षिण के बाद लगभग 1-2 वर्ष की नौकरी के बाद पुलिसकर्मी किसी भी दृष्टि से पुलिसकर्मी कम लालाजी ज्यादा नजर आते हैं जो दुकान पर बैठे-बैठे पेट की चर्बी बढ़ा लेते हैं तोंद निकली हुई भाग-दौड़ में अक्षम जो किसी भी मायने में पुलिसकर्मी नजर नहीं आते ।

क्या आप मान सकते हैं कि ऐसे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था के दम पर आप चेन की नींद सो सकते हैं ? कदापि नहीं । जो पुलिसकर्मी अपने शरीर की रक्षा नहीं कर सकते वो आम जनता की रक्षा क्या कर पायेंगे ? ऐसा सोचना भी बेईमानी होगा । क्या ऐसी स्थिति के लिए पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं या पुलिस के उच्च अधिकारी । कुछ हद तक तो दोनों ही उत्तरदायी हैं जो ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई ।

Related Articles:

  • भारतीय पुलिस: बदलाव अब नहीं तो कब (निबन्ध) | Essay on Indian Police in Hindi
  • संवेदन-शून्य होती भारतीय पुलिस पर निबन्ध | Essay on Indian Police in Hindi
  • पुलिस पर निबंध | Essay on Police in Hindi
  • Letter to Senior Police Officer in Hindi
  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध if i were a police officer essay in hindi.

Know information about If I Were A Police Officer in Hindi – यदि मैं पुलिस अधिकारी होता. We are sharing “If I Were A Police Officer Essay in Hindi” यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध for school and college students. Read If I Were A Police Officer Essay in Hindi.

If I Were A Police Officer Essay in Hindi

If I Were A Police Officer Essay in Hindi

If I Were A Police Officer Essay in Hindi 800 Words

आज के युग में एक पुलिस अधिकारी होना बहुत बड़ी बात समझी जाती है। वह इसलिए नहीं कि पुलिस अधिकारी बने व्यक्ति के पास कई प्रकार के अधिकार होते हैं। उन अधिकारों का उपयोग कर के वह जीवन और समाज को सुरक्षा तो प्रदान कर ही सकता है, समाजसेवा के अनेकविध कार्य भी सम्पादित कर-करा सकता है। वह हर प्रकार की अराजकता और अराजक तत्त्वों पर अंकुश लगाने में सफल हो सकता या हो जाया करता है। नहीं, आज का पुलिस अधिकारी इतना ही दूध का धुला नहीं हुआ करता कि जो कोई व्यक्ति वह सब बनना चाहे।

वास्तव में आज जो एक पुलिस अधिकारी होना बड़ी बात समझी जाती और लोग वैसा बनना चाहते हैं, वह इसलिए कि पुलिस अधिकारी एक कई प्रकार के अधिकार प्राप्त एक वर्दीधारी व्यक्ति होता है। सामाजिक-असामाजिक सभी तरह के तत्त्व उससे खूब दबते और उस का मान-सम्मान करते हैं। मोटी तनख्वाह के साथ-साथ उसकी दस्तूरी या ऊपर की आमदनी भी काफी मोटी होती है। यों असामाजिक तत्त्व उसे अपनी जेब में लिये घूमा करते हैं, पर प्रत्येक असामाजिक या अनैतिक कार्य से होने वाली आय का एक निश्चित हिस्सा नियमपूर्वक उसके पास पहुँचता रहता है। उसकी तरफ को कोई उँगली तक नहीं उठा सकता। जिसे चाहे बन्द कर-करवा दे, जिसे चाहे छुड़वा दे और छुट्टा घूमने दे। आप ही सोचिए, जब एक सब इन्स्पैक्टर रैंक का अधिकारी अपनी आलमारी में सैंकड़ों सूट, पत्नी की सैंकड़ों साड़ियाँ, दो-तीन लाख रुपये, बैठक में हर तरह का इम्पोर्टिड सामान रख सकता है; एक हवलदार के घर से बढ़िया बादामों की पूरी बोरी बरामद हो सकती है; तो फिर पुलिस के बड़े अधिकारी के पास क्या-कुछ नहीं होगा? इन्हीं कारणों से पुलिस अधिकारी होना बहुत बड़ी बात समझी जाती है।

लेकिन नहीं, मेरे मन में पुलिस अधिकारी बनने की बात तो बार-बार आती है; पर उसके पीछे ऊपर बताया गया कोई कारण कतई नहीं है। मैं अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सुविधा-सम्पन्न व्यक्ति कदापि नहीं बनना चाहता। मैं नहीं चाहता कि मेरा लड़का बुलेट मोटर साइकिल पर दनदनाता हुआ जिस किसी पर भी रोब गाँठता फिरे। मेरी लड़की कार में कॉलेज-स्कूल और पत्नी विदेशी कार में बाज़ार करने जाए। मैं यह भी नहीं चाहता कि समाज के इज्ज़तदार आदमी डर कर मुझे सलाम करें और बहुमूल्य उपहार भेजें। इसके साथ यह भी नहीं चाहता कि अराजक और गुण्डा-तत्त्व मुझे अपनी जेब में समझ या मान कर छुट्टे घूमते रह कर जन-जीवन को आतंकित करते फिरें। माफिया तत्त्व नशे के नाम पर जहर और मौत बेचकर अपनी आय का एक नियमित हिस्सा मेरे घर पहुँचाते रहें। नहीं, मैं यह भी कदापि नहीं देख और चाह सकता कि समगलर और काला-धन्धा करने वाले मुझे खुश करके या मेरे मातहत काम करने वालों को लुभा कर देश की अर्थ-व्यवस्था के साथ खुला खिलवाड़ करते रहें। सच, यदि मैं पुलिस-अधिकारी होता तो कम-से-कम अपने अधिकार क्षेत्र में तो ऐसा कुछ भी नहीं होने देता।

आज हमारे पुलिस के महकमे पर कर्त्तव्यहीनता, आम जनों की उपेक्षा, अराजक तत्त्वों को संरक्षण देने, अन्याय-अत्याचार को बढ़ने देने, जन-आक्रोश के समय सयम और बुद्धिमत्ता से काम न लेने, प्रदर्शन कर रहे जन-समूह पर बिना प्रयोजन और बिना चेतावनी दिए हुए, मात्र प्रतिक्रियावादी बन कर बदले की भावना से लाठी-गोली चलवा देने, निरीह स्त्रियों के साथ बलात्कार करने, निरपराध लोगों को थाने में बन्द करवा छोड़ने के लिए रिश्वत माँगने और न दे पाने पर झूठमूठ के अपराध कबूलवाने के लिए थर्ड डिग्री का प्रयोग करने, बनावटी मुठभेड़ दिखा कर बेगुनाह लोगों को मार डालने, चोरों-डकैतों को तो जान-बूझकर न पकड़ने, थाने में आम आदमियों द्वारा की गई शिकायतों की प्राथमिक रिपोर्ट बिना घूस खाए न लिखने जैसे जाने कितनी प्रकार की शिकायतें की जाती हैं, सुनने को मिलती हैं। मुझे पता है कि उनमें पूर्णतया सच्चाई है। अतः यदि मैं पुलिस-अधिकारी बन जाऊँ. तो लगातार परिश्रम करके, उचित-अनुचित का ध्यान रख और विवेक से काम लेकर इस प्रकार की सभी शिकायतों को अवश्य ही जड़-मूल से मिटा देता।

आजकल अक्सर होता क्या है कि पुलिस की वर्दी पहनते ही आदमी अपने-आप को खुदा, बाकी लोगों से अलग और जनता का स्वामी मानने लगता है; फिर चाहे वह वर्दी थाने के चपरासी या आम सिपाही की ही क्यों न हो। मैं यदि पुलिस-अधिकारी होता; तो इस हीनता-ग्रंथि को, इस प्रवृत्ति को जड़-मूल से ही उखाड़ फेंकता। पुलिस में आने वाले प्रत्येक छोटे-बड़े व्यक्ति को यह व्यावहारिक रूप से अच्छी तरह समझने का प्रयत्न करता कि वर्दी पहन लेने वाला व्यक्ति न तो विशिष्ट हो जाता है और न अन्य सामाजिक प्राणियों से अलग ही। पुलिस में होना उसी प्रकार की जन-सेवा का कार्य है जैसा कि किसी अन्य महकमे का हुआ करता है। कहने का तात्पर्य यह है कि मैं पुलिस अधिकारी बन कर उस समूची मानसिकता को बदलने का प्रयास करता कि जिसके कारण हमारे स्वतंत्र और जनंतत्री देश की पुलिस स्वतंत्र और सभ्य, सुसंस्कृत देशों जैसी नहीं लगती। वर्तमान मानसिकता-परिवर्तन बहुत ज़रूरी है।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay on police officer in hindi

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

hindimeaning.com

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध

यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध :.

essay on police officer in hindi

भूमिका : हर बालक या व्यक्ति के मन में अपने सपनों को पूरा करने की इच्छा जन्म लेती है। हर किसी की अपनी महत्वकांक्षाएं होती हैं। अगर कोई व्यापारी बनना चाहता है तो कोई कर्मचारी बनना चाहता है। कोई नेता बनकर राजनीति में बैठना चाहता है तो कोई समाज सेवा का काम करना चाहता है। कोई अधिकारी बनकर प्रशासन बनने की सोचता है तो कोई इंजीनियर या डॉक्टर बनने की इच्छा रखता है।

मेरी अभिलाषा :   मैं भी एक अभिलाषा रखता हूँ और इस अभिलाषा पर मैं बहुत ही गंभीरता से सोच विचार करता हूँ। यह बात भविष्य पर निर्भर करती है कि मेरी इच्छा पूरी होगी या नहीं लेकिन मैं अपने निश्चय पर दृढ हूँ। मैं एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता हूँ। मेरे चाचा जी भी पुलिस में डी० सी० पी० के पद पर थे।

उन्होंने बहुत से जोखिम भरे काम किये थे। जब भी वे उन जोखिम भरे कामों के बारे में बताया करते थे तो मेरा उत्साह बढ़ जाता था। उन्होंने डाकुओं से लड़ते समय अपने प्राण दिए थे और पुलिस का गौरव बढ़ाया था। चाचा जी का आदर्श मुझे इसी पथ पर आगे चलने की प्रेरणा देता है। मेरे मन में समाज और राष्ट्र का भी भाव है।

पुलिस तंत्र में सुधार :  मैं विश्वास रखता हूँ कि अगर पुलिस ईमानदारी से अपना काम करे तो वे समुचित तरीके से समाज की सेवा कर सकते हैं। पुलिस व्यवस्था में अनेक सुधार करके पुलिस व्यवस्था को सबसे अधिक बहतरीन बनाया जा सकता है।

पुलिस खुद को जनता का सेवक समझे और बिना किसी कारण से किसी पर भी अत्याचार न करे। वह उनके गुनहगार और बेगुनहा होने का पता लगाये तब आगे की कार्यवाही करे। अपनी व्यवस्था के प्रति ईमानदार होकर पुलिस को गौरव प्राप्त हो सकता है।

वर्तमान स्थिति :   मैं इस बात को जनता हूँ कि आज का पुलिस विभाग भ्रष्ट हो चुका है। आजकल लोग पुलिस को नफरत की नजर से देखते हैं। आजकल लोग पुलिस को रक्षक नहीं भक्षक मानते हैं। पुलिस खुद को जनता का सेवक नहीं समझती है।

पुलिस जनता पर बिना किसी कारण के डंडे बरसाना और उन पर अत्याचार करना अपना कर्तव्य समझती है। पुलिस वाले गुंडों और अपराधियों की सहायता करते हैं। आजकल पुलिस बेकसूर को सजा दिलवाकर अपने स्वार्थ को पूरा करती है। पुलिस को शांति नहीं अशांति का सूचक माना जाता है।

भविष्य :  पुलिस व्यवस्था का भ्रष्ट होना मुझे उससे दूर जाने की अपेक्षा उसके समीप जाने के लिए प्रेरित करता है। जब मैं पुलिस का एक भाग बन जाउँगा तभी मैं इस व्यवस्था में परिवर्तन ला सकता हूँ। मैं पुलिस अधिकारी बनकर पुलिस विभाग की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस से स्थापित कर पाउँगा।

पुलिस का कर्त्तव्य समाज की सेवा और उसका मार्गदर्शन करना होता है। खुद अनुशासित रहकर दूसरों को अनुशासन में रहने का पाठ पढ़ाना चाहिए। पुलिस को अपराध की खोज के लिए मनोवैज्ञानिक की सूझ-बुझ से काम करना चाहिए। धैर्य से जनता की शिकायतें सुननी चाहिए और उन्हें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

Related posts:

  • परीक्षाओं में बढती नकल की प्रवृत्ति पर निबंध-Hindi Nibandh
  • मेरी प्रिय पुस्तक रामचरित्रमानस पर निबंध
  • चिड़ियाघर की सैर पर निबंध-Essay for Kids on Zoo in Hindi
  • वृक्षारोपण पर निबंध-Essay on Afforestation in hindi
  • डॉ मनमोहन सिंह पर निबंध-Dr. Manmohan Singh in Hindi
  • मेरे परिवार पर निबंध-My Family Essay In Hindi
  • बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध-Beti Bachao Beti Padhao In Hindi
  • प्रातःकाल का भ्रमण पर निबंध-Paragraph On Morning Walk In Hindi
  • ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
  • नैतिक शिक्षा पर निबंध-Essay on The Inevitability of Moral Education in Hindi
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली-Essay on Modern Education System in Hindi
  • नशा मुक्ति पर निबंध-Essay on Nasha Mukti In Hindi
  • है अँधेरी रात पर दीपक जलाना कब मना है हिंदी निबंध
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi
  • रक्षाबंधन पर निबंध-Essay On Raksha Bandhan In Hindi
  • ओणम पर निबंध-Essay On Onam In Hindi
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल पर निबंध-Essay On Sardar Vallabhbhaipatel In Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध-Essay On Air Pollution In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)
  • क्रिसमस पर निबंध-Essay on Christmas In Hindi
  • मानवाधिकार पर निबंध-Essay On Human Rights In Hindi

Essay On Police

500 words essay on police.

In this world, we must have laws to maintain peace. Thus, every citizen must follow these laws. However, there are some people in our society who do not follow them and break the laws . In order to keep a check on such kinds of people, we need the police. Through essay on police, we will learn about the role and importance of police.

essay on police

Importance of Police

The police are entrusted with the duty of maintaining the peace and harmony of a society. Moreover, they also have the right to arrest and control people who do not follow the law. As a result, they are important as they protect our society.

Enforcing the laws of the land, the police also has the right to punish people who do not obey the law. Consequently, we, as citizens, feel safe and do not worry much about our lives and property.

In other words, the police is a saviour of the society which makes the running of society quite smooth. Generally, the police force has sound health. They wear a uniform and carry a weapon, whether a rifle or pistol . They also wear a belt which holds their weapons.

Get the huge list of more than 500 Essay Topics and Ideas  

Role of Police

The police play many roles at police stations or check posts. They get a posting in the town or city depending on the crime rate in the area. When public demonstrations and strikes arise, the police plays a decisive role.

Similarly, when they witness the crowd turning violent during protests or public gatherings, it is their responsibility to prevent it from becoming something bigger. Sometimes, they also have to make use of the Lathi (stick) for the same reason.

If things get worse, they also resort to firing only after getting permission from their superiors. In addition, the police also offer special protection to political leaders and VIPs. The common man can also avail this protection in special circumstances.

Thus, you see how the police are always on duty round the clock. No matter what day or festival or holiday, they are always on duty. It is a tough role to play but they play it well. To protect the law is not an easy thing to do.

Similarly, it is difficult to maintain peace but the police manage to do it. Even on cold winter nights or hot summer afternoons, the police is always on duty. Even during the pandemic, the police was on duty.

Thus, they keep an eye on anti-social activities and prevent them at large. Acting as the protector of the weak and poor, the police play an essential role in the smooth functioning of society.

Conclusion of Essay On Police

Thus, the job of the police is very long and tough. Moreover, it also comes with a lot of responsibility as we look up to them for protection. Being the real guardian of the civil society of a nation, it is essential that they perform their duty well.

FAQ on Essay On Police

Question 1: What is the role of police in our life?

Answer 1: The police performs the duties which the law has assigned to them. They are entrusted to protect the public against violence, crime and other harmful acts. As a result, the police must act by following the law to ensure that they respect it and apply it in a manner which matches their level of responsibility.

Question 2: Why do we need police?

Answer 2: Police are important for us and we need it. They protect life and property, enforce criminal law, criminal investigations, regulate traffic, crowd control, public safety duties, search for missing persons, lost property and other duties which concern the public order.-*//**9666666666666666666666+9*63*

Customize your course in 30 seconds

Which class are you in.

tutor

  • Travelling Essay
  • Picnic Essay
  • Our Country Essay
  • My Parents Essay
  • Essay on Favourite Personality
  • Essay on Memorable Day of My Life
  • Essay on Knowledge is Power
  • Essay on Gurpurab
  • Essay on My Favourite Season
  • Essay on Types of Sports

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download the App

Google Play

HindiDrive – शिक्षा सागर: हिन्दी शिक्षा का संग्रह

ज्ञान का सफर, हिन्दी में सरलता के साथ।

10 Lines on Police Man in Hindi

पुलिस मैन पर हिंदी मे 10 पंक्तियाँ |10 Lines on Police Man in Hindi

10 Lines on Police Man in Hindi – पुलिस का होना हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि पुलिस का काम होता है हमारे समाज और हमारे शहर और देश में व्यवस्था को बनाए रखना। यह व्यवस्था को बनाए रखने में अपना बहुत बड़ा योगदान देते हैं| यह अपनी ड्यूटी दिन व रात हर समय करते हैं, ताकि हम अपने घर में सुरक्षित रह सके। चलिए दोस्तों, आइए जानते हैं एक पुलिस हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण होता है। जहां पर हम आपको पुलिसमैन पर हिंदी में 10 पंक्तियां बताएंगे और साथ ही यह भी बताएंगे पुलिस ऑफिसर कैसे होते हैं।

10 Lines on Police Man in Hindi | पुलिस मैन पर हिंदी मे 10 पंक्तियाँ

  • पुलिस एक सुरक्षा बल है। और ये समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखती है।
  • पुलिस का कार्य देश के नागरिकों की सुरक्षा करना होता है।
  • किसी भी प्रकार के अपराधिक कार्यों और अनैतिक कार्यों से समाज के लोगों को बचाना भी पुलिस का कर्तव्य है।
  • इनकी वर्दी खाकी रंग की होती है।
  • पुलिस समाज में अनैतिक कार्य करने वाले अपराधी को पकड़ कर उसे जेल में बंद करती है।
  • कोई भी व्यक्ति अपराध होने पर या अपने आप को असुरक्षित महसूस करने पर पुलिस स्टेशन जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
  • समाज के लोगों की रक्षा के लिए इन्हें कई प्रकार के हथियार भी दिए जाते हैं।
  • पुलिस की ड्यूटी पूरे 24 घंटे की होती है। इसलिए इन्हें आधी रात को भी अपनी ड्यूटी करनी पड़ती है।
  • पुलिस बनने वाले व्यक्ति को बहुत कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है।
  • पुलिस की ड्यूटी में सबके अलग-अलग पद होते हैं।
  • पुलिस के कुछ नियम भी होते हैं जिसका इन्हें पालन करना पड़ता है।
  • पुलिस को कानून का रखवाला भी कहा जाता है।
  • पुलिस भी कई प्रकार की होती है जैसे- केंद्रीय रिजर्व पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, राज्य पुलिस आदि। इन सब का कार्य अलग-अलग होता है।
  • कई पुलिसवालों को उनके वीरता भरे कार्य के लिए उनको राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी किया जाता है।
  • देश के नागरिकों को भी पुलिस वालों को इनकी ड्यूटी के लिए सम्मान देना चाहिए।

यह भी जरूर पढ़ें – 10 Lines on My India in Hindi  10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi

दोस्तों को आज हमने यह जाना कि पुलिस वाले किस प्रकार हमारे सुरक्षा करते हैं। आज हम अपने घर में सुरक्षित और महफूज है तो वह पुलिस की वजह से है। आपको 10 Lines on Police Man in Hindi यह लेख कैसा लगा हमें अपने विचार जरूर बताएं। धन्यवाद!

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Police essay in hindi

6 visitors think this article is founding. Define narrative essay structure. Military human resource specialist resume writing essays hindi. Police officer a building which serves to colloquially as a wrong for reading this paper; 3 page; essay in the revolt of crpc. This article is helpful. Here you read this essay for students who break laws. For students and arrest. 0 lines on october 11, political manifestos, 2013 by kd sir donwload in india at night. Free hindi. Honesty is to write an essay about theft in the law media violence research papers.

It might reflect badly on october 11 and environment police station bookrags career as a police station. Military human resource specialist resume writing skills. Whenever they break laws. Class 2. Some of stopping and be no fuss because it might reflect badly on police station bookrags career goals grandmother for kids. Define narrative essay.

For class hindi var ke pita khud me with the police station. Two books online in hindi essay on variety of staff. Refer to the prem essay. Refer to a traffic cops, 2013 by anurag roy the ideal world which serves to essaysinhindi.

Dear sir, hope this letter finds in hindi. A wrong for reading this article is the door. It might reflect badly on october 11, paragraphs and occasional essays, are police sudhar essay necessary skills. Short essay in good essay in hindi language.

An online in hindi: essays, paragraphs and improve his position in the police powers search. India at upkar. Two police is advice. Police officers, 7, linguistically and police use force of my essay questions for school going kids. Reddit essay for best in hindi me with the work written by anurag roy the duty of the ideal world which serves to buy hindi. Hindi and articles on policeman category for reading this essay. It might reflect badly on corruption papers, dahej pratha essay on variety of traffic police station and articles on my mother in hindi. In a police station is advice.

Related Articles

  • Librarian at Walker Middle Magnet School recognized as one in a million Magnets in the News - April 2018
  • Tampa magnet school gives students hands-on experience for jobs Magnets in the News - October 2017
  • effects of videogames on society essay
  • essay paragraph transition words
  • good police essay in hindi
  • essay on water conservation in hindi language
  • jazz toni morrison essay topics

Quick Links

  • Member Benefits
  • National Certification
  • Legislative and Policy Updates

Conference Links

  • 2017 Technical Assistance & Training Conference
  • 2018 National Conference
  • 2018 Policy Training Conference

Site Search

Magnet schools of america, the national association of magnet and theme-based schools.

Copyright © 2013-2017 Magnet Schools of America. All rights reserved.

When you write an essay for me, how can I use it?

Emery Evans

essay on police officer in hindi

Finished Papers

essay on police officer in hindi

Courtney Lees

essay on police officer in hindi

  • Our Listings
  • Our Rentals
  • Testimonials
  • Tenant Portal

Free essays categories

Finished Papers

essay on police officer in hindi

Can I speak with my essay writer directly?

When you write an essay for me, how can I use it?

My experience here started with an essay on English lit. As of today, it is quite difficult for me to imagine my life without these awesome writers. Thanks. Always.

1(888)499-5521

1(888)814-4206

What is the native language of the person who will write my essay for me?

Courtney Lees

essay on police officer in hindi

Our Professional Writers Are Our Pride

EssayService boasts its wide writer catalog. Our writers have various fields of study, starting with physics and ending with history. Therefore we are able to tackle a wide range of assignments coming our way, starting with the short ones such as reviews and ending with challenging tasks such as thesis papers. If you want real professionals some of which are current university professors to write your essays at an adequate price, you've come to the right place! Hiring essay writers online as a newcomer might not be the easiest thing to do. Being cautious here is important, as you don't want to end up paying money to someone who is hiring people with poor knowledge from third-world countries. You get low-quality work, company owners become financial moguls, and those working for such an essay writing service are practically enduring intellectual slavery. Our writing service, on the other hand, gives you a chance to work with a professional paper writer. We employ only native English speakers. But having good English isn't the only skill needed to ace papers, right? Therefore we require each and every paper writer to have a bachelor's, master's, or Ph.D., along with 3+ years of experience in academic writing. If the paper writer ticks these boxes, they get mock tasks, and only with their perfect completion do they proceed to the interview process.

COMMENTS

  1. मैं एक पुलिस अधिकारी क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध

    मैं एक पुलिस अधिकारी क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध (Why I Want to Become a Police Officer Essay in Hindi) पुलिस का काम एक बहुत ही दिलचस्प पेशा है और हमारे भारतीय ...

  2. पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi (1000 Words)

    प्रस्तावना (पुलिस पर निबंध Essay on Police in Hindi) किसी भी देश की शासन प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए वहां पर न्याय व्यवस्था की आवश्यकता ...

  3. पुलिस पर निबंध

    Short Essay On Policeman In Hindi And English | पुलिस पर निबंध. the policeman is a very useful public servant. he wears the khaki uniform. he was a khaki and red turban. he wears black boots. he is tall and healthy. he looks smart in his uniform.

  4. पुलिस पर निबंध

    पुलिस पर निबंध | Essay on Police in Hindi! जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है ...

  5. पुलिसकर्मी पर निबंध Essay on Policeman in Hindi

    पुलिसकर्मी पर निबंध Essay on Policeman in Hindi : In this article, we are providing पुलिस पर निबंध। This ...

  6. पुलिस पर निबंध (Essay on Police In Hindi Language)

    पुलिस पर निबंध (Police Essay In Hindi) पुलिस समाज का रक्षक होता है। कानून की रक्षा करना और लोगो से कानून का पालन करवाना पुलिस का कर्त्तव्य होता है ...

  7. पुलिस पर निबंध Essay on police officer in hindi

    Essay on police officer in hindi. सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम में भी पुलिस वालों को हर समय अपना कर्तव्य निभाना पड़ता है शहरों में जब भी रैलियां, जुलूस आदि निकाले जाते हैं तो ...

  8. पुलिस पर निबंध। Essay on Police in Hindi

    पुलिस पर निबंध। Essay on Police in Hindi. पुलिस पर निबंध : प्रत्येक देश तथा समाज के अपने क़ानून होते हैं। इनके बिना कोई समाज नहीं बन सकता। क़ानून व उसका ...

  9. Essay on Police in Hindi Language

    Essay on Police in Hindi - पुलिस पर निबंध. December 15, 2017 by essaykiduniya. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पुलिस पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraph and Short ...

  10. Police Officer Essay in Hindi

    य दि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध yadi main police adhikari hota par nibandh If I Were a Police Officer in Hindi Language मैं एक पुलिस अधिकारी क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध - जब जब मैं किसी पुलिस अधिकारी ...

  11. Essay on the Indian Police

    Here is an essay on the Indian police especially written for school and college students in Hindi language. देश की सीमा पर सेना के जवान पहरा देते हैं तो देश बाह्य शक्तियों से सुरक्षित रहता है और देश ...

  12. यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध If I Were A Police Officer Essay in

    If I Were A Police Officer Essay in Hindi. If I Were A Police Officer Essay in Hindi 800 Words. आज के युग में एक पुलिस अधिकारी होना बहुत बड़ी बात समझी जाती है। वह इसलिए नहीं कि पुलिस अधिकारी बने व्यक्ति के पास कई ...

  13. यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर निबंध

    रक्षाबंधन पर निबंध-Essay On Raksha Bandhan In Hindi; बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर निबंध-Beti Bachao Beti Padhao In Hindi; Holi Essay in Hindi होली पर निबंध; दीपावली पर निबंध - Diwali Essay In Hindi

  14. Paragraph on If I Were a Police Officer in Hindi Language

    यदि मैं पुलिस अधिकारी होता पर अनुच्छेद | Paragraph on If I Were a Police Officer in Hindi Language! कुछ लोग पुलिस विभाग की नौकरी करना इसलिए पसंद करते हैं, ताकि वे समाज में शान से जीवन व्यतीत ...

  15. Essay on Police for Students and Children

    500 Words Essay On Police. In this world, we must have laws to maintain peace. Thus, every citizen must follow these laws. However, there are some people in our society who do not follow them and break the laws. In order to keep a check on such kinds of people, we need the police. Through essay on police, we will learn about the role and ...

  16. पुलिस मैन पर हिंदी मे 10 पंक्तियाँ |10 Lines on Police Man in Hindi

    10 Lines on Police Man in Hindi | पुलिस मैन पर हिंदी मे 10 पंक्तियाँ. पुलिस एक सुरक्षा बल है। और ये समाज में कानून और व्यवस्था को बनाए रखती है।. पुलिस का ...

  17. Essay Sample on Why I Want to Be a Police Officer

    When writing your police officer essay, remember that clarity is key. Avoid using overly complex language or long-winded sentences; instead, focus on succinctly conveying your ideas with clear language and precise wording. Choosing a career in law enforcement is a challenging and rewarding decision. It is not just a job, but a calling to serve ...

  18. Police essay in hindi

    Military human resource specialist resume writing essays hindi. Police officer a building which serves to colloquially as a wrong for reading this paper; 3 page; essay in the revolt of crpc. This article is helpful. Here you read this essay for students who break laws. For students and arrest. 0 lines on october 11, political manifestos, 2013 ...

  19. Essay On Police Officer In Hindi

    To get an A on your next assignment simply place an order or contact our 24/7 support team. Dr.Jeffrey (PhD) #4 in Global Rating. Essay On Police Officer In Hindi, Best Essayists America, Rosewood Case Study Harvard, What Is The Maximum Sat Score With Essay, Supreme Court Case Study 63 Answers Key, Teddy Bear Essays, Physics Egg Drop Project Essay.

  20. Essay On Police Officer In Hindi

    Henry. Essay On Police Officer In Hindi, Beige Book Report 2009, Retail Jobs Cover Letter, My Admire Teacher Essay, Resume Croc Blanc Jack London Gratuit, Resume Event Planner Assistant, Cheap Content Writers Service Uk. hobosapiens. 4.5 stars - 1008 reviews. Essay On Police Officer In Hindi -.

  21. Essay On Police Officer In Hindi

    100% Success rate. Business and Finance. 1770. Finished Papers. Essay On Police Officer In Hindi, Monitoring Technician Cover Letter, How To Write A Legal Opinion, Order Creative Essay, Best Rhetorical Analysis Essay Writing Service Ca, Service Writer Training Matrix, How To Write An Essay About Shakespeare. beneman. 4.9 stars - 1523 reviews.

  22. Essay On Police Officer In Hindi

    Essay On Police Officer In Hindi - Feb 15, 2021. Level: College, University, Master's, High School, PHD, Undergraduate ... In the order page to write an essay for me, once you have filled up the form and submitted it, you will be automatically redirected to the payment gateway page. There you will be required to pay the entire amount for taking ...

  23. Essay On Police Officer In Hindi

    3 Customer reviews. 435. Customer Reviews. 4.5-star rating on the Internet. The shortest time frame in which our writers can complete your order is 6 hours. Length and the complexity of your "write my essay" order are determining factors. If you have a lengthy task, place your order in advance + you get a discount!