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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 – 300 शब्द)

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।

संघर्ष और सफलता

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।

भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।

वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।

निबंध 3 (400 शब्द)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

उनका व्यवसाय और योगदान

15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।

डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।

उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।

Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons

Table of Contents

प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)

भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।

आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।

डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।

जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।

मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।

और पढ़े : गांधी जयंती पर निबंध

मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam

दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।

किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है। 

मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।

जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।

कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र  में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।

लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।

उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।

तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।

प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।

उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।

उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।

और पढ़े : उधम सिंह जयंती पर निबंध

शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi

मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।

  • डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।

पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।

प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।

उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।

उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।

वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist

इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।

उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।

डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।

उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।

निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi

अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।

उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।

इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।

डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही  शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।

उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।

राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।

उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

मृत्यु Death

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi

  • जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 
  • कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
  • उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
  • उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
  • इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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Nibandh

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।

उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।

डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।

डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।

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a p j abdul kalam essay hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Dr. APJ Abdul Kalam (डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम) for all classes from Class 1 to Class 12

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध –  इस लेख में हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे, एपीजे अब्दुल कलाम क्यों प्रसिद्ध थे, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का भारत में क्या योगदान है इन सबके बारे में जानेंगे|  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था| उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक के रूप में की जाती है। उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है| अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

  • डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है।
  • उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था ।
  • वे एक वैज्ञानिक तथा इंजीनियरिंग के तौर पर DRDO तथा ISRO में कार्य किया था।
  • अब्दुल कलाम को भारत का ‘मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अब्दुल कलाम के आर नारायणन के बाद भारत के 11वें राष्ट्रपति बने तथा उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा। 
  • अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया था।
  • अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, मिशन इंडिया, माय जर्नी  जैसी कई किताबें भी लिखी है।
  • अब्दुल कलाम को उनके सराहनीय कार्यों के लिए  पद्मभूषण, पद्मविभूषण, भारत रत्न आदि जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • अब्दुल कलाम देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे। 
  • दुर्भाग्य से, कलाम साहब की मृत्यु  27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में भाषण देते समय दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी।

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Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम  पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद – डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। बच्चे उन्हें अंकल कलाम और बड़े उन्हें कलाम साहब कहते थे। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक शक्तिशाली और आर्थिक रूप से समृद्ध देश होने का सपना देखा था। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 1931 में 15 अक्टूबर को तमिलनाडु राज्य के एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था। अब्दुल कलाम अपने परिवार में चार भाइयों और एक बहन से सबसे छोटे थे । बचपन से ही अब्दुल कलाम पढ़ने में बहुत होशियार थे तथा वे एक पायलट बनना चाहते थे। उन्होंने रामनाथपुरम से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद तिरुचिरापल्ली चले गए और वहां से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद एक वैज्ञानिक बनकर कई नए आविष्कार किए। वे जीवन भर पढाने में, रिसर्च में, लिखने में समाज सेवा जैसे कार्य करने में लगे रहे। 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। उन्हें भारत के ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता का राष्ट्रपति’ के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्गीय तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन मरकयार था तथा वे एक नाव के मालिक और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी मां अशिअम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम को बचपन से कुछ-ना-कुछ सीखने की तीव्र इच्छा थी। वे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। उन्होंने विज्ञान में स्नातक के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद वैज्ञानिक बनकर ISRO और DRDO में काम किया और कई नए आविष्कार किए। कलाम के सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि पुरस्कारों से नवाजा गया।

अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 5 वर्षों तक उस पद पर रहे। राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद वे अपने सामान्य जीवन में वापस लौट आए और उन्होंने बच्चों को पढ़ाने में, बुक लिखने में और सार्वजनिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपना योगदान दिया। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में विद्यार्थियों को भाषण देते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे ।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके माता का नाम आशियम्मा तथा पिता जी का नाम जैनुलब्दीन था जो पेशे से एक नाविक थे तथा माता गृहणी थी। कलाम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम के जन्म के समय उनका परिवार गरीबी से ग्रस्त था। उनके पिता नौका से हिंदू तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच आगे-पीछे ले जाते थे। जिससे उनका परिवार का गुजारा होता था। कलाम भी अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए  समाचार पत्र बेचना का काम करते थे। कलाम बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती थे उनमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम से ही हुई। रामनाथपुरम में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में पढ़ने चले गए जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कलाम बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे। इसलिए 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की । लेकिन पायलट बनने के अपने सपने को हासिल करने से चूक गए। सन 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से डिग्री प्राप्त करके सन 1958 में एक वैज्ञानिक के रूप में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हुए और अपने जीवन के करियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर डिजाईन करके की। 1962 में डॉ.कलाम जी ने DRDO से स्थानांतरित होकर ISRO में कार्य करने लगे। जहां भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह SLV-3(रोहिणी) के प्रोजेक्ट हेड बनकर कार्य किया और इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर उन्हें सन 1981 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद कलाम जी ने सन 1963-64 में अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की और अपने निर्देशन में देश को अग्नि तथा पृथ्वी जैसी कई मिसाइलें भी दी। जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा गया। इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से सन 2002 में सरकार द्वारा उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। राष्ट्रपति पद पर अपनी पांच वर्ष की सेवा करने के बाद डॉ.कलाम पढाने में, रिसर्च में, लिखने में तथा समाज सेवा जैसे कार्य करने लग गए। वे विभिन्न कॉलेजे में गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। 27 जुलाई 2015 को, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्या करते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। कलाम ने पूरी दुनिया में अपने कार्यों के वजह से पहचान बनाई और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बने। उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न ” सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम से विख्यात हमारे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। कलाम जी का बचपन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन में सबसे छोटे थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में सामान्य बच्चों की तरह ही थे लेकिन उनका मन नई चीजों को सीखनें में ज्यादा लगता था वे उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते थे। जब कलाम आकाश में उड़ते हुए पक्षियों को देखते थे तो वह अक्सर यह सोचते थे की यह पक्षी आकाश में इतनी ऊंचाई में कैसे उड़ लेते है। उन्हीं उड़ते हुए पक्षियों को देखकर उन्हें पायलट बनने की चाहत हुई थी। 

कलाम साहब ने शुरुआती शिक्षा अपने गॉंव (धनुषकोडी) के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उसके बाद तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। पायलट बनने के लिए मद्रास मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, वह पायलट नहीं बन सके और 1960 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, एक वैज्ञानिक के रूप में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। जहां उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम किया। इसके बाद वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में आ गए, इसरो में कलाम साहब ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। इसरो में अब्दुल कलाम ने परियोजना निदेशक के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 (रोहिणी) के निर्माण में बहुत मेहनत की और सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इसके बाद, कलाम साहब ने देश को कई सारे मिसाइल दिए। जिस वजह से उन्हें मिसाइल मैन कहा गया। 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बने। कलाम साहब के नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

सन 2002 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, देश के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को अपने राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त हो गये।

राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कलाम साहब अपने सामान्य जीवन में लौट आए और देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सहायक बन गए। मई 2012 में, कलाम ने भारत के युवाओं के लिए एक कार्यक्रम, भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ, “मैं आंदोलन को क्या दे सकता हूँ” का शुभारंभ किया। कलाम साहब ने कई पुस्तकें भी लिखी है, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुईं। उनके सराहनीय कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उन्हें दुनियाभर के देशों ने भी कई पुरस्कारों से नवाजा था। 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे तभी अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दो घंटे बाद ही उनका निधन हो गया।

Essay on  Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi  

वैज्ञानिक जीवन, राष्‍ट्रपति बनने का सफर, शिक्षक के रूप में, साहित्य में योगदान, विश्व छात्र दिवस.

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, आधुनिक भारत के उन महान वैज्ञानिकों में से एक है जिन्होंने भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए अथक प्रयास किये और अपने जीवन में आने वाले संघर्षो का डटकर सामना किया ।

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहा करते थे कि

             – “सपने वो नही है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही न आने दे |”  

डॉ कलाम ने अपने जीवन काल में इन कथनों को सार्थक करके दिखाया हैं | डॉ कलाम ने ना केवल वैज्ञानिक बनने का सपना देखा बल्कि उसे सार्थक करके भी दिखाया | उन्होंने दिन रात मेहनत करके अपने मिसाइल बनाने के सपने को साकार किया जिससे देश ने रक्षा क्षेत्र में उन्नति की |  

                                    

“इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते है “ |

पूरे भारतवर्ष को यह संदेश देने वाले महान वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम को “मिसाइलमैन” के नाम से भी जाना जाता है | देश के परमाणु क्षेत्र में डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम के विशेष योगदान को देखते हुए इन्‍हे मिसाइलमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिसाल हैं |     Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को रामेश्‍वरम के धनुषकोडी गॉंव में हुआ। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्‍दीन अब्‍दुल कलाम था। कलाम का जन्‍म एक तमिल मुस्लिम मछुआरे परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्‍दीन था | अब्‍दुल कलाम, पॉंच भाई-बहन थे। कलाम के पिता बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे | उन्होंने बचपन से ही कलाम को बहुत अच्‍छे संस्‍कार दिये थे।   Top  

कलाम की प्रारंभिक शिक्षा गॉंव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी और फिर अपनी आरंभिक शिक्षा के लिए मद्रास चले गये। B.Sc. पूरी करने के बाद इन्‍होंने मद्रास इंस्‍टीटयूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्‍नातक की डि़ग्री हासिल की क्योंकि बचपन से ही उनका सपना एक फाइटर पायलट बनना था। परन्‍तु वक्‍त के साथ उनका सपना बदल गया और डीटीडी एण्‍ड पी के तकनीकी केन्‍द्र में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का कार्याभार संभालने लगे और इंडियन आर्मी के लिए हेलिकॉप्‍टर का डिजाइन तैयार किया। इन्‍होने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास में प्रवेश लिया और कई उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं में सफलता प्राप्‍त की।    Top  

डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन में जुड़े ।  योजना महानिदेशक के रूप में भारत के पहले स्‍वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (रोहिनी) का निमार्ण करवाया और जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट स्‍थापित किया और इसी तरह से भारत भी एक अंतर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष क्‍लब का सदस्‍य बन गया। इस योगदान के लिए कलाम जी को 1981 और 1990 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से नवाजा गया। बाद में इन्‍होने देश का गाइडेड मिसाइल का डिजाइन तैयार किया और अग्नि व पृथ्‍वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण कराया। कलाम 1992 से लेकर 1999 तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व  विकास विभाग के सचिव रहे थे। बाद में उन्‍होने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। ऐसे में धीरे-धीरे देश के वैज्ञानिक सलाहकार बन गये। और गाइड़ेड मिसाइल को बनाया और परमाणु शक्तियो में सभी राष्‍ट्रों की सूची में भारत को शामिल कर दिया और इनका नाम वैज्ञानिकों की सर्वोच्‍च सूची में आ गया।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को सन 2002 में NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्‍मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम, देश के 11वें राष्‍ट्रपति निर्वाचित हुए। इन्‍होने कभी राजनीति में अपना समर्थन नहीं दिया, फिर भी भारत के सर्वोच्‍च पद पर विराजमान रहें और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्‍पूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति के पद से सेवानिवृत हो गये।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति पद छोड़ने के बाद तिरूवनंतपुरम में  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति बन गये और अन्‍ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बन गए । डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को देश के कई कॉलेजो व विद्यालयों में विसिटिंग प्रोफेसर के रूप में बुलाते थे ताकि वहा के सभी बच्‍चो को कलाम जी के द्वारा आगे की ओर बढ़ने का व अपने सपनो का पूरा करने का मार्गदर्शक मिल सके।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि यदि इंसान को मरने के बाद भी जिन्दा रहना है तो पढ़ने लायक लिखना चाहिए या फिर लिखने लायक काम करना चाहिए | डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम  ने अपने इन शब्दों को सार्थक करके बताया हैं उन्होंने ना सिर्फ  बहुत सी किताबे और अपनी आत्‍मकथा व कविताऐ लिखी है बल्कि अनेक सराहनीय कार्य किये जो आज भी हर वैज्ञानिक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं उनकी प्रमुख पुस्तके निम्‍नलिखित है –

इग्‍नाइटेड़ माइंड

ऑटोबायोग्राफी विग्‍स ऑफ फायर

मिशन इंडि़या, 

दी लुमीनस स्‍पार्क

एड़वांटेज इंडिया, रेइगनिटेड़

ए विशन फॉर दी न्‍यु मिलेनियम इंडि़या 2020

ए मेनिफेस्‍टो फॉर चेंज, इन्‍सपारिंग थोट

यु आर बोर्न टू ब्‍लॉसम   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को कई देशो के द्वारा पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त किया हुआ है | भारत सरकार द्वारा 1997 में विज्ञान व भारतीय रक्षा के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए इनको भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया तथा 1981 व 1990 में पद्यभूषण का सम्‍मान दिया गया है।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम, जुलाई 2015 में मेघालय राज्‍य में भारतीय प्रबंधन संस्‍थान को शिलोंग में स्‍थापित करने के लिए एक बैठक में भाषण दे रहे थे। उस समय उनकी आयु लगभग 84 साल की थी। भाषण देते समय उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा और वही पर बेहोश होकर गिर गये। चिकित्‍सा विभाग की सभी कोशिशे नाकाम रहीे और 2 घंटे बाद उनकी 27 जुलाई 2015 को मृत्‍यु हो गयी | वो हम सब को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गये थे। उनके निधन के दिन उनके सम्‍मान के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा कर गई थी ।   Top  

 हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता हैं |  दरअसल डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम  का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को हुआ | उन्हें छात्रों से बहुत लगाव था | साथ ही उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बहुत कुछ किया था | उन्हें अपने पूरे जीवन काल में पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न जैसे अनेकों पुरूस्कार प्राप्त हुए, साथ ही उन्होंने कई क़िताबें लिखी जिनमें अग्नि की उड़ान, मेरी यात्रा, इंडिया विज़न प्रमुख हैं | इसीलिए उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2010 से विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत हुई | और आज भी हम प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाते हैं |   Top  

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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें

Updated On: September 29, 2023 12:17 pm IST

  • एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ …
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) - 100 से 500 शब्दों में

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - देश के प्रति योगदान, are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

In this Article

अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।

  • अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
  • इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
  • इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
  • इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
  • कलाम एक अच्छे लेखक थे।
  • कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
  • अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
  • इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
  • 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।

स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।

डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।

Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।

एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।

अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।

एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)

राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –

  • पद्म भूषण (1981)
  • पद्म विभूषण (1990)
  • भारत रत्न (1997)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
  • वीर सावरकर (1998)

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)

27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।

  • डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
  • कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
  • पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
  • मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
  • यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
  • इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
  • इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।

1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?

डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।

2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?

डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।

3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?

कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

a p j abdul kalam essay hindi

By विकास सिंह

essay on apj abdul kalam in hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।

वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को (रामेश्वरम, तमिलनाडु में) हुआ था, हालांकि उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को (शिलांग, मेघालय, भारत में) हुई थी। उनके पिता का नाम जैनुलबुदेने और माता का नाम आशियम्मा था।

उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्हें भारत रत्न (1997 में), पद्म विभूषण (1990 में), पद्म भूषण (1981 में), राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997 में), रामानुजन पुरस्कार (2000 में) जैसे पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। ), किंग चार्ल्स II मेडल (2007 में), अंतर्राष्ट्रीय वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड (2009 में), हूवर मेडल (2009 में), आदि से नवाजा गया।

ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on abdul kalam in hindi (150 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वास्तव में देश के युवाओं के लिए एक महान किंवदंती थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन, करियर, कामकाज और लेखन के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह अभी भी भारतीय लोगों के दिल में पीपल्स प्रेसिडेंट और मिसाइल मैन के रूप में रहते है।

वह एक वैज्ञानिक और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जो भारत के मिसाइल कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे। बाद में उन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई को 2015 में भारत के मेघालय के शिलांग में उनका निधन हो गया। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए।

उन्होंने विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तहत काम किया है। बाद में वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-III के 1969 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on dr apj abdul kalam in hindi (200 शब्द)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु) के तहत मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था।

वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वे लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में लौट आए। उन्होंने ISRO और DRDO में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।

उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली।

वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में, essay on apj abdul kalam in hindi (250 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक मिसाइल मैन थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलुबुदेने और आशियम्मा के यहां हुआ था।

उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से साथ देना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से अपना स्नातक पूरा किया।

वह DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर तैयार किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई के साथ INCOSPAR समिति के हिस्से के रूप में भी काम किया। बाद में, वह 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में शामिल हुए।

भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए उनके महान योगदान के कारण, उन्हें हमेशा “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 1998 के सफल पोखरण- II परमाणु परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत रत्न (प्रथम डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन 1954 और द्वितीय डॉ. जाकिर हुसैन 1963) से सम्मानित किया।

उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में ISRO और DRDO के साथ-साथ भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2011 में विंग्स ऑफ फायर, इग्नेटेड माइंड्स, टारगेट 3 बिलियन, टर्निंग पॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी, आदि कई किताबें लिखी हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on apj abdul kalam in hindi (300 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारतीय इतिहास में मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में चमकदार सितारे रहे हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं।

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने उद्धृत किया है कि “आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे”। उड़ान में उनकी भारी रुचि ने उन्हें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बना दिया।

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा कभी बंद नहीं की। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह 1958 में DRDO में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में शामिल हुए, जहाँ एक छोटी सी टीम, जिसने एक प्रोटोटाइप होवर-क्राफ्ट विकसित किया था, की अगुवाई कर रही थी।

होवरक्राफ्ट कार्यक्रम से रोमांचक प्रतिक्रिया की कमी के कारण, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वह व्यापक रूप से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट प्रौद्योगिकी को विकसित करने में बहुत योगदान दिया।

वह रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में देश के पीछे की ताकत थी। उनके महान योगदान ने हमारे देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में लाया है। वह एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। 1998 के पोखरण -2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी है।

वह दूरदृष्टि वाले और विचारों से भरे व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य रखा। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया-2020” के रूप में 2020 तक देश के विकास के बारे में कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, देश की वास्तविक संपत्ति इसके युवा हैं, इसलिए उन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित और प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्र को नेतृत्व में रोल मॉडल की आवश्यकता होती है जो युवाओं को प्रेरित कर सके”।

अब्दुल कलाम पर निबंध, 400 शब्द:

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे, जो बाद में भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वह देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए बहुत योगदान दिया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके नेतृत्व में कई परियोजनाएं थीं जैसे कि रोहिणी -1, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का प्रक्षेपण, मिसाइल (मिशन अग्नि और पृथ्वी के तहत), आदि। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में उनके महान योगदान के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” लोकप्रिय के रूप में जाना जाता है। उन्हें उनके समर्पित कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति के रूप में भारत सरकार के लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद, उन्होंने विभिन्न मूल्यवान संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में देश की सेवा की।

उनका कैरियर और योगदान:

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलदेबेन और आशियम्मा के घर हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए पैसा कमाना शुरू कर दिया लेकिन अपनी शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा।

उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए।

जल्द ही वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना निदेशक के रूप में स्थानांतरित हो गए। उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रूप में भी काम किया, जो मिसाइलों के एक साथ विकास में शामिल है।

वह 1992 से 1999 तक प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव भी बने। पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा गया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उन्होंने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं जैसे कि “इंडिया 2020”, “इग्नाइट्ड माइंड्स”, “मिशन इंडिया”, “द ल्युमिनस स्पार्क्स”, “प्रेरणादायक विचार”, आदि। देश में भ्रष्टाचार को मात देने के लिए उन्होंने युवाओं के नाम से एक मिशन शुरू किया।

उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों (भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इंदौर, आदि) में प्रोफेसर के रूप में काम किया, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, जेएसएस विश्वविद्यालय (मैसूर), अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चांसलर के रूप में कार्य किया। ), आदि उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, रामानुजन पुरस्कार और कई और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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  • Jivan Parichay (जीवन परिचय) /

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय  

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 13, 2023

ए पी जे अब्दुल कलाम

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: भारत रत्न से सम्मानित और ‘भारत का मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले मशहूर वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपने बेहतरीन कार्यों के लिए आज भी जाने जाते हैं। डॉ कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति भी बने। डॉ कलाम ने भारत को प्रगतिशील बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। 

क्या आप जानते हैं  डॉक्टर कलाम ने ISRO में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल (SLV-III) के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एपीजे अब्दुल कलाम अपने कार्यों और अपनी प्रेरणादायक बातों के लिए आज भी याद किए जाते है। वहीं उनके जन्म दिवस को हर वर्ष ‘ विश्व छात्र दिवस ’ के रूप में मनाया जाता हैं। आइए जानते हैं ए पी जे अब्दुल कलाम का संपूर्ण जीवन परिचय। 

नामअवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम)
उपनाम मिसाइल मैन
व्यवसायइंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ
जन्म तिथि 15-अक्टूबर 1931
जन्म स्थानधनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु 
पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन
माता का नाम असीम्मा
डॉ. कलाम का निधन27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय
राष्ट्रपति11 वें (25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007)
सम्मान पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि 
आत्मकथा विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी

This Blog Includes:

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन, इसरो में निभाई अहम भूमिका , क्यों कहा जाता है डॉ कलाम को मिसाइल मैन , द्वितीय पोखरण परमाणु परीक्षण में दिया अहम योगदान , डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की मिसाइलों के नाम और उनकी विशेषताएं , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का राजनैतिक सफर , डॉ कलाम का निधन , डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां , डॉ. कलाम द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी गई जीवनी , डॉ. कलाम के 10 अनमोल विचार , सम्बंधित ब्लॉग.

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: डॉ कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। लेकिन उन्हें डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम और मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम ‘ जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘ असीम्मा ‘ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई बहन थे। 

डॉ कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी। रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ कलाम वर्ष 1955 में वे मद्रास चले गए वहाँ उन्होंने ‘ मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ , चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। क्या आप जानते हैं डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके। 

यह भी पढ़ें – डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का शिक्षा में योगदान

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘ हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया। डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘ विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था। इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ ( ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल SLV-III के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में रोहिणी सैटेलाइट सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘ मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया। इसके बाद डॉ कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई। 

यह भी पढ़ें – जानिए सत्य, अहिंसा के पुजारी ‘महात्मा गांधी’ का संपूर्ण जीवन परिचय 

इसके बाद डॉ. कलाम ने वर्ष 1992 से 1999 तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे। वर्ष 1998 में दूसरे परमाणु परीक्षण में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी। इस सफल परमाणु परिक्षण के बाद ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को एक पूर्ण विकसित परमाणु देश घोषित किया और भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभरा।  

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम उनकी कुछ प्रमुख मिसाइलों और उनकी विशेषताओं के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

पृथ्वी सतह से सतह तक, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल
रेंज-150–300 किमी
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 
अग्नि री-एंट्री टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर ,शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल
रेंज- 700–900 किमी
त्रिशूलशॉर्ट रेंज 
सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल 
रेंज- 12 किमी
नाग एन्टी टैंक मिसाइल
दागो और भूल जाओ प्रणाली पर आधारित
सभी प्रकार के मौसम में काम करने में सक्षम 
आकाश मीडियम रेंज सतह से हवा में वार करने में सक्षम 
रेंज – 18 किमी
ब्रह्मोस  लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, युद्धपोत के साथ-साथ जमीन पर मौजूद सिस्‍टम समेत कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म की मदद से लॉन्च किया जा सकता है।
स्पीड – 2,9000 किमी प्रति घंटा
ध्वनि की गति से भी तेज़ 
रेंज – 300 किलोमीटर से 800 किलोमीटर के बीच। 

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। क्या आप जानते हैं कि डॉ कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न’ प्राप्त करने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। बता दें कि डॉ कलाम से पहले वर्ष 1954 में “ डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ” और वर्ष 1963 में “ डॉ. जाकिर हुसैन ” को यह सम्मान प्रदान किया गया था। डॉ कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया। राष्ट्रपति के पद से मुक्त होने के बाद डॉ कलाम ने देश के विभिन्न कॉलेज-संस्थानों में अध्यापन कार्य किया और कई पुस्तकें लिखी 

यह भी पढ़ें – ‘फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन’ कहे जाने वाले एम.एस. स्वामीनाथन के बारे में कितना जानते हैं आप? 

डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे। 

देश का सर्वोच्‍च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे  उनका स्‍वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था। वे हमेशा खुद को एक वैज्ञानिक और शिक्षक की तरह ही देखा करते थे। लेकिन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से अचानक उनका निधन हो गया। 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने अपने जीवन में बहुत सी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया था। लेकिन जीवन में उन्होंने कभी भी कठिन परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। यही वजह रही है कि उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा हैं। डॉ. कलाम को उनके कार्यों के लिए बहुत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। जिन्हें नीचे दिए गए टेबल में बताया जा रहा हैं:-

2014डॉक्टर ऑफ़ साइंस 
2012डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि)
2011आई.ई.ई.ई. मानद सदस्यता
2010डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग 
2009मानद डॉक्टरेट
2009हूवर मेडल
2009वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड
2008डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि)
2008डॉक्टर ऑफ साइन्स (मानद उपाधि)
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी की मानद उपाधि
2007किंग चार्ल्स II मेडल
2007डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि
2000रामानुजन पुरस्कार
1998वीर सावरकर पुरस्कार
1997इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
1997भारत रत्न
1994विशिष्ट शोधार्थी
1990पद्म विभूषण
1981पद्म भूषण

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का जीवन परिचय के साथ ही उनके द्वारा लिखित कुछ पुस्तकों के बारे में बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम वर्ष 1998
विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी वर्ष 1999
इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडियावर्ष 2002
द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्सवर्ष 2004
मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथवर्ष 2005
द लाइफ ट्री, पोयम्सवर्ष 2005
इनडोमिटेबल स्पिरिटवर्ष 2006
हम होंगे कामयाबवर्ष 2006
अदम्य साहसवर्ष 2006
इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिजवर्ष 2007
यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सहलेखन – अरुण तिवारी)वर्ष 2008
द फैमिली एंड द नेशन (सहलेखन – महाप्रज्ञ)वर्ष 2008
स्प्रिट ऑफ इंडियावर्ष 2010
फोर्ज योर फ्यूचर: केन्डिड, फोर्थराइट, इन्स्पायरिंगवर्ष 2014
बियॉन्ड 2020: ए विजन फॉर टुमोरोज इंडियावर्ष 2014
गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडियावर्ष 2014
ट्रांसडेंस: माई स्प्रीचुअल एक्स्पीरिएंस विद प्रमुख स्वामीजी (सहलेखन – अरुण तिवारी)वर्ष 2015
लर्निंग हाउ टू फ्लाईवर्ष 2016
एनलाइटेंड माइंड्स वर्ष 2017
फेलियर इस द बेस्ट टीचरवर्ष 2018

यह भी पढ़ें – लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi में अब हम डॉ. कलाम के जीवन पर लिखी गई कुछ प्रमुख जीवनी के बारे में बता रहे है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

इटरनल क्वेस्ट: जीवन और टाइम्स ऑफ डॉ कलाम एस चंद्र
द कलाम प्रभाव: राष्ट्रपति के साथ के मेरे वर्षपी.एम. नायर
डॉ. ए. पी.जे अब्दुल कलाम: भारत के विजनरीके. भूषण और जी कैट्याल
महात्मा अब्दुल कलाम के साथ मेरे दिनफ्रेट ए.के. जॉर्ज

यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) के साथ ही उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में भी बताया जा रहा है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

  • शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा। 
  • महान शिक्षक ज्ञान, जूनून और करुणा से निर्मित होते हैं।
  • अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
  • सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
  • महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
  • मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
  • अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत की जरूरत होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।
  • किसी भी मिशन की सफलता के लिए, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक हैं।
  • जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती हैं।
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आशा है आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi: दोस्तो आज हमने ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध अथवा The Missile Man पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi 250 Words

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में लोकप्रिय हैं। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु में) के तहत मद्रास प्रेसिडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था। वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, उन्होंने लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में वापसी की। उन्होंने ISRO और DRDO में कई प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।

उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वह एक महान व्यक्तित्व और देश के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली। वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।

500+ Words APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पूरी दुनिया में एक प्रसिद्ध नाम है। उनकी गिनती 21 वीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में होती है। इससे भी अधिक, वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और अपने देश की सेवा की। वह एक वैज्ञानिक के रूप में उनके योगदान के रूप में देश के सबसे मूल्यवान व्यक्ति थे और एक राष्ट्रपति के रूप में तुलना से परे है। इसके अलावा, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) में उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया जिन्होंने समाज में योगदान दिया वह भी वह था जिसने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में मदद की। भारत में परमाणु शक्ति में उनकी भागीदारी के लिए , उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता था। और देश में उनके योगदान के कारण, सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम का करियर और योगदान

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी इसलिए कम उम्र से ही उन्होंने अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्होंने कभी शिक्षा नहीं दी। अपने परिवार का समर्थन करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इन सबसे ऊपर, वह 1998 में आयोजित पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य थे।

डॉ। पी जे अब्दुल कलाम का देश के लिए अनगिनत योगदान है, लेकिन वे अपने सबसे बड़े योगदान के लिए सबसे प्रसिद्ध थे, जो अग्नि और पृथ्वी नाम से जाने वाली मिसाइलों का विकास है।

प्रेसीडेंसी अवधि

महान मिसाइल मैन 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। अपने राष्ट्रपति काल के दौरान, सेना और देश ने कई मील के पत्थर हासिल किए, जिन्होंने राष्ट्र के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने खुले दिल से देश की सेवा की, इसीलिए उन्हें ‘जनवादी राष्ट्रपति’ कहा गया। लेकिन अपनी अवधि के अंत में, वह अपने काम से संतुष्ट नहीं थे, इसीलिए वह दूसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते थे, लेकिन बाद में उनका नाम बदल दिया।

पश्चात की अवधि

अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम फिर से अपने पुराने जुनून की ओर मुड़ते हैं जो छात्रों को पढ़ा रहा है। उन्होंने देश भर में स्थित भारत के कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थान के लिए काम किया। इन सबसे बढ़कर, देश के युवाओं के अनुसार वे बहुत प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के अवसर की आवश्यकता है, इसीलिए उन्होंने अपने हर अच्छे काम में उनका साथ दिया।

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पुरस्कार और सम्मान

अपने जीवनकाल के दौरान डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम को न केवल भारतीय संगठन और समितियों बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समितियों द्वारा सम्मानित और सम्मानित किया गया।

लेखन और चरित्र

अपने जीवनकाल के दौरान, डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम ने कई किताबें लिखीं, लेकिन उनका सबसे उल्लेखनीय काम ‘इंडिया 2020’ था, जिसमें भारत को महाशक्ति बनाने की कार्य योजना है।

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डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम सादगी और अखंडता के व्यक्ति थे। वह काम में इतना व्यस्त था कि वह सुबह जल्दी उठता था और आधी रात के बाद देर तक काम करता था।

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु

2015 में अचानक कार्डियक अरेस्ट से शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। वह एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और एक अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया और सेवा करते हुए उनकी मृत्यु हो गई। उस व्यक्ति के पास भारत को एक महान देश बनाने की दृष्टि थी। और उनके अनुसार युवा देश की वास्तविक संपत्ति हैं इसलिए हमें उन्हें प्रेरित और प्रेरित करना चाहिए।

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

लघु निबंध –.

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की। इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ा दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी।

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।

ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

विस्तृत निबंध –

प्रस्तावना –.

हमारा भारत देश बहुत-से ऋषियों-मुनियों और कर्मवीरों की जन्मभूमि है। इन्हीं में एक नाम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का भी है, जो एक महान वैज्ञानिक ही नहीं अपितु देश के 11वें राष्ट्रपति भी थे। देश इन्हे ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम भी जानता है। डॉ. कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था, फिर भी वह भारत की नयी पीढ़ी के लिये प्रेरणा स्रोत हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। उन्होंने सिखाया कि जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं।

जीवन परिचय –

डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव के एक मध्यमवर्ग परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे और इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता का इनके जीवन पर गहरा असर पड़ा।

इनकी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में हुई। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था कि ‘जीवन मे सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियो को भली-भाँति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए।’ वे कलाम से अत्यधिक प्रभावित थे। उच्च शिक्षा के लिए वे मद्रास इस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलोजी में दाखिल हो गए। डॉ. कलाम ने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

वैज्ञानिक के रूप में योगदान –

स्नातक करने के उपरांत इन्हे अपने कैरियर की चिंता हुई। इन्होने वर्ष 1958 में बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहाँ इन्होने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। यहाँ भी उनके काम की खूब प्रंशसा हुई।

इन्होने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके द्वारा जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया। इसके बाद भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया।

डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों का आविष्कार कर भारत की शक्ति को बढ़ाया तथा विश्वस्तर पर भी भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को बढ़ाया। इन्होने अपने जीवन का अधिकांश समय अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। इनके कुशल नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनाई दी। भारत में बैलिस्टिक मिसाइल के विकास के लिये दिये गये अपने महान योगदान के कारण वह “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने गए।

राष्ट्रपति के रूप में योगदान –

डॉ. अब्दुल कलाम पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति थे। जब श्री के. आर. नारायणन का राष्ट्रपति पद से कार्यकाल पूरा हुआ, तभी डॉ. अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। 90% प्रतिशत बहुमत के साथ 25 जुलाई, 2002 को ये भारत के 11वें रष्ट्रपति बने। यह एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो अपनी मेहनत के बल पर झोंपड़ी से उठकर राष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति पद पर सुशोभित रहे। इन्होने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पूरी निष्पक्षता और निष्ठा से कार्य किया।

राष्ट्रपति पद को छोड़ने के बाद, डॉ. कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर व भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के मानद फैलो एवं एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। इन्होने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पढ़ाने का कार्य भी किया। डॉ. कलाम क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे तथा हिंदू संस्कृति में विश्वास रखते थे।

इन्होने अपने जीवनकाल में मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया और एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, मॉय जर्नी, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि कृतियों का निर्माण भी किया। ये रूद्रवीणा के वादन में भी कुशल थे।

डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। उनकी सोच एक राष्ट्रवादी सोच थी। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था। इस महान वैज्ञानिक ने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में अपनी अंतिम सांसे ली। 30 जुलाई 2015 को इनको पूरे सम्मान के साथ रामेश्वरम के पी. करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

सम्मान एवं पुरस्कार –

डॉ. अब्दुल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से सम्मानित किया गया, जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि। भारत सरकार द्वारा इन्हे 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया। 1997 में राष्ट्रपति श्री के० आर० नारायणन द्वारा इन्हे भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया, जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था।

इसके आलावा इन्हे लगभग 40 विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्रदान की गयी थीं। कलाम के 79वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया गया था। स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने वर्ष 2005 में डॉ. कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन के उपलक्ष्य में 26 मई को ‘विज्ञान दिवस’ घोषित किया।

उपसंहार –

डॉ. अब्दुल का जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है। डॉ. कलाम एक पूर्णतः धर्म निरपेक्ष वैज्ञानिक थे। वह भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद भी हमेशा देश कल्याण की चिंता में ही डूबे रहते हैं। उनकी योग्यता, सरलता और विनम्र स्वभाव के कारण सभी लोग उनसे आज भी प्रभावित हैं। आज डॉ. कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on dr. a.p.j. abdul kalam in hindi.

संकेत बिंदु –

  • शिक्षा-दीक्षा
  • राष्ट्रपति डॉ कलाम
  • सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन
  • मिसाइल मैन डॉ० कलाम
  • सम्मान एवं अलंकरण

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।

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शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।

मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।

राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।

सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।

सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।

उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम पर निबंध

Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi: देश के लोकप्रिय राष्ट्रपति के रूप में मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में आप सब जानते होंगे। हम यहां पर डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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डॉ ए. पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध 200 शब्द (Essay on APJ Abdul Kalam in 200 Words)

हमारे देश के प्रख्यात वैज्ञानिक एवं भारतीय गणराज्य के 11 वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को लोग आज भी याद करते है। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम है। राजनीति के साथ-साथ विज्ञान की दुनिया में भी इन्होंने बहुत चमत्कारिक कार्य किए। इन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों से राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूती प्रदान की।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मध्यमवर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। इनके पिता जैनुलाबदीन एक बहुत ही मध्यम परिवार से थे, जिसकी वजह से उनकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं थी। इनकी माँ आशियम्मा उनके जीवन की आदर्श थी।

अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद की शिक्षा इन्होंने रामनाथपुरम के हाई स्कूल से प्राप्त की। फिर उन्होंने दक्षिण भारत में तकनीकी शिक्षा के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश किया। स्नातक के पश्चात हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में एक प्रशिक्षु के रूप में गए।

डॉ कलाम 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। 1980 में उन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया, इस प्रकार भारत भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना। इन्होंने अग्नि एवं पृथ्वी जैसे प्रसिद्ध प्रक्षेपास्त्र को स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया।

विज्ञान राजनीति के अलावा साहित्य के क्षेत्र में भी डॉ कलाम का नाम आता है। इन्होंने इंडिया 2020 ‘ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम’, ‘माई जर्नी’ तथा ‘इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’ आदि साहित्य का सृजन किया।

अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय कार्डियक अरेस्ट से हुआ। डॉ कलाम एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ-साथ राजनैतिक एवं साहित्यकार भी थे, उन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया एवं देश को एक नई प्रगति की ओर ले गए।

essay on apj abdul kalam 200 words

एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी मे 400 शब्दों में

डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारत को बहुत कुछ दिया है। इनका जीवन युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक सफल वैज्ञानिक भी रहे है और इन्होने भारत को मिसाइल की सौगात दी थी।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन है?

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर 15 अक्टूबर वर्ष 1931 में हुआ था और इनका पूरा नाम डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक ऐसे महान वैज्ञानिक थे, जिन्हें लोगों द्वारा मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। यह भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे हैं।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, जिसके कारण से वह बचपन से ही अपने घर की कार्य में मदद करते थे। वह अपने घर के काम में मदद करते थे। साथ ही साथ अपनी पढ़ाई भी करते थे।

उन्होंने वर्ष 1954 में ग्रेजुएशन तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ नामक कॉलेज से किया, जिसके पश्चात उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इन सभी के पश्चात डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मुख्य वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में जुड़ गए।

हालांकि जल्द ही डॉक्टर कलाम भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गए। जिसके पश्चात डॉक्टर कलाम ने गाइडेड मिसाइल के विकास कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य किया, जिसमें केवल मिसाइलों के कंपन का विकास शामिल था।

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन की उपाधि कैसे मिली?

महान वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में ही बहुत सारे प्रोजेक्टों को किया गया, जिसमें रोहिणी लांच, प्रोजेक्ट डेविल, प्रोजेक्ट वैलीएंट, मिसाइलों का विकास जिसमें अग्नि एवं पृथ्वी जैसी आदि मिसाइलों का विकास हुआ।

भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत बड़ा योगदान रहा। इन सभी के बाद में पोखरण वित्तीय परमाणु परीक्षण के लिए मुख्य प्रोजेक्ट कर्डिनेटर के रूप में उनका सफल योगदान रहा, जिसके पश्चात उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के मदद से 2002 से लेकर 2007 तक राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को नवाजे गए अवार्ड

डॉक्टर कलाम के द्वारा भारत के लिए समर्पित कार्यों के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन काल में ऐसे ही बहुत से अवार्ड को अपने नाम किया उनकी सूची निम्नलिखित है:

1981भारत सरकार के द्वारा प्राप्त पद्मभूषण
1990भारत सरकार के द्वारा प्राप्त पद्म विभूषण
1997भारत सरकार के द्वारा भारत रत्न
1997राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के द्वारा प्राप्त इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार भारतीय
1998भारत सरकार के द्वारा वीर सावरकर पुरस्कार
2000अल्वारेज शोध संस्थान चेन्नई के द्वारा प्राप्त रामानुजन पुरस्कार
2008अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के द्वारा प्राप्त डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि
2008नानयांग टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय सिंगापुर के द्वारा डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग की उपाधि
2009कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के द्वारा वोन काम विंग्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
2009एमएसएमई फाउंडेशन के द्वारा हूवर मेडल
2009ऑकलैंड विश्वविद्यालय के द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि
2010यूनिवर्सिटी आफ वाटरलू के द्वारा डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग की उपाधि
2012साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉज मानद उपाधि
2014एडिनबर्ग विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम के द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि

हमारे भारत के मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने राष्ट्रपति पद को लेकर के बहुत से जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और भारत को एक अपार उपलब्धियां भी दिलाई। हमारे प्रिय डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी अंतिम सांसें शिलांग में 27 जुलाई 2015 को ली।

एपीजे अब्दुल कलाम निबंध 600 शब्द

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ था। वह भारत के मशहूर पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ जाने-माने वैज्ञानिक भी थे। यह एक इंजीनियर के रूप में भी रहे थे और इन्होंने इंजीनियरिंग के बाद वैज्ञानिक जीवन में भी बहुत आगे बढ़े।

उन्होंने सिखाया था कि जीवन में अगर कैसी भी परिस्थिति आ जाए लेकिन आपको अपना सपना पूरा करना है तो आप उसे जरूर पूरा कर सकते हैं। ए पी जे अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक के रूप में चार दशकों तक डीआरडीओ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उन्होंने इसरो को भी संभाला था।

ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 में धनुष्कोड़ी गांव रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था। जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, ना ही वह पैसे वाले थे। एपीजे अब्दुल कलाम के पिताजी मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। अब्दुल कलाम का जन्म संयुक्त परिवार में हुआ था, उनके संयुक्त परिवार का अनुमान लगाया जा सकता है कि वह कुल पांच भाई और पांच बहन थे।

अब्दुल कलाम का जीवन उनके पिताजी के कारण प्रभावित हुआ था। अब्दुल कलाम के पिता जी द्वारा दिए गए संस्कार अब्दुल कलाम के जीवन में बहुत काम आए। एपीजे अब्दुल कलाम को 5 वर्ष की उम्र में रामेश्वरम के पंचायत द्वारा प्राथमिक विद्यालय की तरफ से दीक्षा पुरस्कार भी दिया गया।

ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा

अब्दुल कलाम बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार थे। उन्हें रामेश्वरम पंचायत द्वारा प्राथमिक शिक्षा में पुरस्कार मिला था। जब वह सिर्फ 5 साल के थे और इन्होंने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अखबार बांटने का काम भी किया था। एपीजे अब्दुल कलाम 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त कर ली थी।

ए पी जे अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक जीवन

एपीजे अब्दुल कलाम साल 1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हो गए। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में पहला स्वदेशी उपग्रह हासिल किया। 1980 में उन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी तक पहुंचाने का कार्य किया था।

इस उपग्रह के सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद में एपीजे अब्दुल कलाम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब के सदस्य बन गए। इन्हें इसरो में लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवाना चढ़ाने के लिए श्रेय दिया गया था। ए पी जे अब्दुल कलाम ने लक्ष्यभेदी नियंत्रण प्रक्षेपास्त्र को डिजाइन किया था।

ए पी जे अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति बनना

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति थे। उन्हें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों का अच्छा समर्थन मिला, जिसके कारण वह 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने 18 जुलाई 2002 को उन्होंने भारत के राष्ट्रपति पद पर शपथ दिलाई गई।

समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और मंत्रिमंडल के सदस्य भी उपस्थित थे। इनका कार्यक्रम 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ। एपीजे अब्दुल कलाम बहुत अनुशासन प्रिय रहते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी की विंग्स ऑफ फायर किताब लिखी थी, जो युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करवाती है।

ए पी जे अब्दुल कलाम का निधन

एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 की शाम को मेघालय के शिलांग में हुआ था। आईआईएम शिलांग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह उसी वक्त बेहोश हो गए। लगभग 6:30 बजे उनकी हालत गंभीर हो गई और इन्हें बेथानी अस्पताल में ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। उसके 2 घंटे बाद उनका निधन हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम ने बचपन से अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और वह देश के लिए बहुत सराहनीय काम किए एपीजे अब्दुल कलाम ने मुख्य रूप से वैज्ञानिक क्षेत्र में अपना योगदान दिया। साथ ही वह बहुत ईमानदार राष्ट्रपति रहे थे।

इस आर्टिकल में हमने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi) के बारे में बताया। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

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Rahul Singh Tanwar

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी

”अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।”

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद भारत के 11वें एवं पहले गैर राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति थे। उनके द्धारा भारत देश की प्रगति के लिए किए गए महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट कामों की वजह से आज भी देश उन्हें याद करता है, उनके प्रति आज भी सभी देशवासियों के हृदय में अपूर्व सम्मान है। वे जनता के सबसे चहेते और लोकप्रिय राष्ट्रपति थे।

इसके साथ ही वे एक मशहूर भारतीय एयरोस्पेस वैज्ञानिक भी थे, जिन्होंने तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर भारत को एक नई दिशा दी। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी देश के ऐसे महान व्यक्ति थे, जिन्होंने सर्वप्रथम देश में ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान दी।

इसलिए उन्हें भारत के मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। अब्दुल कलाम जी दूरदर्शी सोच वाले प्रख्यात वैज्ञानिक, महान व्यक्तित्व वाले एक प्रभावशाली वक्ता एवं ईमानदार और कुशल राजनैतिज्ञ थे। वे हर किसी की जीवन के लिए एक प्रेरणा हैं, उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष की कड़ी कसौटियों से गुजरकर सफलता की असीम ऊंचाईयों को छुआ है।

उनके प्रेरणात्मक विचार आज भी लाखों युवाओं के अंदर आगे बढ़ने का जोश और जज्बा पैदा करते हैं, आइए जानते हैं भारत के इस प्रभावशाली और महामहिम व्यक्तित्व डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद जी  के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में –

A. P. J. Abdul Kalam

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी – A. P. J. Abdul Kalam Biography in Hindi

अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम
15 अक्टूबर 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडू, ब्रिटिश भारत
जैनुलाब्दीन मारकयार
आशिमा जैनुलाब्दीन
अविवाहित
1954 में, मद्रास विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड सेंट जोसेफ कॉलेज से फिजिक्स से ग्रेजुएशन
27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय, भारत

जन्म, परिवार एवं प्रारंभिक जीवन –

15 अक्टूबर, साल 1931 को तमिलनाडु में रामेश्वरम के धुनषकोड़ी गांव में एक मछुआरे के घर में ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी जन्में थे। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे जैनुलअबिदीन और अशिअम्मा की सबसे छोटी संतान थे।

अब्दुल कलाम जी के पिता जी मछुआरों को नाव किराए पर देकर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। अब्दुल कलाम जी से बड़े तीन भाई और 1 बहन थे। घर की माली हालत सही नहीं होने की वजह से अब्दुल कलाम जी को शुरुआत से ही काफी संघर्ष करना पड़ा था।

लेकिन वे इन कठिनाइयों से कभी घबड़ाए नहीं बल्कि सच्चे दृढ़संकल्प और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे और आगे चलकर उन्होंने अपने जीवन में असीम सफलताएं हासिल की।

पढ़ाई-लिखाई के लिए करना पड़ा काफी संघर्ष –

बेहद गरीब घर में पैदा होने की वजह से अब्दुल कलाम जी को अपनी पढ़ाई के लिए भी काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। वे अखबार बेचकर जो भी पैसे कमाते थे, उससे अपनी स्कूल की फीस भरते थे। अब्दुल कलाम जी ने अपनी शुरुआती शिक्षा रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की।

इसके बाद साल 1950 में उन्होंने तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज से फिजिक्स विषय से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1954 से 1957 तक मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।

इस तरह कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी, और बाद में देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित हुए और भारत के सबसे मशहूर वैज्ञानिक के रुप में अपनी पहचान बनाई।

एक प्रख्यात वैज्ञानिक के तौर पर  –

अद्भुत प्रतिभा वाले व्यक्तित्व अब्दुल कलाम जी ने अपनी पढ़ाई  पूरी करने के बाद रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम कर अपने करियर की शुरुआत की। हमेशा कुछ नया और बड़ा करने की चाहत रखने वाले कलाम जी ने अपने वैज्ञानिक करियर की शुरुआत में ही एक छोटे से हेलीकोप्टर का डिजाइन तैयार कर लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ा था।

वहीं इसमें कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे ‘इंडियन कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च’ के सदस्य भी रहे। फिर साल 1962 में वे भारत के महत्वपूर्ण संगठन- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़े। फिर सन् 1962 से 1982 के बीच वे इस अनुसंधान से जुड़े और कई अहम पदों पर कार्यरत रहे। इसके बाद अब्दुल कलाम जी को भारत के सेटैलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के पद का कार्यभार र्सौंपा गया।

अब्दुल कलाम जी ने यहां प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर रहते हुए भारत में अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 बनाया, जिसे साल 1980 में पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किया गया। कलाम जी की इस सफलता के बाद उन्हें भारत के अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना दिया गया।

विलक्षण प्रतिभा के धनी कलाम जी ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल की डिजाइन तैयार की एवं भारतीय तकनीक का इस्तेमाल कर अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें बनाकर विज्ञान के क्षेत्र में न सिर्फ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को तकनीकी रुप से संपन्न राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके बाद सन् 1992 से लेकर दिसंबर 1999 में डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद जी ने भारत के रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार के तौर पर काम किया। वहीं इस दौरान अटल वाजपेयी जी की केन्द्र में सरकार थी। और इसी समय दूसरी बार एपीजे अब्दुल कलाम जी की देखरेख में राजस्थान के पोखरण में सफलापूर्वक परमाणु परीक्षण किए गए और इसी के साथ भारत परमाणु हथियार बनाने वाला, परमाणु शक्ति से संपन्न और समृद्ध देशों में शुमार हो गया।

भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर काम कर चुके  अब्दुल कलाम जी ने भारत में विज्ञान के क्षेत्र मे विकास और तरक्की के लिए विजन 2020 दिया। साल 1982 में डॉक्टर एपीज अब्दुल कलाम जी को डिफेंस रिसर्स डेवलपमेंट लेबोरेट्री का डायरेक्टर (DRDL) बना दिया गया। इसी दौरानअन्ना यूनिवर्सिटी द्धारा उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा गया।

यह वह समय था जब एपीजे अब्दुल कलाम आजाद ने डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके अलावा इसी दौरान आजाद साहब की अध्यक्षता में स्वदेशी मिसाइलों के विकास के एक कमेटी भी बनाई गई थी। वहीं सबसे पहले एक सीमित एवं मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर दिया गया। इसके बाद पृथ्वी से हवा में मार करने वाली टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहकिल (रेक्स) बनाने पर जोर डाला गया।

दूरदर्शी सोच रखने वाले कलाम जी के नेतृत्व में सन् 1988 में पृथ्वी, साल 1985 में त्रिशूल और 1988 में ‘अग्नि’ मिसाइल का परीक्षण किया गया। इसके अलावा अब्दुल कलाम जी की अध्यक्षता में  आकाश, नाग नाम की मिसाइलें भी बनाईं गईं।

साल 1998 में एपीजे अब्दुल कलाम जी ने रुस के साथ मिलकर भारत ने ब्रह्रोस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम करने की शुरुआत की। आपको बता दें कि ब्रह्रोस एक ऐसी मिसाइल है, जिसे आकाश, पृथ्वी और समुद्र कहीं पर भी दागा जा सकता है। इसी साल उन्होंने ह्रद्य चिकित्सक सोमा राजू के साथ मिलकर एक सस्ता ”कोरोनरी स्टेंट” का विकास किया, जिसे कलाम-राजू स्टेंट नाम दिया गया।

विज्ञान के क्षेत्र में अब्दुल कलाम जी के द्धारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान और सफलताओं के बाद उनका नाम दुनिया के सबसे मशहूर वैज्ञानिकों में गिना जाने लगा और उनकी ख्याति ‘मिसाइल मैन’ के रुप में  दुनिया के चारों कोनों में फैल गई। वहीं विज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।

देश के सबसे पहले गैरराजनीतिज्ञ राष्ट्रपति के रुप में –

भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद जी द्धारा भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने एवं विज्ञान एवं भारतीय अनुसंधान एवं रक्षा के क्षेत्र में उनके द्धारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से वे दुनिया भर में इतने मशहूर हो गए कि राजनैतिक जगत में कई राजनैतिक पार्टियां भी भी उनके नाम को भुनाने के जुगत में लग गईं।

एपीजे अब्दुल कलाम जी की प्रसिद्धि को देखते हुए सन 2002 में NDA की गठबंधन सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्हें अपना एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया, वहीं एपीजे की राष्ट्रपति उम्मीदवारी को विपक्ष ने बिना किसी विरोध के स्वीकार कर लिया। इसके बाद राष्ट्रपति के चुनाव में कलाम साहब जी ने अपने विरोधी लक्ष्मी सहगल को भारी वोटों से हराकर विजय प्राप्त की और फिर साल 2002 में देश के 11वें राष्ट्रपति के पद की शपथ ली।

इसी के साथ कलाम साहब देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति बने जिनका राष्ट्रपति बनने से पहले राजनीति से कोई वास्ता नहीं था, इसके साथ ही वे देश के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे, जो इस पद पर सुशोभित हुए, राष्ट्रपति के पद की कमान संभालने के साथ ही उन्होंने देश के सभी वैज्ञानिकों का सीना फक्र से चौड़ा कर दिया।

इसके साथ ही अब्दुल कलाम जी देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने वाले ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे, जिन्हें इस पद पर बैठने से पहले भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। इससे पहले डॉ. जाकिर हुसैन और डॉ राधाकृष्णन को राष्ट्रपति बनने से पहले इस सम्मान से नवाजा जा चुका था।

वहीं राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे अपने स्तर पर लोगों से मिलते रहते थे, आम लोगों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। वहीं कई पत्रों का जबाव तो वे खुद अपने हाथों से लिखकर देते थे, इसलिए उन्हें ”जनता का राष्ट्रपति” (पीपुल्स प्रेसीडेंट) भी कहा गया। डॉ. अब्दुल कलाम जी के मुताबिक, राष्ट्रपति के रूप में उनके द्वारा लिए गए सबसे मुश्किल फैसलों में लाभ के कार्यालय के बिल पर हस्ताक्षर करना था।

यही नहीं साल 2001 में संसद हमलों में दोषी पाए गए कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरू समेत 21 में से 20 लोगों की दया याचिकाओं के भाग्य के फैसलों की निष्क्रियता के लिए अब्दुल कलाम जी को एक राष्ट्रपति रूप में काफी आलोचनाएं भी सहनी पड़ी थीं।

राष्ट्रपति पद छोड़ने का बाद का सफर –

भारत की ‘अग्नि’ मिसाइल को उड़ान देने वाले मशहूर वैज्ञानिक अब्दुल कलाम आजाद जी ने अपने 11वें राष्ट्रपति के तौर पर 5 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद भी वे अपने काम के प्रति उतने ही ईमानदारी और निष्ठा के साथ समर्पित रहे। राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद वे टीचिंग, रिसर्च, लेखन, सार्वजनिक सेवा जैसे कार्यों में अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से जुट गए।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, शिलांग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट इंदौर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट अहमदाबाद जैसे इंस्टीट्यूट से गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। अब्दुल कलाम  जी ने IIT हैदराबाद, अन्ना यूनिवर्सिटी एवं बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) में भी इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी का विषय पढ़ाया था।

इसके अलावा कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर के फेलो, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी तिरुवनंतपुरम के वाइस चांसलर और चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर अपनी जिंदगी के आंखिरी पलों तक काम करते रहे।

अब्दुल कलाम जी हमेशा देश की प्रगित और विकास के बारे में सोचने वाले शख्सिसयत थे, जिन्होंने देश के युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के उद्देश्य से उनके लिए ”व्हाट कैन आई गिव” पहल की भी शुरुआत की थी।

इसके साथ ही आपको बता दें कि देश के हर नागरिक के दिल में अपने लिए प्यार और सम्मान जगाने वाले कलाम जी को छात्रों से खास लगाव था। वहीं अब्दुल कलाम जी के इस खास लगाव को देखते हुए देखकर संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन को ‘विधार्थी दिवस’ ( World Students’ Day ) के रुप में मनाने का भी फैसला लिया है।

किताबें –

भारत के एक महान वैज्ञानिक, कुशल राजनैतिक और प्रख्यात टीचर होने के साथ-साथ अब्दुल कलाम जी एक महान लेखक भी थे, अब्दुल कलाम जी को शुरु से ही लिखने का शौक था, वहीं उनके द्धारा लिखी कुछ प्रसिद्ध किताबों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

  • ‘इंडिया 2020: अ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम’,
  • ‘इग्नाइटेड माइंडस: अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’,
  • ‘विंग्स ऑफ़ फायर: ऐन ऑटोबायोग्राफी’,
  • ‘इंडोमिटेबल स्पिरिट’
  • ‘मिशन इंडिया’
  • एडवांटेज इंडिया
  • ”यू आर बोर्न टू ब्लॉसम”
  • ‘इन्सपायरिंग थोट्स’
  • ”माय जर्नी”
  • ”द ल्यूमिनस स्पार्क्स”
  • रेइगनिटेड

सम्मान और उपलब्धियां –

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी द्धारा तकनीकी और विज्ञान में दिए गए उनके महत्वपूर्ण योगदान एवं समाज में उनके द्धारा किए गए महत्वपूर्ण कामों के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न समेत पदम भूषण, पदम विभूषण समेत कई बड़े पुरस्कारों से सम्म्मानित किया गया।

इसके साथ ही उनके सम्माम में दुनिया की 35 से भी ज्यादा यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा। अब्दुल कलाम जी को मिले पुरस्कारों की लिस्ट नीचे दी गई है –

अब्दुल कलाम जी को मिले पुरस्कारों की लिस्ट:

भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
भारत सरकार द्धारा पद्म विभूषण से नवाजा गया
भारत सरकार द्धारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
IEEE होनोअरी मेंबरशिप (मानद सदस्यता)
इंदिरा गांधी पुरस्कार से नवाजा गया।
भारत सरकार द्धारा वीर सावरकार पुरस्कार
चेन्नई के अलवर रिसर्च सेंटर ने रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया
संयुक्त राष्ट्र ने कलाम जी की जयंती को “विश्व छात्र दिवस”के रुप में मान्यता दी।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का सरल स्वभाव एवं प्रेरक व्यक्तित्व भारत के मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद जी ने अपने प्रेरक और प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव हर भारतीय पर छोड़ा था। बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाम साहब बेहद सौम्य एवं सरल स्वभाव वाले व्यक्ति थे, जो हर काम को बेहद बुद्दिमानी और संजीदगी के साथ उसके मुकाम तक पहुंचाते थे।

कलाम जी ने अपने जीवन में कठिन परिस्थितयों में पूरी हिम्मत और धैर्य के साथ कठोर संघर्षों का सामना किया और आगे बढ़ने का लक्ष्य लेकर वे ईमानदारी और निष्ठा के साथ आगे बढ़ते रहे और देश के एक मशूहर वैज्ञानिक और पहले गैरराजनैतिज्ञ राष्ट्रपति बनकर सभी के प्रेरणास्त्रोत बने।

देश में अग्नि मिसाइल की उडा़न भरने वाले कलाम जी के  महान विचार और प्रखर वाकशक्ति हर किसी को मंत्र-मुग्ध करती थी और नौ जवानों के दिल में कुछ नया करने का जोश भरती थी। उनकी दूरदर्शी सोच का अंदाजा उनके द्दारा लिखी गईं किताबों और उनके महान विचारों द्धारा लगाया जा सकता है।

कलाम जी का कहना था कि –

”सपने वो नहीं है जो आप सोते वक्त देखें, बल्कि सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने दें” इसके अलावा उनके द्धारा दिए गए कई अन्य ऐसे अनमोल विचार हैं, जो युवाओं के अंदर उनकी जिंदगी में आगे बढ़ने का जज्बा पैदा करती हैं, और अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करते हैं –

महान विचार –

  • ”अगर आप अपने किसी प्रयास में FAIL हो जाएं तो फिर से कोशिश करना बिल्कुल भी न छोड़ें क्योंकि, FAIL का मतलब होता है – First Attempt in Learning.
  • अपनी पहली सफलता के बाद आराम करने के बारे में बिल्कुल भी न सोचें क्योंकि अगर आप दूसरे प्रयास में असफल होंगे, तो सब लोग आपसे यही कहेंगे कि पहली सफलता आपको किस्मत से मिली थी।
  • रचनात्मकता का मतलब एक ही चीज के बारे में अलग-अलग ढंग से सोचना है।
  • अगर तुम भी चाहते हो कि तुम सूरज की तरह चमको, तो इससे पहले सूरज की तरह जलो।
  • हमें अपनी जिंदगी में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और ना ही समस्याओं को खुद को हराने देना चाहिए।
  • शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।

मृत्यु –

भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्ना राष्ट्र बनाने वाले अब्दुल कलाम जी को विद्यार्थियों के साथ अपना समय बिताना बेहद अच्छा लगता था। एक एक अध्यापक के रुप में हमेशा विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश में रहते थे।

वहीं 25 जुलाई, सन् 2015 में कलाम जी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग (IIM, शिलांग) में एक फंक्शन के दौरान लेक्चर दे रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत शिलांग के हॉस्पिटल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया और इसी दौरान उन्होंने अपनी जीवन की अंतिम सांस ली।

कलाम जी के शवयात्रा में अपने चहेते राजनेता के अंतिम दर्शन के लिए लाखों की तादाद में भीड़ उमड़ी। कलाम जी का अंतिम संस्कार रामेश्वर में उनके पैतृक गांव में किया गया। इस तरह भारत का यह महान शख्सियत हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गया। हालांकि उनकी तमाम यादें आज भी हर भारतीय के दिल में जिंदा है।

कलाम जी जैसी महान शख्सियत का भारत देश में जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। वहीं कलाम जी का संघर्षपूर्ण जीवन और उनके महान विचार हर व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। ज्ञानी पंडित की पूरी टीम की तरफ से भारत के इस महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी को भावपूर्ण श्रंद्धाजली ।।

25 thoughts on “ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी”

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Woow Nice biography of A P J Abdul Kalam I like kalam

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अब्दुल कलाम जी बहुत नम्र थे | छात्रों में वों जादा लोकप्रिय थे | इसलिये छात्रोंको प्रश्न पुछने का अवसर देते थे | बहुत अच्छा आर्टिकल है | धन्यवाद

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THIS ESSAY IS VERY INTERESTING. I GET ALL INFORMATION HERE ABOUT A. P. J. ABDUL KALAM JI. THANKS

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Very good biography of APJ Abdul Kalam sir, I want to details information about Agni missile.

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।

उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।

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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।

एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी। 

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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न,  पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।

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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।

Thanks for Reading: Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Srikanth

Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation topic, which i am going to present in school.

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APJ Abdul Kalam Biography In Hindi,Misileman, Rastrapati, President, Wiki, Biography

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की संपूर्ण जीवनी |APJ Abdul Kalam Biography In Hindi

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम,(APJ Abdul Kalam ) जिन्हें “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे जिन्होंने देश के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे, वह साधारण शुरुआत से उठकर भारत की सबसे प्रिय शख्सियतों में से एक बन गए। डॉ. कलाम के शानदार करियर में भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों, विशेष रूप से सफल पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण योगदान शामिल था। 2002 में, उन्होंने 11वें राष्ट्रपति के रूप में भारत में सर्वोच्च संवैधानिक पद ग्रहण किया, जहाँ उनकी सादगी, विनम्रता और प्रेरणादायक भाषणों ने उन्हें देश का प्रिय बना दिया। अपनी राजनीतिक भूमिका से परे, डॉ. कलाम एक विपुल लेखक और एक प्रेरणादायक वक्ता थे, जिनकी “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” जैसी किताबें अनगिनत व्यक्तियों, विशेष रूप से युवाओं को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी विरासत विज्ञान, शिक्षा और समाज की भलाई के प्रति अटूट समर्पण की है और उनका प्रभाव पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है। डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को एक व्याख्यान देते समय निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत उनके शब्दों, कार्यों और उनके द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों के माध्यम से जीवित है।

डॉ . ए . पी . जे एक वैज्ञानिक के रूप में अब्दुल कलाम का करियर | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s career as a scientist

  • अंतरिक्ष अनुसंधान : डॉ. कलाम इसरो में शामिल हुए और भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रमों में योगदान दिया।
  • उल्लेखनीय भूमिका : उन्होंने भारत के पहले उपग्रह, रोहिणी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • मिसाइल विकास : अब्दुल कलाम बाद में डीआरडीओ में शामिल हो गए, जहां उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास में प्रयासों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” उपनाम मिला।

डॉ . ए . पी . जे . पोखरण – द्वितीय परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम की भागीदारी | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s involvement in the Pokhran-II nuclear tests

  • परमाणु परीक्षण : डॉ. कलाम ने 1998 में पोखरण में भारत के सफल परमाणु परीक्षणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • ऐतिहासिक क्षण : इन परीक्षणों ने भारत के परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र के रूप में उद्भव को चिह्नित किया।
  • राष्ट्रीय महत्व : पोखरण-द्वितीय परीक्षणों का भारत की रक्षा क्षमताओं और वैश्विक परमाणु राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।

डॉ . ए . पी . जे . मिसाइल विकास में अब्दुल कलाम का योगदान |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s contributions to missile development

  • नेतृत्व : डॉ. कलाम ने विभिन्न बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में नेतृत्व प्रदान किया।
  • “ मिसाइल मैन ऑफ इंडिया “: उनके प्रयासों से उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” की उपाधि मिली।
  • उ ल्लेखनीय मिसाइलें : उन्होंने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाते हुए अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में योगदान दिया।

डॉ . ए . पी . जे . भारत के राष्ट्रपति के रूप में अब्दुल कलाम का कार्यकाल |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s tenure as President of India

  • निर्वाचित राष्ट्रपति : डॉ. कलाम 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये।
  • लोकप्रिय व्यक्ति : वह भारत के इतिहास में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित राष्ट्रपतियों में से एक बन गए।
  • सादगी और प्रेरणा : अपनी सादगी और प्रेरणादायक भाषणों के लिए जाने जाने वाले उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।

डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का लेखन और प्रेरणा | Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s writing and inspiration

  • विपुल लेखक : डॉ . कलाम ने कई किताबें लिखीं, जिनमें “विंग्स ऑफ फायर” और “इग्नाइटेड माइंड्स” शामिल हैं।
  • प्रेरक साहित्य : उनकी पुस्तकों ने अनगिनत व्यक्तियों, विशेषकर छात्रों को अपने सपनों को साकार करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया है।
  • प्रेरक वक्ता : वह एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता थे, जो लोगों को उत्कृष्टता हासिल करने और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति पद के बाद का कार्य |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s post-presidential work

  • निरंतर संलग्नता : अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद, डॉ. कलाम विभिन्न शैक्षिक और वैज्ञानिक पहलों में सक्रिय रूप से लगे रहे।
  • परामर्शदाता : उन्होंने विशेषकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं को प्रेरित करना और मार्गदर्शन करना जारी रखा और कई लोगों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया।
  • विरासत निर्माण : डॉ. कलाम ने भावी पीढ़ियों के लिए शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता की एक स्थायी विरासत छोड़ने की पहल पर काम किया

ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की विरासत |Dr. A.P.J. Abdul Kalam’s legacy

  • प्रेरक व्यक्तित्व : डॉ. कलाम सभी उम्र के लोगों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणा के स्थायी स्रोत बने हुए हैं।
  • दूरदर्शी नेता : उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने शिक्षा, नवाचार और आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया।
  • वैज्ञानिक प्रगति : भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में उनका योगदान देश की प्रगति को प्रभावित करता रहा है।
  • लोकप्रिय लेखक : उनकी किताबें और भाषण व्यक्तियों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
  • शैक्षिक पहल : शिक्षा और मार्गदर्शन में डॉ. कलाम के काम ने भारत के शैक्षिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

डॉ . ए . पी . जे . अब्दुल कलाम की मृत्यु |Dr. A.P.J. Abdul Kalam death

APJ Abdul Kalam ki Family

  • निधन : डॉ . ए.पी.जे. 27 जुलाई 2015 को अब्दुल कलाम का निधन हो गया।
  • स्थान : भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ।
  • अंतिम क्षण : डॉ . कलाम व्याख्यान के दौरान गिर पड़े और उन्हें तुरंत बेथनी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
  • सार्वजनिक शोक : उनकी मृत्यु पर भारत और दुनिया भर के लोगों ने शोक और संवेदना व्यक्त की।
  • विरासत जारी है: हालाँकि वह अब हमारे साथ नहीं हैं, डॉ. कलाम की विरासत उनके लेखन, भाषणों और भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक परिदृश्य पर उनके प्रभाव के माध्यम से जीवित है।
  • राष्ट्रीय शोक : भारत में सात दिन का राजकीय शोक मनाया गया और उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग शामिल हुए।

अब्दुल कलाम के सबसे प्रसिद्ध उद्धरण एक |A.P.J. Abdul Kalam most famous quotes presented .

  • “सपने देखो, सपने देखो, सपने देखो। सपने विचारों में बदल जाते हैं और विचार कार्य में परिणित होते हैं।”
  • “अपने सपने सच होने से पहले आपको सपने देखना होगा।”
  • “अपनी पहली जीत के बाद आराम न करें क्योंकि अगर आप दूसरी जीत में असफल हो जाते हैं, तो अधिक लोग यह कहने के लिए इंतज़ार कर रहे होते हैं कि आपकी पहली जीत सिर्फ किस्मत थी।”
  • “यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।”
  • “उत्कृष्टता संयोग से नहीं होती। यह एक प्रक्रिया है।”
  • “हम सभी में समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन हम सभी के पास अपनी प्रतिभा विकसित करने का समान अवसर है।”
  • “रचनात्मकता भविष्य में सफलता की कुंजी है, और प्राथमिक शिक्षा वह जगह है जहां शिक्षक उस स्तर पर बच्चों में रचनात्मकता ला सकते हैं।”
  • “देश का सबसे अच्छा दिमाग कक्षा की आखिरी बेंचों पर पाया जा सकता है।”
  • “सीखना रचनात्मकता देता है, रचनात्मकता सोच की ओर ले जाती है, सोच ज्ञान प्रदान करती है और ज्ञान आपको महान बनाता है।”
  • “मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि सफलता का आनंद लेने के लिए वे आवश्यक हैं।”

प्रेरक विचार | Motivatinal Thoughts

  • अपने आप पर यकीन रखो : आत्मविश्वास आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने की कुंजी है। अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें, और दूसरे भी करेंगे।
  • विफलता को गले लगाओ : असफलता अंत नहीं है; यह सफलता की ओर एक सीढ़ी है। अपनी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ते रहें।
  • स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें : अपने लक्ष्यों को स्पष्टता के साथ परिभाषित करें। उद्देश्य की स्पष्ट समझ होने से आपको प्रेरित और केंद्रित रहने में मदद मिलती है।
  • कार्यवाही करना : कार्रवाई के बिना सपने सिर्फ कल्पनाएँ हैं। अपने लक्ष्यों की ओर लगातार और उद्देश्यपूर्ण कदम उठाएँ।
  • लगातार बने रहें : सफलता के लिए अक्सर दृढ़ता की आवश्यकता होती है। बाधाओं का सामना होने पर भी चलते रहें।
  • लचीला बनें : जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है। लचीलापन असफलताओं से उबरने की क्षमता है।
  • अपने आप को सकारात्मकता से घेरें : आप जिस संगति में रहते हैं और जिस जानकारी का आप उपभोग करते हैं, वह आपकी मानसिकता पर बहुत प्रभाव डाल सकती है। अपने आप को सकारात्मकता और प्रेरणा से घेरें।
  • लगातार सीखना : कभी सीखना मत छोड़ो। जितना अधिक आप जानेंगे, आप चुनौतियों पर विजय पाने के लिए उतने ही अधिक सुसज्जित होंगे।
  • वर्तमान पर ध्यान दें : हालाँकि भविष्य के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में जीना न भूलें। आज के कार्य कल के परिणामों को आकार देते हैं।
  • छोटी जीत का जश्न मनाएं : अपनी उपलब्धियों को पहचानें और उनका जश्न मनाएं, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हों। यह आपको प्रेरित रखता है और प्रगति को सुदृढ़ करता है।
  • दूसरों की मदद करें : दयालुता और दूसरों की मदद करने के कार्य अत्यंत संतुष्टिदायक और प्रेरक हो सकते हैं।
  • सफलता की कल्पना करें : अपने लक्ष्यों और सफलता की कल्पना करने से उन्हें अधिक प्राप्य महसूस हो सकता है और आप प्रेरित रह सकते हैं।
  • आभारी रहें : आपके पास जो कुछ भी है उसके प्रति कृतज्ञता से अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रेरणा में वृद्धि हो सकती है।
  • जोखिम लें : अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने और परिकलित जोखिम लेने से व्यक्तिगत विकास और नए अवसर मिल सकते हैं।
  • सकारात्मक बने रहें : एक सकारात्मक दृष्टिकोण चुनौतियों पर काबू पाने और सफलता प्राप्त करने में एक शक्तिशाली शक्ति हो सकता है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, एक भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

डॉ. कलाम का भारत के लिए क्या योगदान था?

डॉ. कलाम भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से देश के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान और बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पृष्ठभूमि क्या है?

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनकी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि थी और उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा संगठनों में विभिन्न वैज्ञानिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।

डॉ. कलाम की प्रसिद्ध पुस्तक कौन सी है?

भारत के लिए डॉ. कलाम का दृष्टिकोण क्या है, डॉ. कलाम को कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए.

डॉ. कलाम को कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न और इंजीनियरिंग पुरस्कार हूवर मेडल शामिल हैं।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन कैसे हुआ?

डॉ. कलाम का 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्यान देते समय निधन हो गया। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक क्या है?

अब्दुल कलाम राष्ट्रीय स्मारक तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक संग्रहालय है, जो डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन और उपलब्धियों को समर्पित है।

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अब्दुल कलाम के भाषण “हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?” | Speech of A.P.J. Abdul Kalam in Hindi

a p j abdul kalam essay hindi

अब्दुल कलाम के भाषण “हम भारत के लिए क्या कर सकते हैं?” | Speech of A.P.J. Abdul Kalam on “What Can We Do for India ?” in Hindi Language!

भारत के सन्दर्भ में मेरे तीन स्वप्न है । हमारे इतिहास के तीन हजार सालों में समस्त विश्व से लोग यहां आये, हमारे ऊपर आक्रमण किये, हमारी धरती पर आधिपत्य स्थापित किया और हमारे मस्तिष्क को गुलाम बनाया ।

अलेक्लेण्डर से लेकर तुर्क, मुगल, पुर्तगाली, ब्रिटिश, फ्रांसीसी, डच-ये सभी यहां आये, हमें लूटा और जो कुछ हमारा था उस पर कब्जा कर लिया । लेकिन हमने किसी अन्य राष्ट्र के साथ ऐसा कभी नहीं किया । हमने किसी को जीतकर गुलाम नहीं बनाया ।

हमने उसकी जमीन पर अपना कब्जा नहीं किया उनकी संस्कृति और इतिहास को नष्ट नहीं किया और न ही अपनी जीवनशैली को उन पर थोपने का प्रयास किया । क्यों ? क्योंकि हम दूसरों की स्वतन्त्रता का सम्मान करते हैं, इसीलिए मेरा पहला स्वप्न आजादी का है ।

ADVERTISEMENTS:

मेरा मानना है कि भारत ने आजादी का पहला स्वप्न सन् 1857 में देखा । हमें हर हाल में इस स्वतन्त्रता की रक्षा करनी चाहिए उसकी जड़ों को मजबूत बनाना चाहिए । यदि हम आजाद नहीं रहेंगे तो कोई भी हमारा सम्मान नहीं करेगा । भारत के सन्दर्भ में मेरा दूसरा स्वप्न विकास का है । हम पचास सालों तक विकासशील राष्ट्र रहे हैं ।

अब वक्त आ गया है कि हम अपने को विकसित राष्ट्र के रूप में देखें । हम सकल घरेलू उत्पाद जी॰डी॰पी॰ के मामले में विश्व के पांच शीर्ष राष्ट्रों में आते हैं । हमारे अधिकतर क्षेत्रों में विकास की दर 10 प्रतिशत है । हमारी निर्धनता का स्तर गिर रहा है । हमारी उपलब्धियों को आज विश्व में मान्यता मिल रही है ।

इसके बाबुजूद हम आत्मविश्वास की कमी के कारण अपने को विकसित आत्मनिर्भर और आत्म-आश्वस्त राष्ट्र के रूप में नहीं देख रहे हैं । मेरा तीसरा स्वप्न है कि भारत विश्व की बराबरी में खड़ा हो सके । मेरा मानना है कि जब तक भारत विश्व की बराबरी में खड़ा नहीं होगा कोई भी हमारा सम्मान नहीं करेगा । केवल शक्ति ही शक्ति का सम्मान करती है ।

हमें सैन्य शक्ति के साथ-साथ आर्थिक शक्ति भी बनना होगा । मुझे तीन महान् लोगों-अन्तरिक्ष विभाग के डॉ॰ विक्रम साराभाई उनके उत्तराधिकारी प्रो॰ सतीश धवन और परमाणु मैटीरियल के जनक डॉ॰ ब्रह्म प्रकाश के साथ काम करने का सौभाग्य मिला । मैं इसे अपने जीवन का महान् अवसर मानता हूं ।

मेरे कैरियर में चार उपलब्धियां रही हैं । पहली मैंने बीस वर्ष इसरो में व्यतीत किये । मुझे भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान एस॰एल॰वीं॰ 3 का परियोजना निदेशक बनने का मौका दिया गया । एस॰एल॰वी॰ 3 द्वारा ही ‘रोहिणी’ का प्रक्षेपण हुआ था । मेरे वैज्ञानिक जीवन में इन वर्षों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की ।

दूसरी, इसरो के पश्चात् मैं डी॰आर॰डी॰ में गया । वहां मुझे भारत के प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला । सन् 1994 में जब ‘अग्नि मिशन’ की सारी आवश्यकताएं पूरी हो गयीं तो मेरी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहा । यह मेरी दूसरी उपलब्धि थी । तीसरी परमाणु ऊर्जा विभाग और डी॰आर॰डी॰ओ॰ की शानदार साझेदारी में 11 और 13 मई को परमाणु परीक्षण हुए । यह तीसरी उपलब्धि थी ।

इन परमाणु परीक्षणों में अपनी टीम के साथ भाग लेने की मुझे बहुत खुशी थी । हमने विश्व के समक्ष साबित कर दिया कि भारत न केवल परमाणु परीक्षण कर सकता है अपितु वह विकसित देशों की पंक्ति में भी आ गया है ।  मुझे इस उपलब्धि से भारतीय के रूप में अपने ऊपर बहुत गर्व हुआ ।

हमने ‘अग्नि’ के लिए अब एक री-एण्ट्री ढांचा विकसित कर लिया है । साथ ही इसके लिए एक अत्यन्त हल्का नया मैटीरियल कार्बन-कार्बन भी विकसित किया है । चौथी एक दिन निजाम इंस्टीट्‌यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक आर्थापीडिक सर्जन मेरी प्रयोगशाला में आये । जब उन्होंने मैटीरियल को उठाया तो उसे बहुत हल्का पाया । वे मुझे अस्पताल ले गये और अपने मरीजों को दिखाया ।

वहां छोटे-छोटे लड़के-लड़कियां थीं जिनके दोनों पैरों में 3-3 कि॰ग्रा॰ के धातु के कैलिपर लगे हुए थे । वे इधर-उधर पैर घिसटते हुए चल रहे थे । सर्जन ने कहा: ‘कृपया मेरे मरीजों की पीड़ा दूर कर दीजिये ।’ हमने तीन सप्ताह में फ्लोर रियेक्टान वाले ऑर्थोसिस के कैलिपर बनाये, जिनमें से प्रत्येक का भार 300 ग्राम था । हम उन्हें ऑर्थोसिस सेण्टर में ले गये ।

बच्चों को अपनी आखों पर विश्वास नहीं हो रहा था । पहले वे अपने पैरों पर 3 कि॰ग्रा॰ वजन लादकर घिसटते हुए चलते थे परन्तु अब वे आसानी से यहां-वहां चल-फिर सकते थे । यह मेरी चौथी उपलब्धि थी । यहां का मीडिया इतना नेगेटिव क्यों है ? हम भारतीय अपनी स्वयं की शक्ति पहचानने में इतना क्यों घबराते हैं? हम एक महान् राष्ट्र हैं । हमारी सफलता की कहानियां हैरान करने वाली हैं ।

लेकिन हम उन्हें अस्वीकृत कर देते हैं । क्यों ? हम दुग्ध उत्पादन में संसार में उच्च स्तर पर हैं । हम दूरसम्बेदी उपग्रहों में सबसे ऊपर हैं । गेहूं उत्पादन के मामले में हम दूसरे स्थान पर आते हैं । हम चावल के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं । डॉ॰ सुदर्शन को देखिये, उन्होंने एक आदिवासी गांव को स्वपोषित आत्मनिर्भर बना दिया ।

इस प्रकार की लाखों उपलब्धियां हैं, लेकिन हमारा मीडिया बुरी खबरों विफलताओं और आपदाओं के ही पीछे पड़ा रहता है । मैं एक बार तेल अबीब में था और एक इजराइली समाचारपत्र पढ़ रहा था । पिछले दिन इजराइल पर कई आक्रमण हुए थे बम बरसाये गये थे और अनेक मौतें हुई थीं ।

हमास ने आक्रमण किये थे, लेकिन समाचारपत्र के प्रथम पेज पर एक यहूदी भद्र पुरुष की फोटो छपी थी जिन्होंने पांच सालों में अपनी ऊसर जमीन को ऑर्किड और उपजाऊ जमीन में परिवर्तित कर दिया था ।  प्रात: काल उठकर लोगों ने सबसे पहले वह प्रेरक फोटो देखी । हत्या बमबारी और मौत की भयानक खबरें अन्दर के पेजों में छपी थीं । भारत में हम केवल मौत बीमारी आतंकवाद और अपराध की खबरें पढ़ते हैं ।

आखिर हम इतना नेगेटिव क्यों हैं ? एक अन्य प्रश्न एक राष्ट्र के रूप में हम विदेशी वस्तुओं के प्रति इतने आसक्त क्यों हैं ? हम विदेशी टेलीविजन चाहते हैं, हम विदेशी कमीज चाहते हैं, हम विदेशी टेस्नोलॉजी चाहते हैं । प्रत्येक आयातित वस्तु के प्रति इतना प्रेम क्यों रखते हैं ? क्या हम इस बात को महसूस नहीं करते कि आत्मनिर्भरता से आत्मसम्मान आता है ?

जब मैं हैदराबाद में यह व्याख्यान दे रहा था तो चौदह वर्ष की एक लड़की ने मेरे ऑटोग्राफ के लिए कहा । मैंने उससे पूछा कि जीवन में उसका लक्ष्य क्या है ? उसने जवाब दिया: ‘मैं विकसित भारत में रहना चाहती हूं ।’  उस लड़की के लिए आपको और मुझे इस विकसित भारत का निर्माण करना होगा । आपको घोषणा करनी चाहिए कि भारत अल्प विकसित राष्ट्र नहीं है, अपितु विकसित राष्ट्र है ।

क्या अपने देश के विषय में सोचने के लिए आपके पास दस मिनट का वक्त है? आप कहते हैं कि हमारी सरकार अशक्त या असमर्थ है । आप कहते हैं कि हमारे कानून बहुत पुराने हैं । आप कहते हैं कि नगरपालिका कूड़ा नहीं उठाती । आप कहते हैं कि टेलीफोन खराब रहता है, ट्रेनें वक्त पर नहीं चलतीं, हमारी एअरलाइन विश्व में सबसे घटिया है, चिट्ठियां गन्तव्य पर कभी नहीं पहुंचतीं ।

आप कहते है कि हमारे देश को कुत्तों ने नोच डाला है । आप कहते हैं कि हमारा देश नरक है । आप कहते हैं और बस कहते ही रहते हैं । लेकिन आप इन सबके बारे में क्या करते हैं ? आप कभी सिंगापु       जाइये । जब आप हवाई अड्डे से बाहर निकलेंगे तो सब कुछ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का पायेंगे ।

प्रत्येक स्थान पर स्वच्छता दिखायी देगी । आप सड़कों पर सिगरेट का टुकड़ा नहीं फेंकेंगे या आप किसी स्टोर में खाना नहीं खायेंगे । आपको वहां के अण्डरग्राउण्ड लिंक्स को देखकर बहुत गर्व होगा । आपको आर्चर्ड रोड-जो कि माहिम कॉजवे या पेडर रोड के समतुल्य है: पर सन्ध्या के समय 5 से 8 बजे के मध्य ड़ाइव करने के लिए 5 डॉलर (लगभग 60 रुपये) चुकाना पड़ेगा ।

आपकी हैसियत चाहे जो भी हो यदि आप किसी रेस्तरां या शॉपिंग मॉल में ज्यादा समय तक ठहर जाते हैं, तो आपको पार्किंग में आकर अपना पार्किंग टिकट पंच कराना पड़ेगा । सिंगापुर में आप कुछ नहीं  कहते । आप रमजान के दौरान दुबई में सार्वजनिक रूप से खाने की हिम्मत नहीं कर सकते । आप बेहूदा में अपने सिर को ढके बिना बाहर जाने की हिम्मत नहीं कर सकते ।

आप लन्दन में अपने एस॰टी॰डी॰ और आई॰एस॰डी॰ कॉल्स का बिल किसी और के बिल में डालने के लिए 10 पाउण्ड (650 रुपये) प्रति माह पर टेलीफोन एक्सचेंज के किसी कर्मचारी को नहीं खरीद सकते । आप वाशिंगटन में 55 मील प्रति घण्टे (88 किलोमीटर प्रति घण्टे) से ज्यादा की रफ्तार से गाड़ी चलाने और फिर ट्रैफिक पुलिस से यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकते: ‘जानता है साला मैं कौन हूं ? मैं फलां का बेटा हूँ । दो रुपये लो और दफा हो जाओ ।

आप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड के समुद्र-तटों पर नारियल की खाली खोपड़ी कूड़ेदान के अतिरिक्त और कहीं नहीं फेंक सकते । आप टोकियो की सड़कों पर पान खाकर क्यों नहीं थूकते आप बोस्टन में परीक्षा में नकल क्यों नहीं करते या फर्जी सर्टिफिकेट क्यों नहीं खरीदते ? हम अभी भी आप ही की बात कर रहे हैं ।

आप दूसरे देश में वहां की व्यवस्था का सम्मान करते हैं, उसके नियम-कानून का पालन करते हैं, लेकिन अपने देश में नहीं । जिस क्षण आप भारत की धरती पर उतरते है, सड़कों पर कागज और सिगरेट के टुकड़े फेंकना आरम्भ कर देते हैं ।

यदि आप विदेश में जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं, तो अपने देश में क्यों नहीं ? एक बार मुम्बई के पूर्व निगमायुक्त श्री तिनेकर ने एक इण्टरव्यू में कहा था: ‘अमीर लोगों के कुत्तों को सड़कों पर शौच के लिए टहलाया जाता है और फिर वही लोग अक्षमता तथा गन्दे फुटपाथ के लिए अधिकारियों की आलोचना करते हैं और उन्हें दोषी ठहराते हैं ।

वे अधिकारियों से क्या करने की आशा करते हैं ? जिस वक्त उनके कुत्ते शौच के लिए सड़कों पर निकलते हैं क्या अधिकारी झाडू लेकर उनके पीछे-पीछे जायें ? अमेरिका में जब भी कोई कुत्ता शौच करता है, तो वह उसके मालिक को साफ करना पड़ता है । जापान में भी ऐसा ही है । क्या भारत में ऐसा सम्भव है ?’

तिनेकर की बात बिल्कुल सत्य है । हम सरकार चुनने के लिए मतदान करने जाते हैं और फिर अपनी सभी जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं । हम घर में बैठकर सरकार से लाड़-प्यार चाहते हैं । हम कुछ न करते हुए सरकार से प्रत्येक कार्य करने की आशा करते हैं ।

हम सरकार से स्वच्छता की आशा करते हैं लेकिन स्वयं चारों ओर कूड़ा फैलाते हैं । हम मार्ग पर पड़े हुए कागज के टुकड़ों को उठाकर कूड़ेदान में नहीं डालते । हम रेलवे से आशा करते हैं कि वह हमें साफ-सुथरा बाथरूम मुहैया करायेगा परन्तु हम बाथरूम का ठीक प्रकार से प्रयोग करना नहीं सीखते ।

हम चाहते हैं कि इण्डियन एअरलाइन्स और एअर इण्डिया हमें सर्वोत्तम खाना तथा प्रसाधन मुहैया करायें लेकिन अवसर मिलते ही हम उठाईगीरी से नहीं चूकते । यह बात उन कर्मचारियों पर भी लागू होती है, जो लोगों के प्रति अपने दायित्व को याद नहीं रखते ।

जब महिलाओं, दहेज, कन्या या अन्य से सम्बन्धित ज्वलन्त सामाजिक मुद्दे उठते हैं, तो हम ड़ाईगरूम में बैठकर शोर मचाते हैं, परन्तु स्वयं अपने घर में उसका विपरीत करते हैं । हमारा बहाना? ‘पूरी व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है । यदि मैं अकेले अपने पुत्रों की शादी में दहेज नहीं लूंगा तो उससे क्या अन्तर पड़ेगा ? तो व्यवस्था को बदलने कौन जा रहा है? व्यवस्था में कौन-से तत्त्व शामिल हैं ?

हम अपनी सुविधा के लिए कहते हैं कि व्यवस्था में हमारे पड़ोसी अन्य परिवार अन्य शहर अन्य समुदाय और सरकार सम्मिलित हैं, परन्तु निश्चित रूप से मैं और आप नहीं । जब व्यवस्था में हमारे सकारात्मक योगदान की बात आती है, तो हम अपने परिवार के साथ अपने को एक सुरक्षित खोल में बन्द कर लेते हैं, विदेशों से अपने देश की तुलना करते हैं और यह आशा करते हैं कि कोई मिस्टर क्लीन आयेगा और अपने जादुई हाथ से चमत्कार करेगा या हम देश छोड़कर भाग जाते हैं ।

आलसी और डरपोक लोगों की भांति हम अपने ही डर से व्यथित होकर अमेरिका चले जाते हैं और उनके वैभव तथा ऐश्वर्य का गुणगान करते हैं । जब न्यूयार्क असुरक्षित हो जाता है, तो हम इंग्लैण्ड भाग जाते  हैं । जब इंग्लैण्ड में बेरोजगारी आती है, तो हम अगली उड़ान से दुबई चले जाते हैं । जब खाड़ी में लड़ाई छिड़ती है, तो हम भारत सरकार से अपनी सुरक्षा और स्वदेश वापसी की गुहार लगाते हैं ।

प्रत्येक नागरिक देश को बरबाद करने के लिए तत्पर है । कोई भी व्यक्ति व्यवस्था को पुष्ट बनाने के विषय में विचार नहीं करता । हमारी चेतना पैसे की गुलाम बन गयी है । प्रिय भारतीयो ! यह लेख चिन्तन व आत्मनिरी क्षण के लिए प्रेरित करता है और अन्त :करण को झकझोरता है ।

मैं यहां जे॰एफ॰ केनेडी द्वारा अपने साथी अमेरिकियों से कहे गये शब्दों को भारत के सन्दर्भ में प्रस्तुत कर रहा हूं:  अपने से पूछिये कि आप भारत के लिए क्या कर सकते हैं । भारत को आज का अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश बनाने के लिए जो भी करने की आवश्यकता है, करिये ।’ हमें भारत की आशाओं के अनुरूप कार्य करना चाहिए ।

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a p j abdul kalam essay hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 2021 | A.P.J Abdul Kalam Essay in Hindi

A.P.J Abdul Kalam Essay in Hindi (Nibandh)  भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान व्यक्ति एपीजे अब्दुल कलाम जिनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलअबिदीन अब्दुल कलाम जो 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे थे। अब्दुल कलाम जी ने कड़ी मेहनत और लगन से वह सब हासिल किया जो एक इंसान सपना देखता है। उन्होंने अपना सारा जीवन देश की सेवा में निर्वाह कर दिया। पहले वह देश के महान वैज्ञानिक बने और फिर बाद में भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश सेवा की। भारत की वैज्ञानिक प्रगति में एपीजे अब्दुल कलाम का एक बहुत बड़ा योगदान है। आज भी उन्हें देश में बड़े सम्मान भाव से याद किया जाता है और उनकी कही बातों को भावी पीढ़ी को बताया जाता है। आज हम एपीजे अब्दुल पर निबंध लेकर आए। एपीजे अब्दुल कलाम पर स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा में अगर एस्से लिखने को आ जाए तो एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखे यह निबंध आपकी काफी मदद करेंगे।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 2019 | A.P.J Abdul Kalam Essay in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 2021

एपीजे अब्दुल कलाम अपने चाहने वालों के बीच मिसाइल मेन के नाम से काफी मशहूर है। भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लोंग, में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को हो गई थी। अब्दुल कलाम पर लिखे इन निबंध को पढ़ने के बाद आपको उनके बारे में सभी जानकारी मिल जाएगी। यह निबंध हिंदी हिंदी, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, मलयालम, पंजाबी, उड़िया आदि भाषा में उपलब्ध है।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।

वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।

अब्दुल कलाम की कविता 2021 | APJ Abdul Kalam Poem in Hindi

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘ इसरो ’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेज ों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

APJ Abdul Kalam Nibandh For Students

15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।

Abdul Kalam par Nibandh

डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।

एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण 2021 | APJ Abdul Kalam Speech in Hindi

उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

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तमिलनाडु के मध्यमवर्गीय परिवार में डॉ0 ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 ई0 को हुआ था। जिनका पूरा नाम- अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन था जो मछुआरों को किराये पर नाव देने का काम करते थे। इनका बचपन से ही पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊँचाइयों को छूने का सपना था। अपने इस सपने को साकार करने के लिए इन्होंने अखबार तक बेचा तथा मुफलिसी में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और संघर्ष करते हुए उच्च शिक्षा हासिल कर पायलट की भर्ती परीक्षा में सम्मिलित हुए। उस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद उनका चयन नहीं हो सका क्योंकि उस परीक्षा के द्वारा केवल आठ पायलटों का चयन होना था और सफल अभ्यर्थियों की सीटों में उनका नौवाँ स्थान था। इस घटना से निराशा होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दृढ़-निश्चय के बल पर उन्होंने सफलता की ऐसी बुलन्दियाँ हासिल कीं जिनके सामने सामान्य पायलटों की उड़ाने अत्यन्त तुच्छ नजर आती हैं।

Essay on Abdul Kalam in English

अगर आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने के लिए हिंदी में एस्से की तलाश कर रहे थे तो अब आपकी तलाश खत्म हो गई होगी। उम्मीद करते है अब्दुल कलाम जी पर लिखे निबंध आपकी मदद करने में कारगर साबित होंगे।

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Hindi Jaankaari

अब्दुल कलाम की कविता – APJ Abdul Kalam Poem in Hindi & Poetry

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है| उनका जन्म 15 ओक्टुबर 1931 में भारत के रामेश्वरम में हुआ था| उन्होंने अपने जीवन के 40 साल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में एक वैज्ञानिक रूप में बिताए| वे एक वैज्ञानिक होने के साथ साथ एक प्रचलित राजनेता थे| वे 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप अपना योगदान दिया| उन्हें भारत में मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है| उन्होंने भारत में बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अपना सर्वप्रथन योगदान दिया| ये कविता खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

A.P.J Abdul Kalam poem in hindi

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एक समपर्ण, एक था अर्पण था जिनका जीवन एक दर्शन। जन्में घर निर्धन के फिर भी पाया विशेष स्थान, देख भेदभाव बालपन से, हुआ मन बेताब। मानवता की सेवा करने उठाई आपने किताब। की चेष्टा कोई जीव चोट ना पावें, हर जन अपने हृदय, प्रेम अलख जगावें। टिकाए पैर ज़मी पर, मन पंछी ऊँचा आसमाँ पावें। किया निरतंर अभ्यास, न छोड़ी कभी आस, विफलताओं से हुए, न कभी आप निराश। किए निरंतर प्रयास पर प्रयास। देशभक्त्ति की आप हो एक मिसाल, जिसने जलाई देश में 2020 की मशाल। सपनों को विचार, विचार को गति, दी युवकों को ये संमति। देश को दी आपने पहचान नई। किया ‘ के-15 ‘ से मुकम्मल सुरक्षा इंतज़ाम। आप तो कमाल हो, श्रीमान कलाम। कर्मक्षेत्र था आपका विज्ञान, पर गीत संगीत में थे बसे आपके प्राण। आप बने बच्चों के हितैषी, दिया मंत्र, वे बने स्वदेशी। विश्व पटल पर रखी भारतीयों की मिसाल, आपके गुणों की है, खान अति विशाल। कलाम आप तो हैं कमाल! हर देशवासी हो नत मस्तक, करें आपको सलाम।

ए पी जे अब्दुल कलाम कविता

बोलते-बोलते अचानक धड़ाम से जमीन पर गिरा एक फिर वटवृक्ष फिर कभी नही उठने की लिए वृक्ष जो रत्न था, वृक्ष जो शक्ति पुंज था, वृक्ष जो न बोले तो भी खिलखिलाहट बिखेरता था चीर देता था हर सन्नाटे का सीना सियासत से कोसों दूर अन्वेषण के अनंत नशे में चूर वृक्ष अब नही उठेगा कभी अंकुरित होंगे उसके सपने फिर इसी जमीन से उगलेंगे मिसाइलें शन्ति के दुश्मनों को सबक सीखने के लिए वृक्ष कभी मरते नही अंकुरित होते हैं नये-नये पल्लवों के साथ वे किसी के अब्दुल होते है किसी के कलाम.

अब्दुल कलाम पर हिंदी कविता

APJ Abdul Kalam poems in Hindi

हमारा सलाम, कलाम के नाम आइये, एक महान आत्मा को सलाम करे, एक ऐसी आत्मा, जिन्होंने अपना जीवन, बलिदान कर दिया – हमारे लिए. आइये, श्रद्धांजलि दे एक ऐसी आत्मा को, जिन्होंने असम्भव को संभव किया हमारे लिए. आइये , एक महान आत्मा श्रद्धांजलि दे , जिसने अपने देश के लिए एक सपना देखा. आइये, हम अपने भूतपूर्व राष्ट्रपति को नमन करें, जिन्होंने हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित किया, जिनके किताबों और भाषण ने हमें प्रेरणा दी. आइये, एक ऐसे व्यक्ति को सलाम करे, जो किसी भी धर्म के बीच अंतर नही करते. एक ऐसे व्यक्ति को सलाम करे, जो सबके दिल पर राज करते हैं .

Abdul Kalam Poetry

देश का सच्चा सपूत था वो जात-पात से परे नेक बन्दा था वो फ़कीराना जिन्दगी जीकर जिसने देश को ताकतवर बनाया सबसे चाहिता राष्ट्रपति कहलाकर दिलों में अपनी जगह बनाया नम आँखों को छोड़ वो अनगिनत यादों में बस गया मिसाइल मेन कहलाने वाल अलविदा दोस्तों कह गया.

APJ Abdul Kalam poems in marathi

ओह! सीमा च्या डिफेंडर्स तू माझ्या देशात महान पुत्र आहेस जेव्हा आपण सर्व झोपलो असतो आपण अद्याप आपल्या कार्यवाहीवर अवलंबून आहे वारामय हवामान किंवा हिमवर्षाव दिवस किंवा सूर्यप्रकाशाच्या वेगाने धावणारे किरण आपण सर्व जागृत जागृत आहेत योगी म्हणून एकमेव विस्तार करत उंचीवर चढत किंवा खोऱ्याकडे वळणे वाळवंटांचे रक्षण करणे किंवा दलदलांचे रक्षण करणे समुद्रात संरक्षण आणि हवेचे संरक्षण करुन आपल्या युवकांचा पंतप्रधान राष्ट्रांना दिला !! माझ्या जमिनीचा वाऱ्याचा झोत तुमच्या पराक्रमाला कंपित करतो आम्ही आपल्यासाठी बहादुर पुरुष प्रार्थना करतो !! देव तुम्हाला सर्व आशीर्वाद देवो !!

APJ Abdul Kalam poem my mother in english

Oh! Defenders of borders You are great sons of my land When we are all asleep You still hold on to your deed Windy season or snowy days Or scorching sun’s sweltering rays You are there guarding all the time awake Treading the lonely expanses as yogis Climbing the heights or striding the valleys Defending the deserts or guarding the marshes Surveillance in seas and by securing the air Prime of your youth given to the nation!! Wind chimes of my land vibrate your feat We pray for you brave men!! May the Lord bless you all!!

APJ Abdul Kalam poem song of youth

जब चारो तरफ काला साया घिरके आया , मैंने जब खुद को तनहा पाया माँ उस समय मुझे तेरा ही चेहरा नज़र आया , माँ उस समय मुझे तेरा ही चेहरा नज़र आया खुद कष्ट सहकर तूने हमेशा मुझे उठाया , मेरे दुःख को अपना दुःख बनाया तेरी अंचल की छाव में आज भी मैंने खुद को सबसे सुरक्षित पाया तेरी अंचल की छाव में आज भी मैंने खुद को सबसे सुरक्षित पाया | तू देती हज़ार खुशियां है जिनकी कीमत नहीं चूका सकता मैं कभी पर इतना ही कह सकता हु तेरे जैसा कोई नहीं , तेरे जैसा कोई नहीं |

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